11 जुलाई 2009
खरीफ फसलों की बुवाई तेज हुई
खरीफ फसलों की बुवाई में तेजी आनी शुरू हो गई है। जून महीने में देश के कई राज्यों में मानसून में देरी के कारण बुवाई पिछड़ गई थी लेकिन जुलाई महीने में हुई बारिश से बुवाई बढ़ने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार आगामी दिनों में हालात में और सुधार आने की संभावना है। चालू महीने के अलावा कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बुवाई आंकड़ों के मुताबिक अभी तक देश में धान की 74.28 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है जोकि पिछले सप्ताह के मुकाबले करीब 95 फीसदी ज्यादा है। पिछले सप्ताह तक धान की मात्र 38.14 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी।इसी तरह से मोटे अनाजों ज्वार, बाजरा और मक्का की बुवाई में पिछले सप्ताह के मुकाबले चालू सप्ताह में 150 फीसदी का इजाफा हुआ है। अभी तक पूरे देश में 66.56 लाख हैक्टेयर में मोटे अनाजों की बुवाई हो चुकी है। जबकि पिछले सप्ताह तक बुवाई मात्र 26.60 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। इसमें ज्वार की 9.23 लाख हैक्टेयर, बाजरा की 20.25 लाख हैक्टेयर और मक्का की करीब 33.72 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई है। सामान्यत: खरीफ सीजन में 228.62 लाख हैक्टेयर में मोटे अनाजों की बुवाई होती है। कॉटन की बुवाई अभी तक 48.07 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जोकि गत सप्ताह के मुकाबले 155 फीसदी ज्यादा है। पिछले सप्ताह तक देश में मात्र 18.83 लाख हैक्टेयर में ही कॉटन की बुवाई हुई थी।चालू बुवाई सीजन में गन्ने की बुवाई सामान्य से ज्यादा क्षेत्रफल में हुई है। सामान्यत: देश में गन्ने की बुवाई 39.27 लाख हैक्टेयर में होती है जबकि अभी तक करीब 42.21 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। गन्ने की बुवाई में बढ़ोतरी सरकार के लिए राहत की बात हो सकती है। पिछले साल गन्ने की पैदावार में कमी के कारण चीनी उत्पादन में भारी गिरावट आई थी। इसलिए ऊंचे भावों पर विदेशों से चीनी का आयात करना पड़ रहा है।दलहन की बुवाई भी पिछले सप्ताह के मुकाबले 90 फीसदी बढ़ी है। अभी तक पूरे देश में 12.48 हैक्टेयर में दालों की बुवाई हो चुकी है जबकि गत सप्ताह तक मात्र 6.56 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। दलहनों के उत्पादन में पिछले साल कमी आने के कारण ही इस समय घरेलू बाजार में भाव रिकार्ड स्तर पर बने हुए हैं। अरहर, उड़द और मूंग की बुवाई में इस सप्ताह भारी इजाफा हुआ है।इसी तरह से तिलहनों की बुवाई में भी पिछले सप्ताह के मुकाबले करीब 58 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। चालू बुवाई सीजन में अभी तक पूरे देश में 56.07 लाख हैक्टेयर में तिलहनों की बुवाई हो चुकी है जबकि गत सप्ताह तक 35.58 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। तिलहनों में सोयाबीन की बुवाई 31.62 हैक्टेयर में, मूंगफली की 18.05 लाख हैक्टेयर में और सनफ्लावर की 2.91 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है।जूट की बुवाई अभी तक पूरे देश में 6.89 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। जबकि सामान्यत: इसकी बुवाई 8.24 लाख हैक्टेयर में होती है।हालांकि इस दौरान कई इलाकों में मानसून कमजोर पड़ने से कई फसलों की बुआई प्रभावित होने की भी आशंका जताई जा रही है। मध्यप्रदेश में अभी सोयाबीन को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि गुजरात में हालात सुधरने से मूंगफली की बुआई को सहारा मिल रहा है। लेकिन राजस्थान, पंजाब, और हरियाणा के साथ उत्तर प्रदेश और बिहार के कई इलाकों में अभी भी हालात बेहतर नही है। सरकार भी अब मानने लगी है बारिश में देरी से इन राज्यों में फसल प्रभावित हो सकती है। (Business Bhaskar....R S Rana)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें