लखनऊ July 29, 2009
कमजोर मानसून की वजह से उत्तर प्रदेश में इस खरीफ मौसम में धान की पैदावार प्रभावित होने के आसार के बीच कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि किसान अपने नुकसान की भरपाई दलहन से कर सकते हैं।
पार्याप्त बारिश के अभाव में अभी तक राज्य में मात्र 40-45 फीसदी धान की रोपाई हुई है, इस वजह से किसान अब दलहन और तिलहन पर अपना सारा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
इस बाबत कृषि वैज्ञानिक एस एस सिंह ने कहते हैं, 'कम रोपाई की वजह से धान की पैदावार कम होगी, लेकिन दूसरी तरफ दलहन और तिलहन की पैदावार में बढ़ोतरी हो सकती है। चूंकि, इस समय मसूर की कीमतों काफी अधिक हैं, इस वजह से दलहन की साधारण पैदावार की स्थिति में भी किसान इसे अपने नुकसान की भरपाई आसानी से कर सकते हैं।'
हालांकि, उन्होंने कहा कि राज्य में धान के पैदावार इस साल काफी कम रहेगी। दूसरी तरफ धान की कम पैदावार की वजह से चावल की कीमतें आसमान छू सकती है।
इस बाबत उत्तर प्रदेश चावल मिल मालिक एसोसिएयान के सचिव पी सी कनोदिया कहते हैं 'चूंकि इस साल अन्य राज्यों में भी धान की पैदावार काफी कम रह सकती है, इससे चावल की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।' पिछले साल उत्तर प्रदेश में धान की कुल पैदावार 135 लाख टन हुई थी। (BS Hindi)
30 जुलाई 2009
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