मुंबई July 22, 2009
कृषि जिंसों में कारोबार के लिहाज से सबसे ज्यादा संवेदनशील जिंस समझे जाने वाले ग्वारसीड की बुआई कम होने से इस साल उत्पादन घट सकता है।
जिससे ग्वारसीड की कीमतों में भारी तेजी आना तय माना जा रहा है। कीमतों में भारी घट-बढ़ की आशंका को देखते हुए मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एससीएक्स) ग्वारसीड का वायदा कारोबार दोबारा शुरू करने जा रहा है।
एमसीएक्स के मुख्य कारोबारी अधिकारी (सीबीओ) सुमेश भरतरामपुरिया ने बताया कि एमसीएक्स में अब ग्वारसीड के व्यापारी सितंबर, अक्टूबर और नवंबर अनुबंधों में सौदा कर सकेंगे। इन तीनों अनुबंधों में कारोबार 23 जुलाई से शुरू हो जाएगा।
ये अनुबंध बीकानेर आधारित होंगे, जबकि इसके पहले एमसीएक्स में ग्वारसीड का कारोबार जोधपुर आधारित अनुबंधों पर किया जाता था। ग्वारसीड की बड़ी मंडी न होने और डिलिवरी खर्च ज्यादा आने के वजह से एक्सचेंज ने जोधपुर आधारित ग्वारसीड अनुबंधों का वायदा कारोबार बंद कर दिया था।
सुमेश ने कहा कि ग्वारसीड का सबसे ज्यादा उत्पादन राजस्थान में होता है और बीकानेर ग्वारसीड की सबसे बड़ी मंडी है और यहां 90 फीसदी माल उतरता है। इसलिए लोकल कारोबारियों की सुविधाओं को देखते हुए बीकानेर आधारित अनुबंध जारी किये जा रहे हैं।
बीकानेर के अलावा गंगानगर, जोधपुर, नोखा और डीसा में डिलिवरी केंद्र होंगे। इन केंद्रों में एक्सचेंज ने सौदा करने वालों की सुविधा के लिए गंगानगर में पांच रुपये छूट, डीसा में 30 रुपये छूट और नोखा में अंकित मूल्य पर डिलिवरी की जाएगी जबकि जोधपुर में इस पर 20 रुपये प्रीमियम लिया जाएगा।
छूट देने के बारे में सुमेश का कहना है कि बीकानेर, नोखा और गंगानगर में ग्वारसीड की बड़ी मंडियां होने की वजह से वहां बड़े पैमाने पर हाजिर सौदे होते हैं जबकि दूसरी जगह डिलिवरी करने पर ट्रांसपोर्ट का खर्च आता है।
एमसीएक्स पर शुरू होने वाले ग्वारसीड के अनुबंधों में ट्रेडिंग इकाई 10 टन, कोटेशन वैल्यू 100 किलोग्राम, अधिकतम ऑर्डर साइज 1000 टन और टिक साइज एक रुपये निर्धारित की गई है। दैनिक आधार पर इन अनुबंधों के भावों में घट-बढ़ की सूरत में 3 प्रतिशत की ऊपरी सीमा तय की गई है। (BS Hindi)
23 जुलाई 2009
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