अहमदाबाद : रफ डायमंड की कीमतों में बढ़ोतरी और वैश्विक स्तर पर 20 फीसदी तक मांग बढ़ने से करीब 80,000 करोड़ रुपए की भारतीय डायमंड इंडस्ट्री में सुधार आने की उम्मीद बढ़ गई है। हालांकि, इन सकारात्मक खबरों के बावजूद देश के डायमंड राजधानी सूरत में निवेश बढ़ता नहीं दिख रहा है। सेज का दर्जा मिलने के बावजूद कई कंपनियों ने छह साल पहले लॉन्च की गई इच्छापोर जेम्स एंड ज्वैलरी पार्क से अपने निवेश को वापस खींच लिया है। इस पार्क में 4,000 करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना है। अभी तक तकरीबन 100 कंपनियों ने पार्क में अपनी इकाई लगाने की योजना को वापस ले लिया है। हालांकि, पार्क का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही गुजरात हीरो बोर्स (जीएचबी) अब प्रतीक्षा सूची वाली कंपनियों से संपर्क कर रही है।
इस पार्क में अपनी इकाई खोलने के लिए बड़े पैमाने पर कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। समझा जाता है कि करीब फिलहाल 80 कंपनियां प्रतीक्षा सूची में हैं। जीएचबी के एक अधिकारी ने बताया, 'वैश्विक मंदी से डायमंड इंडस्ट्री को धक्का लगा है। ऐसे में कंपनियों के लिए अपनी निवेश योजनाओं के साथ बने रहना आसान नहीं है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांग में तेजी आ रही है, लेकिन यह तेजी कंपनियों की उम्मीद से कम है। पिछले एक साल में करीब 100 कंपनियों ने अपनी निवेश योजनाओं से हाथ खींच लिया है।' उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल सितंबर के बाद से सेज में किसी भी नई कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई है। पिछले साले दीवाली से पहले कुछ 50 कंपनियों ने अपनी निवेश योजनाओं को वापस लिया था, बाकियों ने पिछले आठ महीनों के दौरान ऐसा किया है। जीएचबी इस कैलेंडर साल के अंत तक सभी इंफ्रास्ट्रक्चर आधारित सुविधाएं मुहैया कराने की कोशिश में है। यह पार्क 97 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है और इसमें 300 इकाइयां होंगी। सूरत को डिजाइन ज्वैलरी का अंतरराष्ट्रीय हब बनाने के मकसद से इस पार्क को डेवलप किया जा रहा है। (ET Hindi)
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