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30 जून 2021

दिल्ली : उड़द की कीमतों में नरमी, अन्य दालों के भाव स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण बुधवार को दिल्ली के नया बाजार में उड़द की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि अन्य दालों के दाम स्थिर बने रहे।

चेन्नई में लगातार आयातित आवक बनने के साथ ही मध्य प्रदेश और गुजरात में समर उड़द की आवक बनने से दिल्ली में उड़द एफएक्यू और एसक्यू नई और पुरानी के भाव में 50-75 रुपये गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,500 से 6,650 रुपये और 7,000 से 7,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दाल मिलों की मांग कमजोर होने से लेमन अरहर के भाव 6,250 रुपये प्रति क्विंटल स्थिर बने रहे, बर्मा से अरहर का आयात शुरू हो गया है तथा आगे आयात और बढ़ेगा, इसलिए इसमें ग्राहकी काफी कमजोर रही। चेन्नई हाजिर बाजार में अरहर की कीमतें 6,000 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई। आगे के सौदों में, बर्मा की नई अरहर के दाम चेन्नई से दिल्ली के लिए जुलाई डिलीवरी के भाव 6,450 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

दाल मिलों की मांग कमजोर होने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर क्रमश: 6,650 और 6,650 रुपये प्रति क्विंटल पर टिकी रही। पहले से आयात हुए सौदो की मसूर और वर्तमान में आयात हो रही मसूर की कीमतों में अंतर है, इसलिए नीचे भाव में सुधार आने का अनुमान है। वैसे भी सरकार ने अभी तक मसूर के आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया है। कनाडा से कुल 61,500 टन मसूर की ताजा आवक काकीनाडा और मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंची है जोकि सारा आयातकों ने गोदामों में रखा है।

स्थानीय मिलों की मांग बढ़ने से चीन की चित्रा किस्म की राजमा के भाव 12,800 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जुलाई डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 18 रुपये की गिरावट आई, जबकि अगस्त वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 19 रुपये का मंदा आया।

29 जून 2021

मुंबई में उड़द, मसूर, चना और काबूली चना की कीमतों में गिरावट

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित उड़द, मसूर के साथ ही चना और काबूली चना की कीमतों में मंदा आया।

विदेशों से चेन्नई बंदरगाह पर नियमित उड़द आने के साथ ही मध्य प्रदेश से मसूर की फसल आने एवं दाल मिलों की मांग कमजोर होने से उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,350 रुपये और 6,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। आगे के व्यापार में, बर्मा की उड़द एफएक्यू की कीमत जून-जुलाई शिपमेंट की 6,300 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से कनाडा की मसूर के भाव मुंबई, और हजीरा बंदरगाह के साथ ही आस्ट्रेलिया मसूर के दाम मुंबई में 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल नरम हो गए। हालांकि पहले से आयातित मसूर और हाजिर में हो रही आयातित मसूर की कीमतों के बीच अंतर है, जिससे भाव में सुधार आने का अनुमान है, वैसे भी अभी तक सरकार ने मसूर के आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया है। कनाडा से कुल 61,500 टन मसूर काकीनाडा और मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंची है, और आयातकों ने गोदामों में रख लिया है।

आगे आयात बढ़ने की संभवना के साथ दाल मिलों की सीमित मांग से मुंबई में लेमन के साथ अरुषा अरहर के दाम क्रमश: 6,000 रुपये और 5,950 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। आगे के व्यापार में, बर्मा लेमन अरहर के भाव जून-जुलाई शिपमेंट के लिए 6,250 रुपये प्रति क्विंटल रहे, सूडान की अरहर के भाव जून-जुलाई शिपमेंट के 6,475 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

मिलों की कमजोर मांग से रुस के काबूली चना के भाव मुंबई में 25 रुपये घटकर 5,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसी तरह, तंजानिया के चना की कीमतों में 100 रुपये का मंदा आकर भाव 4,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, क्योंकि नेफेड ने महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों में खरीदे गए चना की बिक्री शुरू की।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जुलाई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 14 की गिरावट आई, जबकि अगस्त वायदा अनुबंध में इसके भाव में 2 रुपये का मंदा आया।

दिल्ली : अरहर, उड़द की कीमतों में नरमी, चीन की राजमा में सुधार, चना और मूंग स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण मंगलवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर और उड़द की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि चीन की राजमा की कीमतों में सुधार आया। इस दौरान चना के साथ ही मूंग के दाम स्थिर बने रहे।

दाल मिलों की मांग कमजोर होने से लेमन अरहर के भाव 50 रुपये घटकर 6,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। आगे आयातित अरहर आयेगी, इसलिए इसमें ग्राहकी काफी कमजोर रही। चेन्नई हाजिर बाजार में अरहर की कीमतें 6,000 से 6,050  रुपये प्रति क्विंटल बोली गई। आगे के सौदों में, बर्मा की नई अरहर के दाम चेन्नई से दिल्ली के लिए जुलाई डिलीवरी के भाव 25 रुपये घटकर 6,450 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

चेन्नई में लगातार आयातित आवक बनने के साथ ही मध्य प्रदेश में समर उड़द की आवक बनने से दिल्ली में उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव में 75-100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,550 से 6,625 रुपये और 7,050 से 7,175 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दाल मिलों की मांग कमजोर होने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के भाव क्रमश: 6,650 और 6,650 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे गए।

स्थानीय मिलों की मांग बढ़ने से चीन की चित्रा किस्म की राजमा 200 रुपये बढ़कर 12,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गई।

दिल्ली में चना के भाव 5,050 से 5,075 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के भाव 5,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

मूंग के भाव दिल्ली में 6,100 से 6,450 रुपये प्रति क्विंटल क्वालिटीनुसार बोले गए।

28 जून 2021

दिल्ली में अरहर, उड़द और मसूर की कीमतों में नरमी, राजमा एव काबूली चना में सुधार

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से सोमवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर, उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि राजमा और काबूली चना की कीमतों में सुधार आया।

दाल मिलों की मांग कमजोर होने से लेमन अरहर के भाव 6,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। आगे आयातित अरहर आयेगी, इसलिए इसमें ग्राहकी काफी कमजोर रही। चेन्नई हाजिर बाजार में अरहर की कीमतें 50 रुपये घटकर 6,000 से 6,050  रुपये प्रति क्विंटल बोली गई। आगे के सौदों में, बर्मा की नई अरहर के दाम चेन्नई से दिल्ली के लिए जुलाई डिलीवरी के भाव 25 रुपये घटकर 6,475 प्रति क्विंटल रह गए।

चेन्नई में लगातार आयातित आवक बनने के साथ ही मध्य प्रदेश में समर उड़द की आवक बनने से दिल्ली में उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव में 50—100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,650 से 6,700 रुपये और 7,150 से 7,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दाल मिलों की मांग कमजोर होने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर में 25-25 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,650 और 6,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हालांकि पहले से आयात हुए सौदो की मसूर और वर्तमान में आयात हो रही मसूर की कीमतों में अंतर है, इसलिए नीचे भाव में सुधार आने का अनुमान है। वैसे भी सरकार ने अभी तक मसूर के आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया है। कनाडा से कुल 61,500 टन मसूर की ताजा आवक काकीनाडा और मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंची है जोकि सारा आयातकों ने गोदामों में रखा है।

स्थानीय मिलों की मांग बढ़ने से चीन की चित्रा किस्म की राजमा 100 रुपये बढ़कर 12,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गई।

महाराष्ट्र, कर्नाटक और इंदौर लाईन के काबुली चना में दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। हालांकि आयात पड़ते नहीं लगने के कारण काबूली चना का आयात नहीं हो रहा है, वैसे भी सरकार ने चना और काबूली चना के आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया है।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जुलाई डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 154 रुपये की गिरावट आई, जबकि अगस्त वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 156 रुपये का मंदा आया।

मुंबई में मिलों की कमजोर मांग से मसूर और काबूली चना मंदा, अरहर और उड़द स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित मसूर के साथ ही काबूली चना की कीमतों में मंदा आया।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से कनाडा की मसूर के भाव मुंबई, कांडला, हजीरा और मुंद्रा बंदरगाह के साथ ही आस्ट्रेलिया मसूर के दाम मुंबई में 25 रुपये प्रति क्विंटल नरम हो गए। हालांकि पहले से आयातित मसूर और हाजिर में हो रही आयातित मसूर की कीमतों के बीच अंतर है, जिससे भाव में सुधार आने का अनुमान है, वैसे भी अभी तक सरकार ने मसूर के आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया है। कनाडा से कुल 61,500 टन मसूर काकीनाडा और मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंची है, और आयातकों ने गोदामों में रख लिया है।

आगे आयात बढ़ने की संभवना के कारण मिलों की सीमितत मांग मुंबई में लेमन के साथ अरुषा अरहर के दाम क्रमश: 6,000 रुपये और 5,950 से 6,000 प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। आगे के व्यापार में, बर्मा लेमन अरहर के भाव जून-जुलाई शिपमेंट के लिए 6,250 से 6,300 रुपये प्रति क्विंटल रहे, सूडान की अरहर के भाव जून-जुलाई शिपमेंट के 6,550 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

विदेशों से चेन्नई बंदरगाह पर नियमित उड़द आने एवं मिलों की मांग कमजोर होने से उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतें क्रमश: 6,450 रुपये और 6,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। आगे के व्यापार में, बर्मा की उड़द एफएक्यू की कीमत जून-जुलाई शिपमेंट की 6,400 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई।

मिलों की कमजोर मांग से रुस के काबूली चना के भाव मुंबई में 50 रुपये घटकर 5,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि सूडान के काबूली चना के दाम 4,950 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। तंजानिया के चना के दाम मुंंबई में भी 4,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
सूत्रों के अनुसार नेफेड मध्य प्रदेश में कल से वर्ष 2018, वर्ष 2019 में खरीदा हुआ चना बेचेगी।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जुलाई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 117 की गिरावट आई, जबकि अगस्त वायदा अनुबंध में इसके भाव में 110 रुपये का मंदा आया।

25 जून 2021

दिल्ली में राजमा, चना और मसूर की कीमतें मेंं सुधार, अरहर में नरमी, उड़द स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग में सुधार आने से शुक्रवार को दिल्ली के नया बाजार में राजमा, चना और मसूर की कीमतों में सुधार आया, जबकि अरहर की कीमतों में नरमी दर्ज की गई। उड़द के दाम स्थिर बने रहे।

दालों में मांग थोक के साथ ही खुदरा में मांग कमजोर बनी हुई है। हालांकि माना जा रहा है कि अगले महीने से दालों की मांग में हल्की मांग बढ़ने की उम्मीद है।

चना की कीमतों में 25 रुपये की तेजी आकर राजस्थानी चना के दाम 5,225 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 5,150 से 5,175 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

दाल मिलों की मांग कमजोर होने से लेमन अरहर के दाम 6,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। आगे आयातित अरहर आयेगी, इसलिए बिकवाली ज्यादा है। चेन्नई हाजिर बाजार में अरहर की कीमतें 6,150 से 6,200 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई। आगे के सौदों में, बर्मा की नई अरहर के दाम चेन्नई से दिल्ली के लिए जुलाई डिलीवरी के भाव 100 रुपये घटकर 6,550 प्रति क्विंटल रह गए।

दाल मिलों की मांग से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर में 25-50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,625 और 6,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। कनाडा से कुल 61,500 टन मसूर की ताजा आवक काकीनाडा और मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंची है लेकिन, आयातकों ने बिकवाली करने के ​बजाए, इस माल को गोदामों में रखाा है, क्योंकि अभी तक सरकार ने मसूर के लिए आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया है।

स्थानीय मिलों की मांग बढ़ने से चीन की चित्रा किस्म की राजमा 200 रुपये बढ़कर 12,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गई।

चेन्नई में लगातार आयातित आवक बनने के कारण, मिलों की हाजिर मांग उड़द में सीमित रहने से भाव उड़द एफएक्यू और एसक्यू के क्रमश: 6,725 रुपये और 7,250 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

चीन और बर्मा लाईन की राजमा के साथ-साथ मद्रास चित्रा और शर्मीली किस्म की राजमा में स्थानीय मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से 300 से 500 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई।

24 जून 2021

दिल्ली : उड़द और चना की कीमतों में मंदा, अन्य दालों के दाम स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर बनी रहने से गुरूवार को दिल्ली के नया बाजार में उड़द और चना की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि अन्य दालों के दाम स्थिर बने रहे।

दालों में मांग थोक के साथ ही खुदरा में मांग कमजोर बनी हुई है। चेन्नई में लगातार आयातित आवक बनने के कारण, मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,750 रुपये और 7,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मध्य प्रदेश के चना के भाव में 25 रुपये की गिरावट आकर भाव 5,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि राजस्थानी चना के दाम 5,200 से 5,225 रुपये प्रति क्विंटल पर टिके रहे।

आगे विदेश से सस्ती अरहर की आवक बनेगी, जिसे देखते हुए दाल मिलों की मांग कमजोर होने से लेमन अरहर के दाम 6,400 से 6,450 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। चेन्नई हाजिर बाजार में अरहर की कीमतें 6,150 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई। आगे के सौदों में, बर्मा की नई अरहर के दाम चेन्नई से दिल्ली के लिए जुलाई डिलीवरी के 6,650 प्रति क्विंटल बोले गए।

कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के भाव क्रमश: 6,600 और 6,600 रुपये प्रति क्विंटल स्थिर बने रह। मसूर दाल में ग्राहकी कमजोर होने के कारण मिलों की खरीद कमजोर रही। कनाडा से हाल ही में कुल 61,500 टन मसूर काकीनाडा और मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंची है, लेकिन सरकार ने अभी तक मसूर के आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया है, इसलिए आयातक नीचे दाम पर बेचने के बजाए माल को गोदामों में रख रहे हैं।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जुलाई डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 6 रुपये की गिरावट आई, जबकि अगस्त वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 5 रुपये का मंदा आया।

23 जून 2021

मुंबई : मसूर नरम, अरहर और उड़द में सुधार, काबूली चना में मिलाजुला रुख

नई दिल्ली। नीचे दाम पर दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने के कारण बुधवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में अरहर और उड़द के भाव में सुधार आया, जबकि मसूर में नरमी देखी गई। काबूली चना के भाव में मिलाजुला रुख रहा जबकि चना के भाव स्थिर बने रहे।

कनाडा की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला बंदरगाह के साथ ही आस्ट्रेलिया की मसूर के भाव मुंबई में 25 रुपये प्रति क्विंटल नरम हो गए। मसूर दाल में खुदरा के साथ ही थोक में मांग काफी कमजोर रही।

आगे आयात बढ़ने की संभवना के बीच भी दाल मिलों की मांग बढ़ने से मुंबई में लेमन के साथ अरुषा अरहर के दाम 50-50 रुपये बढ़कर क्रमश: 6,100 रुपये और 6,050 से 6,100 प्रति क्विंटल हो गए। आगे के व्यापार में, बर्मा लेमन अरहर के भाव जून-जुलाई शिपमेंट के लिए 6,350 रुपये प्रति क्विंटल रहे, सूडान की अरहर के भाव जून-जुलाई शिपमेंट के 6,550 रुपये और अगस्त डिलीवरी के लिए 6,750 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

विदेशों से चेन्नई बंदरगाह पर नियमित उड़द आने के बावजूद भी दाल मिलों की नीचे दाम पर मांग बढ़ने से उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,550 रुपये और 6,450 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। आगे के व्यापार में, बर्मा की उड़द एफएक्यू की कीमत जून-जुलाई शिपमेंट की 6,450 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई।

रुस के काबूली चना के भाव मुंबई में 50 रुपये घटकर 5,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि सूडान के काबूली चना के दाम 50 रुपये तेज होकर 4,950 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। तंजानिया के चना के दाम मुंंबई में 4,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दिल्ली में अरहर, उड़द, चना और मसूर में मंदा, राजमा के दाम बढ़े

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण बुधवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर, उड़द, चना के साथ ही मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि राजमा के भाव में सुधार आया।

दालों में मांग थोक के साथ ही खुदरा में मांग कमजोर बनी रही।

आगे विदेश से सस्ती अरहर की आवक बनेगी, जिसे देखते हुए दाल मिलों की मांग कमजोर होने से लेमन अरहर के दाम 6,450 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। चेन्नई हाजिर बाजार में अरहर की कीमतें 6,150 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई। आगे के सौदों में, बर्मा की नई अरहर के दाम चेन्नई से दिल्ली के लिए जुलाई डिलीवरी के भाव 50 रुपये घटकर 6,650 प्रति क्विंटल रह गए।

चेन्नई में लगातार आयातित आवक बनने के कारण, मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,800 रुपये और 7,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर में 75-75 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,600 और 6,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मसूर दाल में ग्राहकी कमजोर होने के कारण मिलों की खरीद कमजोर रही। हालांकि, कनाडा से हाल ही में कुल 61,500 टन मसूर काकीनाडा और मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंची है, लेकिन सरकार ने अभी तक मसूर के आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया है, इसलिए आयातक नीचे दाम पर बेचने के बजाए माल को गोदामों में रख रहे हैं।

चीन और बर्मा लाईन की राजमा के साथ-साथ मद्रास चित्रा और शर्मीली किस्म की राजमा में स्थानीय मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से 300 से 500 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई।

दिल्ली के लारेंस रोड़ पर चना के दाम 50 रुपये घटकर राजस्थानी चना के दाम 5,200 से 5,225 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 5,150 से 5,175 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

22 जून 2021

बर्मा में उड़द एसक्यू के भाव घटे, लेमन अरहर और लिंके के दाम तेज

नई दिल्ली। स्थानीय के साथ ही विदेश की मांग कमजोर होने के कारण मंगलवार को बर्मा दाल बाजार में उड़द एसक्यू में गिरावट आई जबकि अरहर लेमन-लिंके में ​भारत की लोडिंग शुरू होने से तेजी दर्ज की गई।

बर्मा में लेमन अरहर नया के दाम 10 डॉलर बढ़कर 860 डॉलर प्रति टन हो गए, जबकि लिंके के दाम 15 डॉलर तेज होकर 870 डॉलर प्रति टन हो गए।

बर्मा में उड़द एसक्यू के दाम 25 डॉलर घटकर 935 डॉलर प्रति टन रह गए।   

सूत्रों के अनुसार, चार बड़े वैसल में जून-जुलाई शिपमेंट चेन्नई के लिए लगभग 45,000-50,000 टन उड़द लोड होने की उम्मीद है। इसके अलावा 2 बड़े वैसल में जुलाई के मध्य की शिपमेंट के लिए कोलकाता के लिए कुल 5,000 टन उड़द एफएक्यू लोड होने की उम्मीद है। एक वैसल जुलाई के मध्य की शिपमेंट, मुंबई के लिए 21,000 टन (अरहर और उड़द) लोड होने की उम्मीद है।

बढ़ी हुई कीमतों में दाल मिलों की हाजिर मांग घटने से सोमवार को दिल्ली के नया बाजार में मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि अन्य दालों के दाम स्थिर बने रहे।

दाल मिलों हाजिर मांग कमजोर होने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के भाव में 25—25 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,675 रुपये और 6,675 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

कनाडा से हाल ही में कुल 61,500 टन मसूर काकीनाडा और मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंची है, लेकिन सरकार ने अभी तक मसूर के आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया है, इसलिए आयातक नीचे दाम पर बेचने के बजाए माल को गोदामों में रख रहे हैं।

दाल मिलों की सीमित मांग से लेमन अरहर के दाम 6,450 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दूसरी और, चेन्नई हाजिर बाजार में अरहर की कीमतें 6,150 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई।

आगे के सौदों में, बर्मा की नई अरहर के दाम चेन्नई से दिल्ली के लिए जुलाई डिलीवरी के 6,700 प्रति क्विंटल बोले गए।

चेन्नई में लगातार आयातित आवक बनने के साथ ही मिलों की कमजोर मांग से उड़द एसक्यू और एफएक्यू के भाव क्रमश: 7,350 रुपये और 6,825 से 6,850 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जुलाई डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 17 रुपये की तेजी आई, जबकि अगस्त वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 17 रुपये का सुधार आया।

21 जून 2021

नीचे दाम पर दाल मिलों की मांग से मुंबई में आयातित दालें तेज

नई दिल्ली। नीचे दाम पर दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से सोमवार को शुरूआती कारोबार में मुंबई में आयातित दालों अरहर, उड़द के साथ ही मसूर और चना एवं काबूली चना की कीमतोें में तेजी दर्ज की गई।

हालांकि दालों में खुदरा के साथ ही थोक में ग्राहकी कमजोर देखी गई, लेकिन, इस महीने के अंतिम सप्ताह में खुदरा बाजार में मांग बढ़ने की उम्मीद है। व्यापारियों के अनुसार नीचे भाव में दालों की मांग में बढ़ोतरी का अनुमान है, वैसे भी कोरोना के मामलों में आई कमी से राज्य सरकारें आगे लॉकडाउन में और छूद देंगी।

घरेलू बाजारों में दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से लेमन अरहर के साथ ही अरुषा अरहर के दाम मुंबई में 50—50 रुपये बढ़कर क्रमश: 6,100 रुपये और 6,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। आगे के व्यापार में, बर्मा की लेमन अरहर में जून-जुलाई शिपमेंट के लिए 6,350 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भाव बोले गए।

विदेशों से चेन्नई बंदरगाह पर उड़द की नियमित आवक बनने के बावजूद भी नीचे दाम पर दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 6,550 रुपये और 6,450 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

कनाडा की मसूर के भाव मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह के साथ ही ऑस्ट्रेलिया की मसूर के दाम मुंबई में 50 से 150 रुपयेय प्रति क्विंटल तेज हो गए। कनाडा से हाल ही में कुल 61,500 टन मसूर काकीनाडा और मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंची है, लेकिन सरकार ने अभी तक मसूर के आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया है, इसलिए आयातक नीचे दाम पर ​बेचने के बजाए माल को गोदामों में रख रहे हैं।

नीचे दाम पर मिलों की मांग में आये सुधार से तंजानिया लाईन के चना के साथ ही सूडान और रूस के काबुली चना में 50-100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जुलाई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 120 रुपये की तेजी आई, जबकि अगस्त वायदा अनुबंध में इसके भाव में 125 रुपये का सुधार आया।

दाल मिलों की मांग बढ़ने से दिल्ली में अरहर, उड़द, चना एवं मसूर तेज

नई दिल्ली। नीचे दाम पर दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से सोमवार को दिल्ली के नया बाजार में बर्मा की अरहर के साथ ही उड़द और मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।

हालांकि, दालों में मांग थोक के साथ ही खुदरा में मांग कमजोर बनी हुई है, लेकिन चालू माह के अंत में दालों की मांग में सुधार आने का अनुमान है।

आगे विदेश से सस्ती अरहर की आवक बनेगी, इसके बावजूद भी नीचे दाम पर दाल मिलों की मांग से लेमन अरहर के दाम 25 रुपये बढ़कर 6,450 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चेन्नई हाजिर बाजार में अरहर की कीमतें 25 रुपये बढ़कर 6,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। आगे के सौदों में, बर्मा की नई अरहर के दाम चेन्नई से दिल्ली के लिए जुलाई डिलीवरी के 6,700 प्रति क्विंटल बोले गए।

चेन्नई में लगातार आयातित आवक बनने के बावजूद भी मिलों की हाजिर मांग में आये सुधार से उड़द एसक्यू और एफएक्यू के भाव 50-75 रुपये बढ़कर क्रमश: 7,350 रुपये और 6,825 से 6,850 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

काकीनाड़ा और मुंद्रा बंदरगाह पर विदेश से मसूर की आपूर्ति बढ़ने के बावजूद दाल मिलों की नीचे दाम पर मांग निकलने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के भाव में 50-50 रुपये तेज होकर क्रमश: 6,700 रुपये और 6,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

दिल्ली में चना के दाम 150 रुपये बढ़कर राजस्थानी चना के भाव 5250 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के 5,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

19 जून 2021

बर्मा की अरहर, चना, उड़द के साथ ही मसूर के दाम दिल्ली में तेज

नई दिल्ली। नीचे दाम पर दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से शनिवार को दिल्ली के नया बाजार में बर्मा की अरहर, चना, उड़द और मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।

इस बीच, दालों में मांग थोक के साथ ही खुदरा में मांग कमजोर बनी हुई है, लेकिन चालू माह के अंत में दालों की मांग में सुधार आने का अनुमान है।

आगे विदेश से सस्ती अरहर की आवक बनेगी, इसके बावजूद भी नीचे दाम पर दाल मिलों की मांग से लेमन अरहर के दाम 75 रुपये बढ़कर 6,425 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चेन्नई हाजिर बाजार में अरहर की कीमतें 75 रुपये बढ़कर 6,125 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। आगे के सौदों में, बर्मा की नई अरहर के दाम चेन्नई से दिल्ली के लिए जून डिलीवरी के 50 रुपये तेज होकर 6,700 प्रति क्विंटल बोले गए।

मिलों की हाजिर मांग में आये सुधार से उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव 50-50 रुपये बढ़कर क्रमश: 6,750 रुपये और 7,250 से 7,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

काकीनाड़ा और मुंद्रा बंदरगाह पर विदेश से मसूर की आपूर्ति बढ़ने के बावजूद दाल मिलों की नीचे दाम पर मांग निकलने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के भाव में 100-100 रुपये तेज होकर क्रमश: 6,650 रुपये और 6,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। केंद्र सरकार ने अभी तक मसूर के आयात शुल्क में किसी भी बदलाव की घोषणा नहीं की है।

चना के दाम दिल्ली में 25 रुपये तेज होकर राजस्थानी चना के 5,150 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के 5,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

18 जून 2021

एमएसपी पर गेहूं की खरीद 431 लाख टन के पार, पिछले रबी से 12.59 फीसदी ज्यादा

नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 17 जून 2021 तक देशभर की मंडियों से भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई ने 431.12 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जोकि अभी तक का रिकार्ड है, पिछले रबी सीजन की समान अवधि में 382.88 लाख टन गेहूं की खरीद ही एमएसपी पर हो पाई थी।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार पिछले रबी विपणन सीजन 2020-21 में एमएसपी पर कुल खरीद 389.92 लाख टन ही हुई थी जबकि पिछले रबी विपणन सीजन की समान अवधि में एमएसपी पर 382.88 लाख टन गेहूं की खरीदा गया था। अत: पिछले रबी की तुलना में एफसीआई चालू रबी विपणन सीजन में 12.59 फीसदी ज्यादा गेहूं की एमएसपी पर खरीद कर चुकी है, इससे देशभर के 48.75 लाख किसानों के खाते में 85,146.80 करोड़ रुपये की राशि आई है।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 132.10 लाख टन की है, जबकि हरियाणा से चालू रबी में 84.93 लाख टन और मध्य प्रदेश से 128.08 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। अन्य राज्यों में राजस्थान से चालू रबी में अभी तक 22.50 लाख टन और उत्तर प्रदेश से 55.64 लाख टन गेहूं की खरीद एमएसपी पर की जा चुकी है, जबकि अन्य राज्यों से एमएसपी पर 7.87 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है।  

केंद्र सरकार ने चालू रबी में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि पिछले रबी में एमएसपी 1,925 रुपये प्रति क्विंटल था।

डीओसी का निर्यात मई में 8 फीसदी घटा - एसईए

नई दिल्ली। घरेलू बाजार में कीमतें तेज होने के कारण मई में डीओसी का निर्यात 8 फीसदी घटकर 228,242 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले साल मई में इसका निर्यात 248,007 टन का हुआ था।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2021-22 के पहले दो महीनों अप्रैल और मई में डीओसी का निर्यात 52 फीसदी बढ़कर 531,700 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की समान अवधि में इनका निर्यात 350,157 टन का ही हुआ था।

एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2021-22 के पहले दो माह में डीओसी के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। अमेरिका के साथ ही दक्षिण कोरिया और थाईलैंड  सरसों डीओसी की ज्यादा खरीद की है। उधर वियतनाम और बांग्लादेश ने बड़ी मात्रा में राइसब्रान डीओसी की खरीद की।

एसईए के अनुसार अप्रैल के मुकाबले मई में भारतीय बंदरगाह पर डीओसी की कीमतें तेज रही। मई में सोया डीओसी के भाव भारतीय बंदरगाह पर बढ़कर 836 डॉलर प्रति टन हो गए, जबकि अप्रैल में इसके भाव 781 डॉलर प्रति टन थे। इसी तरह से सरसों डीओसी के भाव अप्रैल के 311 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 322 डॉलर प्रति टन भारतीय बंदरगाह पर मई में हो गए।

मिलों की कमजोर मांग से दिल्ली में उड़द में मंदा, अरहर और मसूर में सुधार और चना स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर बनी रहने के कारण शुक्रवार को दिल्ली के नया बाजार में उड़द के साथ ही चना की कीमतों में गिरावट आई, जबकि अरहर के साथ ही मसूर की कीमतों में सुधार आया। चना के दाम दिल्ली में स्थिर हो गए।

दाल मिलों की नीचे दाम मांग बढ़ने से लेमन अरहर के दाम 100 रुपये बढ़कर 6,350 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हालांकि इन भाव में कोई बड़ा व्यापार नहीं हुआ। चेन्नई हाजिर बाजार में अरहर की कीमतें 50 रुपये बढ़कर 6,050 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। आगे के व्यापार में, बर्मा की नई अरहर के दाम चेन्नई से दिल्ली के लिए जून डिलीवरी के भाव 100 रुपये तेज होकर 6,650 प्रति क्विंटल बोले गए।
 
चेन्नई के कमजोर संकेत के साथ ही विदेशों से आयातित उड़द की आवक बनने से मिलों की हाजिर मांग कमजोर हुई, जिससे उड़द एसक्यू और एफएक्यू के भाव 25 से 50 रुपये घटकर क्रमश: 7,200 रुपये और 6,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

काकीनाड़ा और मुंद्रा बंदरगाह पर विदेश से मसूर की आपूर्ति बढ़ने के बावजूद दाल मिलों की नीचे दाम पर मांग निकलने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के भाव में 100-100 रुपये तेज होकर क्रमश: 6,550 रुपये और 6,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। केंद्र सरकार ने अभी तक मसूर के आयात शुल्क में किसी भी बदलाव की घोषणा नहीं की है।

चना के दाम ​दिल्ली में स्थिर बने रहे, राजस्थानी चना के भाव 5,100 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के भाव 5,050 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

17 जून 2021

चीनी का उत्पादन 306.65 लाख टन के पार, 58 लाख टन के हुए निर्यात सौदे

नई दिल्ली। चालू पेराई सीजन 2020-21 के पहले साढ़े आठ महीनों में पहली अक्टूबर 2020 से 15 जून 2021 तक चीनी का उत्पादन 10.71 फीसदी बढ़कर 306.65 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान केवल 271.11 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। विदेशी बाजार में दाम तेज होने से चालू पेराई सीजन में 58 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे भी हो चुके हैं। देशभर में इस समय केवल 5 चीनी मिलों में ही पेराई चल रही है।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में 31 मई 2021 तक 106.28 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 61.69 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था। राज्य की चीनी मिलों में पेराई 31 मई 2021 को बंद हो चुकी है।

उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में 120 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी, जिसमें से 119 मिलों में पेराई बंद हो चुकी है अत: इस समय केवल एक चीनी मिल में ही पेराई चल रही है। राज्य में 15 जून 2021 तक 110.61 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि के 126.30 लाख टन से 15.69 लाख टन कम है।

कर्नाटक में 15 अप्रैल 21 को ही पेराई सीजन समाप्त हो चुका है, तथा इस दौरान राज्य की मिलों ने 41.67 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 33.80 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। दक्षिण कर्नाटक में एक चीनी मिल में विशेष सत्र की पेराई हो रही हैं तथा पिछले विशेष पेराई सीजन में राज्य में 1.14 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।

तमिलनाडु में चालू पेराई सीजन में 15 जून 2021 तक 6.70 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि के 6.12 लाख टन से ज्यादा है। राज्य में इस समय विशेष सत्र की पेराई चल रही है तथा पिछले साल तमिलनाडु में विशेष सत्र के दौरान 2 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।

देश के अन्य राज्यों गुजरात, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा में 15 जून 2021 तक 41.39 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।

चालू पेराई सीजन में 15 जून 2021 तक देश से करीब 58 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हो चुके हैं, जिसमें से 45.74 लाख टन चीनी की शिपमेंट भी हो चुकी है। केंद्र सरकार ने चालू पेराई सीजन में 60 लाख टन चीनी का निर्यात कोटा तय किया हुआ है। सूत्रों के अनुसार विदेशी बाजार में दाम तेज होने से मिलों को निर्यात में अच्छी पैरिटी लग रही है।

मिलों की कमजोर मांग दिल्ली में मसूर मंदी, चना के साथ अन्य दालों के दाम स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर बनी रहने के कारण गुरूवार को दिल्ली के नया बाजार में मसूर की कीमतों में गिरावट जारी रही, जबकि अन्य दालों के दाम स्थिर हो गए।

काकीनाड़ा और मुंद्रा बंदरगाह पर विदेश से नियमित मसूर की आपूर्ति बढ़ने के साथ ही मिलों की मांग कमजोर बनी रहने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के भाव में 50-50 रुपये घटकर दाम क्रमश: 6,450 रुपये और 6,450 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। केंद्र सरकार ने अभी तक मसूर के आयात शुल्क में किसी भी बदलाव की घोषणा नहीं की है।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने लेमन अरहर के दाम 6,250 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। अरहर दाल में खुदरा के साथ ही थोक में ग्राहकी कमजोर बनी हुई है। आयातित अरहर आने के साथ ही दाल मिलों की कमजोर मांग से चेन्नई हाजिर पर अरहर की कीमतें 6,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। बर्मा की नई अरहर के दाम चेन्नई से दिल्ली के लिए जून डिलीवरी के 6,550 से 6,575 प्रति क्विंटल बोले गए।

चेन्नई के कमजोर संकेत के साथ ही विदेशों से आयातित उड़द की आवक बनने से मिलों की हाजिर मांग कमजोर हुई, जिससे उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव क्रमश: 6,750 रुपये और 7,200 से 7,225 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

नीचे दाम पर बिकवाली कम आने से दिल्ली के लारेंस रोड़ पर राजस्थानी चना के भाव 5,075 से 5,100 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 5,25 से 5,050 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

16 जून 2021

दाल मिलों की कमजोर मांग से दिल्ली में अरहर, उड़द और मसूर में गिरावट

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर बनी रहने के कारण बुधवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर, उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।

मुंबई बदरंगाह पर अगले सप्ताह 30,000 टन अरहर और 20 से 22 हजार टन उड़द चेन्नई पर आने का अनुमान है।

दलहन का आयात ओजीएल के तहत किये जाने के बाद अब विदेशों से दलहन आयात होनी शुरू होगी, हालांकि विदेशों में अभी अरहर और उड़द का स्टॉक ज्यादा नहीं माना जा रहा।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने लेमन अरहर के दाम 50 रुपये घटकर 6,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। अरहर दाल में खुदरा के साथ ही थोक में ग्राहकी कमजोर बनी हुई है। आयातित अरहर आने के साथ ही दाल मिलों की कमजोर मांग से चेन्नई हाजिर पर अरहर की कीमतें 6,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। आगे के सौदों में, बर्मा की नई अरहर के दाम चेन्नई से दिल्ली के लिए जून डिलीवरी के 25 रुपये घटकर 6,550 से 6,575 प्रति क्विंटल बोले गए।

चेन्नई के कमजोर संकेत के साथ ही विदेशों से आयातित उड़द की आवक बनने से मिलों की हाजिर मांग कमजोर हुई, जिससे उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव 50 से 75 रुपये घटकर क्रमश: 6,750 रुपये और 7,200 से 7,225 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

काकीनाड़ा और मुंद्रा बंदरगाह पर विदेश से मसूर की आपूर्ति बढ़ने के साथ ही मिलों की मांग घटने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के भाव में 25 से 100 रुपये घटकर क्रमश: 6,500 रुपये और 6,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। केंद्र सरकार ने अभी तक मसूर के आयात शुल्क में किसी भी बदलाव की घोषणा नहीं की है।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जुलाई डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 65 रुपये की गिरावट आई, जबकि अगस्त वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 70 रुपये का मंदा आया।

15 जून 2021

दिल्ली में मिलों कमजोर मांग से अरहर, चना और मसूर में मंदा, उड़द के दाम स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर बनी रहने के कारण मंगलवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर चना के साथ ही मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई जबकि उड़द के दाम स्थिर बने रहे।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने लेमन अरहर के दाम 6,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। अरहर दाल में खुदरा के साथ ही थोक में ग्राहकी कमजोर बनी हुई है। आयातित अरहर आने के साथ ही दाल मिलों की कमजोर मांग से चेन्नई हाजिर पर अरहर की कीमतें 50 रुपये घटकर 6,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। आगे के सौदों में, बर्मा की नई अरहर के दाम चेन्नई से दिल्ली के लिए जून डिलीवरी के 6,600 प्रति क्विंटल बोले गए।

चना दाल और बेसन में ग्राहकी कमजोर होने से दिल्ली में चना के दाम 100 रुपये घटकर राजस्थानी चना के 5,150 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के 5,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।  

चेन्नई के कमजोर संकेत के साथ ही विदेशों से आयातित उड़द की आवक बनने से मिलों की मांग सुस्त रही, जिससे दिल्ली में उड़द एफएक्यू के भाव 6,800 रुपये और एसक्यू उड़द के भाव 7,275 से 7,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

काकीनाड़ा और मुंद्रा बंदरगाह पर विदेश से मसूर की आपूर्ति बढ़ने के साथ ही मिलों की मांग घटने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के भाव में 25 से 25 रुपये घटकर क्रमश: 6,525 रुपये और 6,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। केंद्र सरकार ने अभी तक मसूर के आयात शुल्क में किसी भी बदलाव की घोषणा नहीं की है।

मुंबई में उड़द, अरहर के साथ ही चना एवं काबूली चना के दाम घटे

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मुंबई में उड़द, अरहर के साथ ही चना एवं काबूली चना की कीमतें घटकर बंद हुई।

घरेलू बाजारों में दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से लेमन अरहर के साथ ही अरुषा अरहर के दाम मुंबई में 50-75 रुपये घटकर क्रमश: 6,000 रुपये और 5,950 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। आगे के व्यापार में, बर्मा की लेमन अरहर में जून-जुलाई शिपमेंट के लिए 6,300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भाव बोले गए।

विदेशों से चेन्नई बंदरगाह पर उड़द की नियमित आवक बनने एवं दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमशः 6,550 रुपये और 6,450 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। आगे के व्यापार में, बर्मा उड़द एफएक्यू के भाव जून-जुलाई शिपमेंट के लिए 6,425-6,450 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए, हालांकि, इन भाव में ​कोई व्यापार नहीं हुआ।

तंजानिया लाईन के चना के साथ ही सूडान और रूस के काबुली चना में दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण 50-50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। सरकार द्वारा चना एवं काबुली चना के आयात शुल्क में कटौती को लेकर बाजार सतर्क है।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जून वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 84 रुपये की गिरावट आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 89 रुपये का मंदा आया।

14 जून 2021

एमएसपी पर 425 लाख टन रिकार्ड गेहूं की खरीद, पिछले रबी से 12.50 फीसदी ज्यादा

नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 13 जून 2021 तक देशभर की मंडियों से भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई ने 425.77 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जोकि अभी तक का रिकार्ड है, पिछले रबी सीजन की समान अवधि में 378.44 लाख टन गेहूं की खरीद ही एमएसपी पर हो पाई थी।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार पिछले रबी विपणन सीजन 2020-21 में एमएसपी पर कुल खरीद 389.92 लाख टन ही हुई थी जबकि पिछले रबी विपणन सीजन की समान अवधि में एमएसपी पर 378.44 लाख टन गेहूं की खरीदा गया था। अत: पिछले रबी की तुलना में एफसीआई चालू रबी विपणन सीजन में 12.50 फीसदी ज्यादा गेहूं की एमएसपी पर खरीद कर चुकी है, इससे देशभर के 47.53 लाख किसानों के खाते में 84,089.77 करोड़ रुपये की राशि आई है।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 132.10 लाख टन की है, जबकि हरियाणा से चालू रबी में 84.93 लाख टन और मध्य प्रदेश से 128.08 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। अन्य राज्यों में राजस्थान से चालू रबी में अभी तक 21.94 लाख टन और उत्तर प्रदेश से 52.54 लाख टन गेहूं की खरीद एमएसपी पर की जा चुकी है, जबकि अन्य राज्यों से एमएसपी पर 6.18 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है।  

केंद्र सरकार ने चालू रबी में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि पिछले रबी में एमएसपी 1,925 रुपये प्रति क्विंटल था।

सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर खरीद के तय लक्ष्य को पांच लाख टन बढ़ा दिया है। खरीद आरंभ होने के समय केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन में 427 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया था, जिसे बढ़ाकर 433 लाख टन कर दिया है।

कॉटन उत्पादन अनुमान में 4 लाख घटकर 356 लाख गांठ होने का अनुमान

नई दिल्ली। चालू फसल सीजन 2020-21 में कपास का उत्पादन चार लाख गांठ, एक गांठ-170 किलो कम होकर 356 लाख गांठ का होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल 360 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। कॉटन का निर्यात चालू फसल सीजन में बढ़कर 72 लाख गांठ का होने का अनुमान है, जोकि पिछले फसल सीजन में केवल 50 लाख गांठ का ​ही निर्यात हुआ था।

कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया, सीएआई के अनुसार पहली अक्टूबर 2020 से शुरू हुए चालू फसल सीजन में 31 मई 2021 तक देशभर की मंडियों में 340.25 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है। ऐसे में ​अब बकाया केवल 15.75 लाख गांठ का ही स्टॉक बचा हुआ है। उत्तर भारत के राज्यों में कपास की नई फसल की आवक सितंबर में बनेगी।

सीएआई के अध्यक्ष अतुल गनात्रा के अनुसार चालू फसल सीजन में कपास का निर्यात बढ़कर 72 लाख गांठ का होने का अनुमान है, जोकि मई के आरंभिक  अनुमान 65 लाख गांठ से 7 लाख गांठ ज्यादा है। पिछले फसल सीजन में केवल 50 लाख गांठ का ही निर्यात हुआ था।

हाल ही में घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतों में आई तेजी के बावजूद भी चालू फसल सीजन में कॉटन का कुल आयात घटकर 10 लाख गांठ का ही होने का अनुमान है, जबकि पहले 11 लाख गांठ के आयात का अनुमान था। 31 मई तक 8.25 लाख गांठ कपास का आयात हो चुका है। देश में कॉटन की खपत पहले के अनुमान से 10 लाख गांठ बढ़कर 325 लाख गांठ होने का अनुमान है।

उद्योग के अनुसार अक्टूबर 2020 से मई 2021 के दौरान देश में कॉटन की खपत 220 लाख गांठ की हुई है, जबकि इस दौरान 58 लाख गांठ निर्यात की शिपमेंट भी हो चुकी है।

कीतमें तेज होने के साथ ही अनुकूल मौसम के कारण उद्योग को उम्मीद है कि देश में कपास की नई फसल का उत्पादन बढ़कर 400 लाख गांठ से ज्यादा होने का अनुमान है।

दिल्ली में लेमन अरहर और उड़द एफएक्यू एवं चना में गिरावट, मसूर में सुधार

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर बनी रहने के कारण सोमवार को दिल्ली के नया बाजार में लेमन अरहर के साथ ही उड़द एफएक्यू एवं चना की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि मसूर की कीमतों में सुधार आया।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने लेमन अरहर के दाम 75 रुपये घटकर 6,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। अरहर दाल में खुदरा के साथ ही थोक में ग्राहकी कमजोर बनी हुई है। चेन्नई हाजिर पर अरहर की कीमतें 6,050 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। आगे के सौदों में, बर्मा की नई अरहर के दाम चेन्नई से दिल्ली के लिए जून डिलीवरी के 50 रुपये घटकर भाव 6,600 प्रति क्विंटल रह गए।

चेन्नई के कमजोर संकेत के साथ ही विदेशों से आयातित उड़द की आवक बनने से मिलों की हाजिर मांग कमजोर हुई, जिससे उड़द एफएक्यू के भाव 25 रुपये घटकर 6,800-6,825 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। एसक्यू उड़द के दाम दिल्ली में इस दौरान 7,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

काकीनाड़ा और मुंद्रा बंदरगाह पर विदेश से मसूर की आपूर्ति बढ़ने के बावजूद मिलों की मांग बनी रहने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के भाव में 50 से 75 रुपये घटकर क्रमश: 6,550 रुपये और 6,625 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। केंद्र सरकार ने अभी तक मसूर के आयात शुल्क में किसी भी बदलाव की घोषणा नहीं की है।

लारेंस रोड़ पर राजस्थानी चना के भाव 25 घटकर 5,225 से 5,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि मध्य प्रदेश के चना के भाव 5,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जून डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 19 रुपये की गिरावट आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 21 रुपये का मंदा आया।

11 जून 2021

मुंबई में आयातित अरहर के दाम सुधरे, अन्य दालों के भाव स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से शुक्रवार को मुंबई में आयातित अरहर की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई जबकि अन्य दालों के दाम मुंंबई में स्थिर बने रहे।

दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से लेमन अरहर के साथ ही अरुषा अरहर के दाम मुंबई में 25-50 रुपये तेज होकर क्रमश: 6,150 से 6,200 रुपये और 6,050 से 6,075 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

दाल मिलों की सीमित मांग के कारण मुंबई में उड़द एफएक्यू नई और पुरानी के दाम क्रमश: 6,600 से 6,650 रुपये और 6,500 से 6,550 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

तजांनिया के चना के दाम मुंबई में 4,700 रुपये, रुस के काबूली चना के भाव 4,950 रुपये और सूडान के काबलूी चना के भाव 4,750 से 4,950 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

कनाडा की मसूर के दाम मुंबई में 6,350 से 6,450 रुपये और आस्ट्रलियां की मसूर के भाव 6,550 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

मिलों की मांग कम होने से दिल्ली में अरहर, उड़द और मसूर में मंदा, चना में सुधार

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से शुक्रवार को दिल्ली के नया बाजार में उड़द, अरहर के साथ ही मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई जबकि नीचे दाम पर मिलों की मांग से चना में सुधार आया।

दाल मिलों की मांग कमजोर होने लेमन अरहर के दाम 75 रुपये घटकर 6,375 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। चेन्नई हाजिर पर अरहर की कीमतें 6,050 से 6,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। आगे के सौदों में, बर्मा की नई अरहर के दाम चेन्नई से दिल्ली के लिए जून डिलीवरी के 50 रुपये घटकर भाव 6,650 प्रति क्विंटल रह गए।

चेन्नई के कमजोर संकेत के साथ ही विदेशों से आयातित उड़द की आवक बनने से मिलों की हाजिर मांग कमजोर हुई, जिससे भाव उड़द एफएक्यू और एसक्यू के दाम 50 से 100 रुपये घटकर भाव क्रमश: 6,850 रुपये और 7,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

काकीनाड़ा और मुंद्रा बंदरगाह पर विदेश से मसूर की आपूर्ति बढ़ने एवं मिलों की मांग कमजोर होने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के भाव में 25 से 50 रुपये घटकर क्रमश: 6,500 रुपये और 6,550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। केंद्र सरकार ने अभी तक मसूर के आयात शुल्क में किसी भी बदलाव की घोषणा नहीं की है।

चना की कीमतों में 25 रुपये की तेजी आकर दिल्ली में राजस्थानी चना के भाव 5,275 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 5,225 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जून डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 39 रुपये की तेजी आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 48 रुपये का सुधार आया।

10 जून 2021

मुंबई में उड़द और अरहर की कीमतें तेज, मसूर के दाम स्थिर

नई दिल्ली। बर्मा के बाजार में दाम तेज होने से घरेलू दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से गुरूवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में बर्मा उड़द के साथ ही अरहर की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई जबकि मसूर की कीमतें स्थिर बनी रही।

बर्मा के बाजार में कीमतें बढ़ने से घरेलू बाजारों में दाल मिलों की हाजिर मांग में सुधार आया, जिससे लेमन अरहर के साथ ही अरुषा अरहर के दाम मुंबई में 50-150 रुपये तेज होकर क्रमश: 6,150 रुपये और 6,050 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

विदेशों से चेन्नई बंदरगाह पर उड़द की आवक बनने के बावजूद भी दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 100-100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 6,650 रुपये और 6,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

भारतीय आयातकों की मांग बढ़ने से बर्मा के दाल बाजार में उड़द एफएक्यू और एसक्यू के साथ ही अरहर लेमन और लिंकी की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।

उड़द और अरहर के कुल 300 कंटेनरों का भारतीय आयातकों ने व्यापार किया, इसमें उड़द के लगभग 200 कंटेनर और अरहर के 100 कंटेनर हैं।

उड़द एफएक्यू और एसक्यू 2021 की फसल का व्यापार भारत के लिए 730 डॉलर और 830 डॉलर प्रति टन एफओबी के आधार पर हुआ।

अरहर लेमन नई फसल 2021 का व्यापार भारत के लिए 730 डॉलर प्रति टन एफओबी के आधार पर कारोबार किया गया।

बाजार के सूत्रों के अनुसार, सरकार द्वारा अरहर, उड़द और मूंग के आयात से मात्रात्मक प्रतिबंध हटा लेने की अनुमति के बाद से हाजिर व्यापार में उड़द के दाम नीचे के बन चुके हैं।

केंद्र सरकार ने अरहर के एमएसपी को 300 रुपये बढ़ाकर 6,300 रुपये तथा उड़द के एमएसपी में भी 300 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 6,300 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।

कनाडा की मसूर के दाम 6,350 से 6,450 रुपये और आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम 6,550 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दिल्ली में बर्मा की उड़द, अरहर और एमपी की मसूर तेज, चना और मूंग नरम

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से गुरूवार को दिल्ली के नया बाजार में बर्मा की उड़द, अरहर के साथ ही मध्य प्रदेश की मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई जबकि चना के साथ ही मूंग की कीमतों में मंदा आया।

देश भर में कोरोना के मामलों में कमी आने से, कर्फ्यू / लॉकडाउन में छूट दिए जाने से खुदरा के साथ ही थोक में दालों की मांग में सुधार आने की उम्मीद है।

केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2021-22 के लिए अरहर के एमएसपी को 300 रुपये बढ़ाकर 6,300 रुपये तथा उड़द के एमएसपी में भी 300 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 6,300 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।

मिलों की खरीद और बर्मा के बाजार में दाम तेज होने से लेमन अरहर के भाव दिल्ली में 125 रुपये बढ़कर 6,450 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चेन्नई हाजिर पर अरहर की कीमतें 100 रुपये बढ़कर 6,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। आगे के सौदों में, बर्मा की नई अरहर के दाम चेन्नई से दिल्ली के लिए जून डिलीवरी के मुकाबले 75 रुपये बढ़कर भाव 6,700 प्रति क्विंटल हो गए।

विदेशों से चेन्नई बंदरगाह पर आयातित उड़द की आवक बनने के बावजूद भी मिलों की हाजिर मांग से उड़द एफएक्यू और एसक्यू के दाम 50 से 100 रुपये बढ़कर क्रमश: 6,900-6,925 रुपये और 7,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

काकीनाड़ा और मुंद्रा बंदरगाह पर विदेश से मसूर की आपूर्ति बढ़ने के बावजूद भी मिलों की मांग बनी रही, जिससे दिल्ली में मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के भाव में 25 रुपये बढ़कर 6,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। कनाडा की मसूर के दाम 6,525 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दिल्ली में चना के दाम 50 रुपये घटकर राजस्थानी चना के 5,225 से 5,250 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 5,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मूंग की कीमतों में 150 रुपये का मंदा आकर भाव 6,350 से 6,550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जून डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 75 रुपये की गिरावट आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 53 रुपये का मंदा आया।

09 जून 2021

सरकार ने चालू रबी में रिकॉर्ड 418.47 लाख टन गेहूं एमएसपी पर 82,648 करोड़ रुपये में खरीदा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अप्रैल से शुरू हुए चालू रबी सीजन 2021-22 में अब तक रिकॉर्ड 418.47 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जिसकी कीमत 82,648 करोड़ रुपये है।

नवंबर 2020 के अंत से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध के बीच गेहूं की रिकॉर्ड खरीद हासिल की गई है। किसान संघ तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।

रबी विपणन सीजन 2021-22 अप्रैल से मार्च तक चलता है लेकिन अधिकांश खरीद जून तक पूरी हो जाती है।

सूत्रों के अनुसार इस एमएसपी पर गेहूं की खरीद उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर राज्यों में चल रही है।

सरकार ने 8 जून तक 418.47 लाख टन गेहूं खरीदा है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 373.22 लाख टन था। इस साल की खरीद पूरे 2020-21 विपणन वर्ष में हासिल किए गए 389.92 लाख टन के पिछले उच्च स्तर को पार कर गई है।

राज्य के स्वामित्व वाली भारतीय खाद्य निगम (FCI) खाद्यान्नों की खरीद और वितरण के लिए नोडल एजेंसी है।

खरीफ फसलों के एमएसपी घोषित, 72 से 452 रुपये की बढ़ोतरी, केंद्र ने दी मंजूरी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश के किसानों को राहत देने के लिए खरीफ विपणन सीजन 2021-22 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी में 72 से 452 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर दी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की समिति, सीसीईए ने खरीफ फसलों की प्रमुख फसल धान के एमएसपी में 72 रुपये की बढ़ोतरी कर धान सामान्य किस्म का एमएसपी खरीफ विपणन सीजन 2021-22 के लिए 1,940 रुपये और धान ग्रेड ए का एमसपी 1,960 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और नरेंद्र सिंह तोमर के बुधवार को कैबिनेट के फसलों की जानकारी देते हुए बताया कि खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर के एमएसपी को 300 रुपये बढ़ाकर 6,300 रुपये तथा उड़द के एमएसपी में भी 300 रुपये की बढ़ोतरी कर 6,300 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। मूंग के एमएसपी में 79 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 7,275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।

सीसीईए ने ज्वार हाईब्रिड का एमएसपी 118 रुपये बढ़ाकर 2,738 रुपये, ज्वार मालदंड का 118 रुपये बढ़ाकर 2,758 रुपये, बजारा का 100 रुपये बढ़ाकर 2,250 रुपये, मक्का का 20 रुपये बढ़ाकर 1,870 रुपये, मूंगफली का 275 रुपये बढ़ाकर 5,550 रुपये, सूरजमुखी बीज का 130 रुपये बढ़ाकर 6,015 रुपये, तिल का 452 रुपये बढ़ाकर 7,307 रुपये, रामतिल का 235 रुपये बढ़ाकर 6,930 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।

खरीफ तिलहन की प्रमुख फसल सोयाबीन पीला का एमएसपी 70 रुपये बढ़ाकर 3,950 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।

सीसीईए ने कपास माध्यम रेशा के एमएसपी में 211 रुपये की बढ़ोतरी कर खरीफ विपणन सीजन 2021-22 के लिए भाव 5,726 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। इसी तरह से कपास लंबा रेशा के एमएसपी में 200 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 5,025 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।

दिल्ली में उड़द एसक्यू के दाम तेज, मध्य प्रदेश की मसूर और चना नरम, अरहर स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से बुधवार को दिल्ली के नया बाजार में उड़द एसक्यू की कीमतों में तेजी दर्ज की गई, जबकि मध्य प्रदेश की मसूर और चना की कीमतों में मंदा आया। अरहर के दाम स्थिर बने रहे।  

विदेशों से चेन्नई बंदरगाह पर आयातित उड़द की आवक बनने के बावजूद भी मिलों की हाजिर मांग से उड़द एसक्यू के दाम लगातार दूसरे दिन 75 रुपये बढ़कर 7,275 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। जबकि एफएक्यू की कीमतें 6,850 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।

काकीनाड़ा और मुंद्रा बंदरगाह पर विदेश से मसूर की आपूर्ति बढ़ने से मिलों की मांग कमजोर रही, जिससे दिल्ली में मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के भाव में 75 रुपये घटकर 6,575 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कनाडा की मसूर के दाम 6,525 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

लेमन अरहर के दाम दिल्ली में 6,300 से 6,325 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

चेन्नई में लेमन अरहर के भाव 6,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

बर्मा से लेमन अरहर के दाम जुलाई शिपमेंट के 6,600 से 6,625 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

दाल मिलों की मांग कमजोर होने से चना की कीमतों में 50 रुपये की गिरावट आकर लारेंस रोड़ पर राजस्थानी चना के भाव 5,275 से 5,300 रुपये और मध्य प्रदेश लाईन के चना के दाम 5,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

बर्मा की उड़द एवं कनाडा, आस्ट्रेलियाई की मसूर मुंबई में तेज, अरहर स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग सुधरने से बुधवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में बर्मा उड़द के साथ ही कनाडा और आस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई जबकि अरहर के दाम स्थिर बने रहे।

केंद्र सरकार ने अरहर के एमएसपी को 300 रुपये बढ़ाकर 6,300 रुपये तथा उड़द के एमएसपी में भी 300 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 6,300 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। मूंग के एमएसपी में 79 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 7,275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।

विदेशों से चेन्नई बंदरगाह पर उड़द की आवक बनने के बावजूद भी दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 100-100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 6,600 रुपये और 6,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

काकीनाडा और मुंद्रा बंदरगाह पर आयातित मसूर आने के बावजूद भी मिलों की मांग बनी रहने से मुंबई में कनाडा की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर तथा आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम मुंबई में 75 से 100 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। सरकार ने अभी तक मसूर के आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया है।

देश भर में कोरोना के मामलों में कमी आने से लॉकडाउन में छूट दिए जाने के बाद खुदरा बाजारों में दालों की मांग में सुधार आने की उम्मीद है।

घरेलू बाजारों में दाल मिलों की सीमित मांग से लेमन अरहर के साथ ही अरुषा अरहर के दाम मुंबई में क्रमश: 6,000 रुपये और 5,950 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जून वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 35 रुपये की गिरावट आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 29 रुपये का मंदा आया।

सोया डीओसी का निर्यात मई अंत तक 243 फीसदी बढ़कर 17.55 लख टन पर पहुंचा

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच सोया डीओसी के निर्यात में रिकार्ड ​बढ़ोतरी राहत की खबर रही है। चालू फसल सीजन 2020-21 के पहले आठ महीनों अक्टूबर-20 से मई-21 के बीच देश से सोया डीओसी का निर्यात 243 फीसदी बढ़कर 17.55 लाख टन का हो गया, जबकि पिछले फसल सीजन की समान अवधि में 5.12 लाख टन का ही निर्यात हुआ था।

सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया, सोपा द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार चालू फसल सीजन में सोया डीओसी की घरेलू खपत में फीड में मांग कमजोर रही, क्योंकि घरेलू बाजार में दाम काफी बढ़े हुए ​​थे। घरेलू बाजार में अक्टूबर-20 से मई-21 के दौरान सोया डीओसी की खपत घटकर 33.50 लाख टन की ही हुई, जबकि पिछले फसल सीजन की समान अवधि में 38.80 लाख टन की हुई थी। चालू फसल सीजन में सोया डीओसी का उत्पादन बढ़कर 55.87 लाख टन का हुआ है, जबकि पिछले फसल सीजन में इसका उत्पादन 44.42 लाख टन का ही हुआ था। चालू फसल सीजन में 4.05 लाख टन सोया डीओसी का उपयोग खाने में हुआ है, जबकि पहली जून को 1.40 लाख टन का बकाया स्टॉक बचा हुआ है।

सोपा के अनुसार चालू फसल सीजन में 104.55 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ था, ​जबकि नई फसल के समय 5.16 लाख टन बकाया बचा हुआ था। अत: कुल उपलब्धता 109.71 लाख टन की बैठी थी, जिसमें से मई अंत तक मंडियों में 79.75 लाख टन की आवक हो चुकी है। अत: पहली जून​ किसानों और प्लांटों तथा व्यापारियों के पास सोयाबीन का बकाया स्टॉक 25.64 लाख टन का ही बचा हुआ है, जोकि पिछले साल के 32,85 लाख टन से कम है।

08 जून 2021

दिल्ली में अरहर, उड़द और मसूर की कीमतों में तेजी, चना में मंदा

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मंगलवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर के साथ ही उड़द और मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई जबकि चना की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।

देश भर में कोरोना के मामलों में कमी आने से राज्य द्वारा कर्फ्यू/लॉकडाउन प्रतिबंधों में छूट दिए जाने से खुदरा बाजार में दालों की मांग आने वाले हफ्तों में और बढ़ने की उम्मीद है।

घरेलू बाजारों से दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से लेमन अरहर की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6,350 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चेन्नई हाजिर बाजार में अरहर के दाम 50 रुपये बढ़कर 6,050 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। आयातित अरहर के आगामी महीनों जून के सौदों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि जुलाई शिपमेंट के भाव 6,300 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

चेन्नई में ​भाव मजबूत होने से दिल्ली में बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 50-50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,850 रुपये और 7,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

काकीनाड़ा और मुंद्रा बंदरगाह पर विदेश से मसूर की आपूर्ति के बावजूद नीचे दाम पर मिलों की मांग से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के भाव में 25 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 6,525 रुपये और 6,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। सरकार ने अभी तक मसूर के आयात शुल्क में कोई भी बदलाव करने की घोषणा नहीं की है।

दाल मिलों की मांग कमजोर होने एवं वायदा में आए मंदे दिल्ली में चना के दाम 50 रुपये घटकर राजस्थानी चना के भाव 5,325 से 5,350 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 5,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मुंबई में आयातित अरहर के दाम बढ़े, अन्य दलहन की कीमतें स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग सुधरने से मंगलवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में अरहर की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई जबकि अन्य दलहनों की कीमतें स्थिर बनी रही।

अरहर दाल की मांग अभी भी कमजोर बनी हुई है। घरेलू बाजारों में दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से लेमन अरहर के साथ ही अरुषा अरहर के दाम मुंबई में 50-50 रुपये तेज होकर क्रमश: 6,050 से 6,075 रुपये और 6,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। सरकार द्वारा दलहन के आयात पर मात्रात्मक प्रतिबंध हटा लेने से घरेलू बाजार में अरहर की कीमतों में 10 से 12 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।

खरीदारों ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों से अरहर नीचे दाम पर खरीदी है। इस बीच, घरेलू मंडियों में अरहर की कीमतें एमएसपी से थोड़ा ऊपर कारोबार कर रही हैं। केंद्रीय पूल सरकार के पास अरहर का लगभग 3,43,940 टन का बफर स्टॉक है। सीएसीपी जल्द ही खरीफ विपणन सीजन 2021-22 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी की सिफारिश करेगा।

उड़द के दाम मुंबई में नई और पुरानी के दाम क्रमश: 6,500 रुपये और 6,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

मसूर के दाम कनाडा के 6,325 से 6,425 रुपये और आस्ट्रेलियाई मसूर के 6,525 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

तंजानिया लाईन के चना के दाम मुंबई में 4,750 से 4,800 रुपये, रुस के काबूली चना के दाम 5,000 से 5,050 रुपये तथा सूडान के काबूली चना के भाव 4,800 से 5,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जून वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 62 रुपये की गिरावट आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 58 रुपये का मंदा आया।

07 जून 2021

एमएसपी पर 416.44 टन रिकार्ड गेहूं की खरीद, सरकार खरीदेगी 433 लाख टन

नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 6 जून 2021 तक देशभर की मंडियों से भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई ने 416.44 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जोकि अभी तक का रिकार्ड है।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार पिछले रबी विपणन सीजन 2020-21 में एमएसपी पर कुल खरीद 389.92 लाख टन ही हुई थी जबकि पिछले रबी विपणन सीजन की समान अवधि में एमएसपी पर 371.33 लाख टन गेहूं की खरीदा गया था। अत: पिछले रबी की तुलना में एफसीआई चालू रबी विपणन सीजन में 12.14 फीसदी ज्यादा गेहूं की एमएसपी पर खरीद कर चुकी है, इससे देशभर के 45.56 लाख किसानों के खाते में 82,247.51 करोड़ रुपये की राशि आई है।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 132.10 लाख टन की है, जबकि हरियाणा से चालू रबी में 84.93 लाख टन और मध्य प्रदेश से 128.08 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। अन्य राज्यों में राजस्थान से चालू रबी में अभी तक 20.63 लाख टन और उत्तर प्रदेश से 45.78 लाख टन गेहूं की खरीद एमएसपी पर की जा चुकी है, जबकि अन्य राज्यों से एमएसपी पर 4.92 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।  

केंद्र सरकार ने चालू रबी में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि पिछले रबी में एमएसपी 1,925 रुपये प्रति क्विंटल था।

सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर खरीद के तय लक्ष्य को पांच लाख टन बढ़ा दिया है। खरीद आरंभ होने के समय केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन में 427 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया था, जिसे बढ़ाकर 433 लाख टन कर दिया है।

मुंबई में बर्मा उड़द के दाम नरम, मसूर, चना और काबूली चना में सुधार, अरहर के दाम स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर बनी रहने से सोमवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में बर्मा उड़द की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि मसूर के साथ ही चना एवं काबूली चना की कीमतों में तेजी आई। इस दौरान अरहर की कीमतें स्थिर बनी रही।  

सरकार द्वारा आयात पर मात्रात्मक प्रतिबंध हटा लेने से चेन्नई बंदरगाह में सस्ती उड़द की आवक बनने एवं मिलों की कमजोर मांग के कारण उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,500 रुपये और 6,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उड़द आयात की बराबर पैरिटी लग रही है।

कनाडा की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर तथा आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव मुंबई में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए।  

इसके अलावा, सरकार ने अभी तक मसूर और चना के आयात शुल्क में कोई बदलाव करने की घोषणा अभी तक नहीं है।

देश भर में कोरोना के मामलों में आई कमी से राज्य सरकारों ने लॉकडाउन में  ढील दी है, जिससे खुदरा बाजार में दालों की मांग आने वाले हफ्तों में और सुधरेगी।

दाल मिलों की हाजिर मांग में आये सुधार से तंजानिया लाईन के चना के साथ ही रुस और सुडान लाईन के काबूली चना की कीमतों में आज मुंबई में 50-50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।

मुंबई में लेमन अरहर के दाम 6,000 रुपये और अरुषा अरहर के भाव 5,900 से 5,950 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जून वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 47 रुपये की तेजी आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 47 रुपये का सुधार आया।

03 जून 2021

दाल मिलों की कमजोर मांग से दिल्ली में अरहर, उड़द एसक्यू और मसूर में मंदा

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से गुरूवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर और उड़द एसक्यू के साथ ही मसूर की कीमतों में लगातार दूसरे दिन भी गिरावट दर्ज की गई, जबकि उड़द एफएक्यू के दाम स्थिर बने रहे।

निकट भविष्य में विदेश से सस्ती उड़द और अरहर की आपूर्ति बनने की उम्मीद से भी अरहर और उड़द के हाजिर सौदों की कीमतों में कमी आई है।

बर्मा के स्थानीय व्यापारी के अनुसार, भारत के खरीदार नीचे दाम पर बड़ी मात्रा में खरीदारी करने के लिए सक्रिय थे। जबकि, बिकवाल दाम घटाकर बिकवाली करने में रूचि नहीं ले रहे। भारतीय आयातकोंं ने चेन्नई के लिए उड़द एफएक्यू 2021 फसल के लगभग 100 कंटेनरों का कल 700 डॉलर प्रति मीट्रिक टन एफओबी आधार पर कारोबार किया। बर्मा से, कंटेनरों की कमी के कारण शुल्क अधिक है कंटेनर का भाड़ा लगभग 130 से 150 डॉलर है।

इस सप्ताह की शुरुआत में, लेमन अरहर नई 2021 की फसल के 700 डॉलर प्रति टन, एफओबी आधार पर भारत के लिए लगभग 2,000 टन का व्यापार हुआ।

स्थानीय मिलोें की मांग कमजोर होने के कारण बर्मा की लेमन अरहर की कीमतें दिल्ली में 50 रुपये घटकर 6,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। चेन्नई हाजिर में लेमन अरहर की कीमतें 50 रुपये घटकर 6,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। बर्मा लाईन की नई लेमन अरहर के आगे के सौदे जून-जुलाई शिपमेंट के 100 रुपये घटकर भाव 6,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

चेन्नई से मिले नरमी के संकेतों के बाद, दाल मिलों की हाजिर मांग कम होने से बर्मा उड़द एसक्यू की कीमतों में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 7,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। जबकि उड़द एफएक्यू के दाम 6,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के दाम 50 से 75 रुपये घटकर भाव क्रमश: 6,500 रुपये और 6,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। बाजार में इस बात का डर है कि कहीं सरकार जल्द ही मसूर पर आयात शुल्क कम कर सकती है या समाप्त कर सकती है। हालांकि, आयातित मसूर का स्टॉक लगातार कम हो रहा है, जबकि आयात शुल्क ज्यादा होने के कारण आयात में पड़ते भी नहीं लग रहे हैं, ऐसे में मसूर की कीमतों मेंं नीचे भाव में मांग आने सुधरने की उम्मीद है।

02 जून 2021

मिलों की कमजोर मांग से दिल्ली में अरहर, उड़द, मसूर में मंदा जारी, चना में सुधार

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से बुधवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर और उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई जबकि चना की कीमतों में 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल का सुुधार आया।

मीडिया में चल रही रिपोर्ट, कि सरकार जल्द ही चना-काबुली चना और मसूर पर आयात शुल्क कम कर सकती है, से कीमतों पर दबाव बना हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा अरहर, उड़द और मूंग के आयात से मात्रात्मक प्रतिबंध हटा लेने के साथ ही मिलों से साप्ताहिक आधार पर स्टॉक का ब्यौरा मांगने के सरकार के फैसले से दालों की कीमतों पर पहले ही दबाव बना हुआ था।

कई राज्यों में लॉकडाउन प्रतिबंधों के कारण दालों की व्यापार सीमित मात्रा में ही हो रहा था हालांकि, हाल के दिनों में कोरोना के नए मामलों में गिरावट देखी गई है। लेकिन, अभी भी रेस्तरां और होटल आदि बंद होने से दालों की कुल खपत सामान्य की तुलना में कम है। निकट भविष्य में विदेश से सस्ती उड़द और अरहर की आपूर्ति बनने की उम्मीद से भी अरहर और उड़द के हाजिर सौदों की कीमतों में कमी आई है।

स्थानीय मिलोें की मांग कमजोर होने के कारण बर्मा की लेमन अरहर की कीमतें दिल्ली में 50 रुपये घटकर 6,350 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। चेन्नई हाजिर में लेमन अरहर की कीमतें 50 रुपये घटकर 6,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। बर्मा लाईन की नई लेमन अरहर के आगे के सौदे जून-जुलाई शिपमेंट के 100 रुपये घटकर भाव 6,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

चेन्नई से मिले नरमी के संकेतों के बाद, दाल मिलों की हाजिर मांग कम होने से बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 50-100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,900 रुपये और 7,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उड़द के आयात पड़ते बराबर लग रहे हैं।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के दाम 75 रुपये घटकर भाव क्रमश: 6,550 रुपये और 6,725 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। बाजार में इस बात का डर है कि कहीं सरकार जल्द ही मसूर पर आयात शुल्क कम कर सकती है या समाप्त कर सकती है। हालांकि, आयातित मसूर का स्टॉक लगातार कम हो रहा है, जबकि आयात शुल्क ज्यादा होने के कारण आयात में पड़ते भी नहीं लग रहे हैं, ऐसे में मसूर की कीमतों मेंं नीचे भाव में मांग आने सुधरने की उम्मीद है।

लारेंस रोड़ पर राजस्थानी चना की कीमतों में 25 रुपये की तेजी आकर भाव 5,375 से 5,400 रुपये और मध्य प्रदेश के चना की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 5,325 से 5,350 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

मूंग की कीमतों में 150 से 175 रुपये का मंदा आकर भाव 6,325 से 6,550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

01 जून 2021

गेहूं की एमएसपी पर खरीद 408 लाख टन के करीब, पिछले साल से 45.92 लाख टन ज्यादा

नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 31 मई 2021 तक देशभर की मंडियों से भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई ने 407.80 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जोकि  पिछले रबी सीजन की समान अवधि के 361.88 लाख टन की तुलना में 45.92 लाख टन ज्यादा है।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 132.10 लाख टन की है, जबकि हरियाणा से चालू रबी में 84.93 लाख टन और मध्य प्रदेश से 127.70 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इन राज्यों से क्रमश: 127.11 लाख टन, 74 लाख टन और 122.43 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।

अन्य राज्यों में राजस्थान से चालू रबी में अभी तक 19.17 लाख टन और उत्तर प्रदेश से 39.79 लाख टन गेहूं की खरीद एमएसपी पर की जा चुकी है, पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इन राज्यों से क्रमश: 13.57 लाख टन और 23.91 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।  

केंद्र सरकार ने चालू रबी में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि पिछले रबी में एमएसपी 1,925 रुपये प्रति क्विंटल था।

समर में दालों की बुआई 67 फीसदी ज्यादा, मूंग की कीमतों पर दबाव

नई दिल्ली। देश में समर सीजन में दलहन फसलों की बुवाई में 67.48 फीसदी की भारी बढ़ोतरी होकर कुल बुआई 17.82 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले समर में केवल 10.64 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी। समर में दलहन की प्रमुख फसल मूंग का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है, तथा चालू समूर में मूंग की बुआई 73.84 बढ़ी है। इसकी बुआई चालू समर में 8.32 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 14.45 लाख हेक्टेयर में हो गई। अत: उत्पादन अनुमान बढ़ने से मूंग की कीमतों पर दबाव बना हुआ है।  

मध्य प्रदेश में दलहन बुवाई का रकबा 3.82 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 5.18 लाख हेक्टेयर, ओडिशा में शून्य से बढ़कर 3.20 लाख हेक्टेयर, बिहार में 1.71 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3.15 लाख हेक्टेयर, तमिलनाडु में 1.76 लाख हेक्टेयर से 2.21 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 1.28 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.42 लाख, गुजरात 0.58 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 0.77 लाख हेक्टेयर में हुआ।

नई मूंग के दाम उत्पादक मंडियों में 7,196 रुपये प्रति क्विंटल, न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी से नीचे कारोबार कर रहे है। गुणवत्ता के अनुसार, नई ग्रीष्मकालीन फसल मूंग मध्य प्रदेश में 6,000-6,400 रुपये प्रति क्विंटल और गुजरात में 6,000-6,500 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में कारोबार कर रही है। दूसरी ओर, राजस्थान में खरीफ मूंग का कारोबार 6,500-7,000 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में हो रहा है। उत्तर प्रदेश और बिहार के उत्पादक राज्यों में बारिश के कारण समर मूंग में कुछ नुकसान देखने को मिल सकता है लेकिन सरकार द्वारा अरहर, उड़द और मूंग के आयात से मात्रात्मक प्रतिबंध हटाने के बाद मूंग की कीमतों पर दबाव बने रहने की उम्मीद है। घरेलू कीमतों में पहले ही 10-15 फीसदी की गिरावट आई है।

चीनी का उत्पादन पिछले साल से 13 फीसदी बढ़कर 306 लाख टन के करीब

नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2020 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2020-21 के पहले आठ महीनों में पहली अक्टूबर 2020 से 31 मई 2021 तक चीनी का उत्पादन 13.19 फीसदी बढ़कर 305.68 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान केवल 270.05 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। विदेशी बाजार में दाम तेज होने से चालू पेराई सीजन में 58 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे भी हो चुके हैं।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में 31 मई 2021 तक 106.28 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 61.69 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था।

उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में 120 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी, जिसमें से 116 मिलों में पेराई बंद हो चुकी है। राज्य में 31 मई 2021 तक 110.16 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि के 125.46 लाख टन से 15.30 लाख टन कम है।

कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में 31 मई तक 41.67 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 33.80 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। दक्षिण कर्नाटक में कुछ मिलें विशेष सत्र की पेराई कर रही हैं तथा पेराई पेराई सीजन में विशेष सत्र में 1.14 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।

तमिलनाडु में चालू पेराई सीजन में 31 मई तक 6.52 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अ​वधि के 5.90 लाख टन से ज्यादा है। राज्य में इस समय विशेष सत्र की पेराई चल रही है तथा पिछले साल तमिलनाडु में विशेष सत्र के दौरान 2 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।

देश के अन्य राज्यों गुजरात, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा में 31 मई 2021 तक 41.05 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।

चालू पेराई सीजन में 31 मई 2021 तक देश से करीब 58 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हो चुके हैं, जबकि केंद्र सरकार ने चालू पेराई सीजन में 60 लाख टन चीनी का निर्यात कोटा तय किया हुआ है। सूत्रों के अनुसार विदेशी बाजार में दाम तेज होने से मिलों को निर्यात में अच्छी पैरिटी लग रही है।

दिल्ली में अरहर, उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में गिरावट

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मंगलवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर और उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।

स्थानीय मिलोें की मांग कमजोर होने के कारण बर्मा की लेमन अरहर की कीमतें दिल्ली में 100 रुपये घटकर 6,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। अगले महीने से आयातित उड़द और अरहर नीचे भाव की आयेगी, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा अरहर, उड़द और मूंग के फ्री आयात की अनुमति से कीमतों पर दबाव बना हुआ है। चेन्नई हाजिर में लेमन अरहर की कीमतें 50 रुपये घटकर 6,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। बर्मा लाईन की नई लेमन अरहर के आगे के सौदे जून-जुलाई शिपमेंट के करीब 100 रुपये नरम होकर भाव 6,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

चेन्नई से मिले नरमी के संकेतों के बाद, दाल मिलों की हाजिर मांग कम होने से बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,950 रुपये और 7,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उड़द के आयात पड़ते बराबर लग रहे हैं।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के दाम 25 से 50 रुपये नरम होकर भाव क्रमश: 6,625 रुपये और 6,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। बाजार में इस बात का डर है कि कहीं सरकार जल्द ही मसूर पर आयात शुल्क कम कर सकती है या समाप्त कर सकती है। मसूर की आवक मंडियां बंद होने के साथ ही लॉकडाउन के कारण सीमित मात्रा में ही हो रही है जबकि आयात शुल्क ज्यादा होने के कारण आयात में पड़ते भी नहीं लग रहे हैं, ऐसे में मसूर की कीमतों मेंं नीचे भाव में मांग आने सुधरने की उम्मीद है।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जून डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 59 रुपये की गिरावट आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 62 रुपये का मंदा आया।

बर्मा उड़द की कीमतें मुंबई में घटी, आस्ट्रेलियाई मसूर में सुधार, चना, काबूली चना और अरहर स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मंगलवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में बर्मा की उड़द एफएक्यू की कीमतों में लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई, जबकि आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव में सुधार आया तथा आयातित अरहर के दाम स्थिर बने रहे।  

केंद्र सरकार द्वारा दालों के आयात से मात्रात्मक प्रतिबंध हटा लेने से आगे सस्ते आयात की संभावना एवं मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 100-100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,700 रुपये और 6,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान आयात में अच्छी पैरिटी बनी हुई है। कोरोना के प्रतिबंधों और प्रमुख खपत केंद्रों में लॉकडाउन के कारण व्यापार सीमित मात्रा में हो रहा है, जिसके कारण दालों में थोक के साथ ही खुदरा बाजार में ग्राहकी कमजोर बनी हुई है।

दाल मिलों की हाजिर मांग में आये सुधार से ऑस्ट्रेलिया की मसूर के भाव मुंबई में 25 रुपये बढ़कर 6,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। दूसरी और इस दौरान कनाडा की मसूर के दाम स्थिर बने रहे। मसूर की आवक मंडियां बंद होने के साथ ही लॉकडाउन के कारण सीमित मात्रा में ही हो रही है जबकि आयात शुल्क ज्यादा होने के कारण आयात में पड़ते भी नहीं लग रहे हैं जिससे मौजूदा कीमतों में सुधार आने की उम्मीद है। हालांकि, बाजार में इस बात का डर है कि कहीं सरकार जल्द ही मसूर पर आयात शुल्क कम कर सकती है या समाप्त कर सकती है।

दाल मिलों की सीमित मांग से रुस के काबूली चना के दाम मुंबई में 5,150 से 5,200 रुपये, सूडान के काबूली चना के 4,850 से 5,050 रुपये तथा तंजानिया के चना के भाव 4,850 से 4,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

मुंबई में लेमन अरहर के साथ अरुषा अरहर के दाम क्रमश: 6,150 रुपये और 6,050-6,075 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जून वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 21 रुपये की गिरावट आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 25 रुपये का मंदा आया।