कुल पेज दृश्य

30 नवंबर 2021

दिसंबर के लिए 21.5 लाख टन चीनी का कोटा जारी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दिसंबर के लिए घरेलू बाजार में बिक्री के लिए 21.5 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया है। सरकार ने इस महीने के बचे कोटे की बिक्री के लिए भी कोई मोहलत नहीं दी है। व्यापारियों के अनुसार दिसंबर के लिए कोटा तय अनुमान से कम आया है, जबकि खपत का सीजन बना हुआ है। इसलिए मौजूदा कीमतों में हल्का सुधार तो बन सकता है लेकिन बड़ी तेजी के आसार नहीं है।

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने दिसंबर के लिए 21.5 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया है जो पिछले साल दिसंबर के कोटे के बराबर है। कारोबारियों को उम्मीद थी कि कोटा कम से कम 22 या 22.5 लाख टन का आयेगा। सरकार ने नवंबर 2021 के लिए कोटा 22.5 लाख टन का कोटा जारी किया था। नवंबर में अक्टूबर के कोटे की बची चीनी बेचने की भी अनुमति दी गई थी, इसलिए नवंबर में चीनी की कुल उपलब्धता ज्यादा थी। जानकरों के अनुसार नवंबर के कोटे की भी करीब 2.5 से 3 लाख टन चीनी मिलों के पास बगैर बिकी हुई बची है।

29 नवंबर 2021

आयातित मसूर और चना मुंबई में नरम, अरहर के भाव में सुधार, दिल्ली में दालें नरम

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण सोमवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में मसूर के साथ ही चना की कीमतों में गिरावट आई जबकि अरहर की कीमतों में सुधार आया। दिल्ली में मिलों की मांग कमजोर बनी रहने से चना, मूंग और मसूर में गिरावट दर्ज की गई।

तंजानिया लाईन की अरुषा और मटवारा अरहर की कीमतों में 50-50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 5,150 से 5,2000 रुपये और 5,050- से 5,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।  मोजाम्बिक लाईन की गजरी अरहर के भाव भी 50 रुपये तेज होकर 5,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मलावी अरहर की कीमतें भी 50 रुपये तेज होकर 4,650 से 4,750 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। सूडान की अरहर के भाव 6,050-6,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। दाल मिलों की सीमित मांग से बर्मा की लेमन अरहर के भाव 6,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

अरहर की कीमतों में सुधार आने की संभावना है क्योंकि नीचे दाम पर स्टॉकिस्टों की बिकवाली नहीं आ रही है। उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश से अरहर की नई फसल की कटाई में देरी होने की आशंका है, साथ ही मौसम विभाग ने आगे अभी मौसम और खराब होने की भविष्यवाणी जारी की हुई है।

जानकारों के अनुसार चालू सीजन में आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में अरहर की फसल को 20 से 40 फीसदी तक नुकसान होने की संभावना है। महाराष्ट्र में अरहर की फसल को 10 से 15 फीसदी तक नुकसान होने की आशंका है। अत: चालू सीजन में अरहर के कुल उत्पादन अनुमान में 20 फीसदी की कमी आने की आशंका है।

इसके अलावा, सरकारी एजेंसियों द्वारा निविदा के माध्यम से खरीद करने से अरहर की कीमतों में सुधार आने का अनुमान है।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से कनाडा की मसूर के भाव मुंबई, मुंद्रा और हजिरा बंदरगाह के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतें मुंबई में कंटेनर में 50 रुपये प्रति क्विंटल नरम हो गई।

दिल्ली में मसूर के दाम 25 रुपये घटकर 7,600 से 7,625 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मुंबई में तंजानिया के चना में दाल मिल की हाजिर मांग कमजोर होने से भाव में 25 रुपये की गिरावट  आकर भाव 4,775 से 4,875 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। नेफेड लगातार अपने स्टॉक से चना की बिकवाली कर रही है।

दिल्ली में चना की कीमतों में 25-25 रुपये की गिरावट आकर राजस्थानी चना के दाम 5,150 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के भाव 5,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

राजस्थान लाईन की मूंग के दाम दिल्ली में घटकर 4,500 से 6,100 रुपये और बेस्ट क्वालिटी के भाव 6,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मिलों द्वारा एक्स फैक्ट्री भाव बढ़ने से चीनी हाजिर में तेज

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में चीनी द्वारा एक्स मिल भाव बढ़ाने से सोमवार को दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित उत्तरी भारत में चीनी के थोक भाव तेज हो गए। उत्तर भारत की तेजी के कारण दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों के बाजारों में चीनी में मजबूती देखी गई। इन क्षेत्रों की मिलों ने भी फैक्ट्री रेट 10 रुपये बढ़ा दिए। जानकारों का कहना है कि अगले महीने का कोटा कम आने की संभावना से भी चीनी में भाव बढ़े हैं।

उत्तर प्रदेश की कई मिलों ने एक्स फैक्ट्री भाव में बढ़ोतरी की है। इसके बाद थोक बाजारों में व्यापारियों और स्टॉकिस्टों ने भी चीनी के भाव बढ़ाने शुरू कर दिए। पिछले हफ्ते राज्य की मिलों ने एक्स फैक्ट्री भाव बढ़ाने पर ज्यादातर व्यापारियों ने दाम नहीं बढ़ाये थे, लेकिन आज थोक बाजारों में चीनी के दाम 100 से 140 रुपये क्विंटल तक तेज हो गए। व्यापारियों के अनुसार मिलों ने एक्स फैक्ट्री भाव पिछले दो कार्यदिवसों में 40-50 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ाए हैं। इसके अलावा ट्रकों की कमी होने के कारण भाड़े भी बढ़ गए हैं जिससे थोक बाजारों में आज तेजी दर्ज की गई।

26 नवंबर 2021

रबी फसलों की बुआई 346 लाख हेक्टेयर के पार, तिलहन की 27.34 फीसदी ज्यादा

नई दिल्ली। चालू सीजन में 26 नवंबर 2021 तक रबी फसलों की बुआई 7.26 फीसदी बढ़कर 346.13 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुआई 322.70 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।

कृषि मंत्रालय के अनुसार तिलहनी फसलों की बुआई मेें चालू रबी में 27.34 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि रबी दलहन की बुआई 3.73 फीसदी आगे चल रही है। रबी फसलों की बुआई में तेजी आने लगी है।

मंत्रालय के अनुसार तिलहनी फसलों की बुआई चालू रबी में बढ़कर 76.60 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुआई 60.15 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की बुआई चालू रबी में बढ़कर 71.85 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुआई 55.96 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। अन्य तिलहनी फसलों में सनफ्लवर की बुआई 69 हजार हेक्टेयर में, मूंगफली की 2.14 लाख हेक्टेयर में और सफ्लावर की 43 हजार हेक्टेयर के अलावा केस्टर सीड की बुआई 1.19 लाख हेक्टेयर में हुई है।

रबी दालों की बुआई चालू रबी में बढ़कर 97.53 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अविध इनकी बुआई 94.02 लाख हेक्टेयर में हुई थी। रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की बुआई चालू रबी में बढ़कर 70.01 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इसकी बुआई 65.21 लाख हेक्टेयर में हुई थी। मसूर की बुआई चालू रबी में 10.94 लाख हजार हेक्टेयर में, मटर की 7.18 लाख हेक्टेयर में और उड़द की 2.41 हेक्टेयर में हुई है। पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 11.07 लाख हेक्टेयर में, 7.23 लाख हेक्टेयर में और 2.35 लाख हेक्टेयर में हुई थी।

मोटे अनाजों की बुआई चालू रबी में 25.87 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 26.80 लाख हेक्टेयर से थोड़ी कम है। मोटे अनाजों में ज्वार की बुआई चालू रबी में 17.15 लाख हेक्टेयर में और मक्का की 4.49 लाख हेक्टेयर में तथा जौ की बुआई 3.92 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 18.34 लाख हेक्टेयर में, 4.52 लाख हेक्टेयर में और 3.57 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।

रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बुआई चालू रबी में 138.35 लाख हेक्टेयर में हुई है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 133.84 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।

धान की रोपाई चालू रबी में 7.78 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इसकी रोपाई 7.89 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।

25 नवंबर 2021

बर्मा की अरहर और मसूर की कीमतों में गिरावट, मूंग और चना में आया सुधार

नई दिल्ली। बढ़े भाव में दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण गुरूवार को दिल्ली के नया बाजार में बर्मा की अरहर के साथ ही मसूर की कीमतों में गिरावट आई जबकि मूंग के साथ ही चना की कीमतों में तेजी आई। मुंबई में अरहर और उड़द की कीमतों में भी नरमी आई, जबकि मसूर के दाम स्थिर बने रहे।

व्यापारियों के अनुसार अरहर की कीमतों में पिछले चार, पांच दिनों से लगातार तेजी बनी हुई थी, अत: बढ़े भाव में मिलों की मांग तो कमजोर हुई है, लेकिन दक्षिण भारत के राज्यों में मौसम अभी भी खराब बना हुआ है। ऐसे में आगे अरहर की कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक उत्पादक राज्यों में मौसम कैसा रहता है, इस पर भी निर्भर करेगी।

अन्य बाजारों में कीमतों में आई नरमी से दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,350 से 6,375 रुपये और 6,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।  

मुंबई में लेमन अरहर के दाम 50 रुपये घटकर 5,950 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान अफ्रीका की अरहर के दाम 25 रुपये कम होकर 6,075 से 6,100 प्रति क्विंटल रह गए। अरुषा एवं मोजांबिक की अरहर के दाम इस दौरान क्रमश: 5,100 से 5,150 रुपये एवं 5,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

सूत्रों के अनुसार कीमतेंं तेज होने के कारण तमिलनाडु राज्य सरकार ने 60,000 टन अरहर दाल खरीदने की निविदा को रद्द कर दिया है, जिससे अरहर की कीमतों पर दबाव बना है।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से दिल्ली में कनाडा की मसूर के दाम 25 रुपये घटकर 7,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मध्य प्रदेश की मसूर के दाम इस दौरान 7,650 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

मुंबई में कनाडा की मसूर के दाम कंटेनर में 7,250 से 7,300 रुपये और आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव कंटेनर में 7,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। कनाडा की मसूर मुंद्रा बंदरगाह के साथ ही हजीरा बंदरगाह पर क्रमश: 7,150 रुपये और 7,200 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्वस्तर पर टिकी रही।

कानपुर में देसी मसूर के दाम 25 रुपये घटकर 7,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

इंदौर मंडी मेंं देसी मसूर की कीमतों में 50 रुपये का मंदा आकर भाव 7,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।  

हालांकि नेफेड निजी आयातकों से आयातित मसूर की खरीद के लिए सक्रिय है, हालांकि व्यापारियों को डर है कि नेफेड आगे इसकी बिकवाली भाव घटाकर कर सकती है, इसलिए व्यापार सीमित मात्रा में ही कर रहे हैं।

चना की कीमतों में दिल्ली में 25 रुपये की तेजी आकर राजस्थानी चना के भाव 5,250 से 5,275 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मध्य प्रदेश के चना के भाव भी बढ़कर 5,150 से 5,175 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

मटर के दाम कानपूर मंडी में 50 रुपये तेज होकर 5,850 से 6,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

अच्छी क्वालिटी की मूंग के दाम दिल्ली में तेज होकर 6,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि हल्की क्वालिटी की मूंग के दाम 4,500 से 6,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दाल मिलों की कमजोर मांग से मुंबई में एफएक्यू उड़द के दाम 25 रुपये घटकर 6,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

बर्मा में लेमन अरहर और उड़द नरम, खराब मौसम से घरेलू बाजार में अरहर में तेजी जारी

नई दिल्ली। बर्मा में स्थानीय एवं निर्यात मांग कमजोर होने के कारण बुधवार को लेमन अरहर के साथ ही उड़द की कीमतों में पांच-पांच डॉलर प्रति टन की गिरावट दर्ज की गई, लेकिन घरेलू बाजार में उत्पादक राज्यों में खराब मौसम बना रहने से अरहर की कीमतों में तेजी जारी रही, जबकि उड़द के दाम चेन्नई में तेज हुए तथा अन्य मंडियों में स्थिर हो गए।

मसूर में बढ़े भाव में मांग कम होने से हल्की नरमी आई, जबकि नेफेड ने निजी आयातकों के करीब 3,750 टन आयातित मसूर की खरीद की। चना में बिकवाली कम आने से दाल स्थिर बने रहे, लेकिन मूंग की कीमतों में गिरावट देखने को मिली।

बर्मा में लेमन अरहर के दाम आज 5 डॉलर घटकर भाव 765 डॉलर प्रति टन, सीएंडएफ रह गए। इसी तरह से उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में पांच-पांच डॉलर की गिरावट आकर भाव क्रमश: 885 डॉलर और 995 डॉलर प्रति टन रह गए। जानकारों के अनुसार बर्मा में आगामी दिनों में नई लेमन अरहर की आवक बढ़ेगी, इसलिए मौजूदा कीमतों में तेजी की उम्मीद नहीं है। वैसे भी अगले महीने घरेलू मंडियों में देसी अरहर की आवक शुरू हो जायेगी, इसलिए बर्मा से भारतीय आयातकों की मांग भी कमजोर रहेगी।

भारतयी मौसम विभाग, आईएमडी के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान, तमिलनाडु, तटीय ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, दक्षिण मध्य महाराष्ट्र और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में कई जगहांं पर हल्की से मध्यम बारिश हुई। अगले 24 घंटों के दौरान, तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण मध्य महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। अरहर के उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश से जहां नई फसल की आवकों में देरी होगी, वहीं क्वालिटी भी प्रभावित होने का डर है। कर्नाटक के कुछ क्षेत्रों में पहले ही फसल को नुकसान होने के समाचार है। ऐसे में घरेलू बाजार में आगे अरहर की कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक मौसम पर भी निर्भर करेगी।

अन्य बाजारों में भाव में आये सुधार के साथ ही नीचे दाम पर दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर नई की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान पुरानी लेमन अरहर के दाम 6,200 से 6,225 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

नीचे दाम पर मिलों की मांग बढ़ने से बर्मा की लेमन अरहर नई के भाव में मुंबई में 25 रुपये की तेजी आकर भाव 6,000 से 6,025 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। तंजानिया लाईन की अरुषा अरहर के भाव में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 5,200-5,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। दूसरी और, मोजाम्बिक लाईन की गजरी अरहर के भाव 5,050-5,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। मलावी अरहर के दाम 4,650 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। सूडान की अरहर के भाव भी 6,050-6,100 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। दूसरी ओर, मटवारा अरहर की कीमतें 5,050 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।

स्थानीय मिलों की मांग सुधरने से मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 25-25 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 6,900 से 6,925 रुपये और 6,800 से 6,825 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

चेन्नई में उड़द एसक्यू हाजिर डिलीवरी के दाम 25 रुपये तेज होकर 7,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि उड़द एफएक्यू दिसंबर डिलीवरी के भाव भी 25 रुपये बढ़कर 6,950 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। बर्मा उड़द एसक्यू जनवरी और दिसंबर डिलीवरी के भाव क्रमश: 7,725 रुपये और 7,600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

मुंबई में कनाडा की मसूर के दाम कंटेनर में 7,250 से 7,300 रुपये एवं आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव कंटेनर में 7,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। मुुंद्रा और हजिरा बंदरगाह पर मसूर के भाव क्रमश: 7,150 रुपये और 7,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

नेफेड ने दिल्ली से निजी आयातों से 2,500 टन मसूर की खरीद 7,540 रुपये प्रति क्विंटल एवं बिहार से 1,200 टन मसूर की खरीद 7,537 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की।

दिल्ली में मसूर के दाम 50 रुपये घटकर 7,625 से 7,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

लारेंस रोड़ पर राजस्थानी चना के दाम 5,250 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के भाव 5,150 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

राजस्थान लाईन की मूंग के दाम दिल्ली में 100 रुपये घटकर 4,500 से 6,200 रुपये और बढ़िया क्वालिटी के भाव 6,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

उधर मध्य प्रदेश की इंदौर मंडी में बढ़िया क्वालिटी की मूंग के दाम 100 रुपये तेज होकर 7,000 से 7,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि हल्की क्वालिटी के भाव 6,000 से 6,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

मार्च 2022 तक जारी रहेगी पीएमजीकेएवाई योजना, फ्री आवंटन से गेहूं की मांग खुले बाजार से घटेगी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के जरिए गरीबों को मुफ्त राशन के वितरण की अविध को 30 नवंबर 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दिया है। हालांकि देश की अर्थव्यवस्था में आये सुधार और ओएमएसएस पॉलिसी के तहत अनाज का आवंटन होने के कारण पिछले दिनों ही केंद्रीय खाद्य सचिव ने इस योजना को नवंबर के बाद   बढ़ाने से मना कर दिया था, लेकिन कई राज्यों में चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस योजना को चार महीने बढ़ाने का फैसला लिया है।

सूत्रों के अनुसार पीएमजीकेएवाई योजना से गेहूं की कीमतों पर असर पड़ेगा, क्योंकि फ्री में आवंटन होने से खुले बाजार से गेहूं की मांग कम हो जायेगी। दिल्ली में गेहूं के भाव 2145 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। व्यापारियों के अनुसार गेहूं की दैनिक आवक सामान्य की तुलना में कमजोर है, लेकिन मिलों की मांग भी कम देखी गई। दिल्ली में आज लारेंस रोड पर आवक 5,000 बोरियों की हुई।

पीएमजीकेएवाई योजना 30 नवंबर 2021 को समाप्‍त हो रही थी, लेकिन सरकार के इस फैसले से उन 80 करोड़ परिवारों को अगले चार महीने तक इस योजना का और लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट की बैठक में पीएमजीकेएवाई योजना को मार्च 2022 तक विस्‍तार देने का फैसला लिया गया। इससे पहले केंद्र सरकार ने राज्‍यों को यह विकल्‍प दिया था कि वे चाहें तो इस योजना को संबंधित राज्‍य में विस्‍तार दे सकते हैं। ऐसी स्थिति में इस पर आने वाला खर्च भी संबंधित राज्‍यों को ही वहन करना था, लेकिन अब केंद्र ने खुद इस योजना की अवधि को अगले चार माह के लिए और बढ़ाने की घोषणा की है। इस योजना के तहत पात्र परिवारों को 5 किलो चावल या गेहूं एवं 1 किलो दाल के साथ 1 लीटर तेल, नमक एवं चीनी प्रदान की जाती है।

दिल्‍ली, ओडिशा सहित कई केंद्र शासित प्रदेशों और राज्‍यों की तरफ से इस संबंध में केंद्र सरकार से मांग की गई थी। दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ ओडिशा के मुख्‍यमंत्री नवीन पटनायक ने भी केंद्र सरकार से योजना को विस्‍तार देने का अनुरोध किया था। दिल्‍ली सरकार ने बाद में इस योजना को मई 2022 तक बढ़ाने की घोषणा की थी। वहीं, उत्‍तर प्रदेश में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने पहले ही इस योजना की अवधि को मार्च 2022 तक के लिए बढ़ाने की घोषणा की है। यूपी सरकार के इस फैसले को राज्‍य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बेहद अहम बताया गया।

अब केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को विस्‍तार देने को भी कई राज्‍यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए रणनीतिक फैसला बताया जा रहा है।

पीएमजीकेएवाई योजना की शुरुआत साल 2020 में हुई थी, जब देश कोविड-19 महामारी के भीषण चपेट में था और लॉकडाउन के कारण लाखों परिवारों को काम-धंधे से हाथ धोना पड़ा था। इसके तहत गरीब परिवारों को 5 किलो राशन नि:शुल्‍क प्रदान किया जाता रहा है। इसके लाभार्थियों की संख्‍या लगभग 80 करोड़ बताई जाती है। अर्थव्यवस्था के धीरे-धीरे पटरी पर लौटने के संकेत के बीच इस मुफ्त राशन योजना को 30 नवंबर 2021 तक ही जारी रखने की बातें सामने आई थी, लेकिन अब सरकार ने इसे मार्च 2022 तक बढ़ाने का फैसला लिया है।

24 नवंबर 2021

बर्मा की लेमन एवं अरुषा अरहर के साथ ही उड़द के भाव मुंबई में तेज, मसूर स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बनी रहने के कारण बुधवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में बर्मा की लेमन एवं अरुषा अरहर के साथ ही उड़द के भाव में तेजी आई।

नीचे दाम पर मिलों की मांग बढ़ने से बर्मा की लेमन अरहर नई के भाव में मुंबई में 25 रुपये की तेजी आकर भाव 6,000 से 6,025 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

तंजानिया लाईन की अरुषा अरहर के भाव में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 5,200-5,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। दूसरी और, मोजाम्बिक लाईन की गजरी अरहर के भाव 5,050-5,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। मलावी अरहर के दाम 4,650 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। सूडान की अरहर के भाव भी 6,050-6,100 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। दूसरी ओर, मटवारा अरहर की कीमतें 5,050 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।

व्यापारियों के अनुसार अरहर में बिकवाली का दबाव रुक सकता है, तथा नीचे भाव में मांग निकलने से हल्का सुधार और भी बन सकता है। अरहर के उत्पादक क्षेत्रों में पिछले 5-6 दिनों से बारिश के कारण नई अरहर की फसल की कटाई में देरी होने की आशंका है। मौसम विभाग ने अगले सप्ताह और बारिश होने का अनुमान जारी किया है, जिससे क्वालिटी प्रभावित होने का डर है।

कर्नाटक के कई जिलों में बारिश के कारण अरहर की फसल प्रभावित हुई है, हालांकि, कालाबुरागी जिले में बारिश नहीं हुई, लेकिन वहां फसल बुरी तरह प्रभावित हुई क्योंकि अत्यधिक कोहरे की स्थिति अरहर की फसल को नुकसान पहुंचा रही है।

इसके अलावा, सरकारी एजेंसियां निविदा के माध्यम से अरहर की खरीद कर रही है, जिससे भाव में तेजी को बल मिल रहा है।

दालों में थोक साथ ही खुदरा मांग में सुधार आने का अनुमान है, क्योंकि ब्याह, शादियों का सीजन होने के कारण मांग में बढ़ोतरी के आसार हैं।

स्थानीय मिलों की मांग सुधरने से मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 25-25 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 6,900 से 6,925 रुपये और 6,800 से 6,825 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

मिलों की सीमित खरीद से कनाडा की मसूर के भाव मुंबई, हजिरा और मुंद्रा बंदरगाह पर, साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम मुंबई में स्थिर बने रहे।

22 नवंबर 2021

आयातित अरहर और मसूर के भाव मुंबई में बढ़े, चना के नरम, उड़द और काबुली चना स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग सुधरने के कारण सोमवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित अरहर और मसूर की कीमतों में सुधार आया, जबकि चना की कीमतों में नरमी आई।

नीचे दाम पर मिलों की मांग बढ़ने से बर्मा की लेमन अरहर नई के भाव में मुंबई में 100 रुपये की तेजी आकर भाव 5,950 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। तंजानिया लाईन की अरुषा अरहर के भाव में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 5,100-5,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मोजाम्बिक लाईन की गजरी अरहर के भाव भी 50 रुपये तेज होकर 5,050-5,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मलावी अरहर के दाम 50 रुपये बढ़कर 4,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। सूडान की अरहर के दाम भी 100 रुपये तेज होकर 6,050-6,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। दूसरी ओर, मटवारा अरहर की कीमतें 5,050 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।

व्यापारियों के अनुसार अरहर में बिकवाली का दबाव रुक सकता है, तथा नीचे भाव में मांग निकलने से हल्का सुधार और भी बन सकता है। अरहर के उत्पादक क्षेत्रों में पिछले 4-5 दिनों से बारिश के कारण नई अरहर की फसल की कटाई में देरी होने की आशंका है साथ ही क्वालिटी भी प्रभावित होने का डर है। साथ ही, तमिलनाडु नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा निविदा के माध्यम से खरीदी हुई अरहर दाल को मंजूरी दे दी है।

दालों में थोक साथ ही खुदरा मांग में सुधार आने का अनुमान है, क्योंकि ब्याह, शादियों का सीजन होने के कारण मांग में बढ़ोतरी के आसार हैं।

मध्य प्रदेश सरकार ने बाढ़ पीड़ित परिवारों को 25 किलो चावल, 1 किलो अरहर दाल, 1 लीटर तेल, 1 किलो आलू और प्याज देने का फैसला किया है।

मोजाम्बिक से 24,310.821 टन मोज़ाम्बिक अरहर और 520.04 मलावी अरहर लेकर आए पोत ने 22 नवंबर तक मुंबई बंदरगाह पर 22,782 टन माल की अनलोडिंग कर दी है।

एक शिपिंग एजेंसी के अनुसार, एक वैसल जोकि 16,000 टन मोज़ाम्बिक अरहर लेकर आ रहा है, इसके 27 नवंबर, 2021 को मुंबई बंदरगाह पर पहुंचने की उम्मीद है।

नीचे दाम पर मिलों की मांग सुधरने से कनाडा की मसूर के भाव मुंबई, हजिरा और मुंद्रा बंदरगाह पर, साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम मुंबई में केंटनर और वैसल में 25-50 रुपये प्रति क्विंटल तेज होकर हो गए।

नेफेड ने निजी आयातकों से आयातित मसूर की खरीद के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं।

तंजानिया के चना में दाल मिल की हाजिर मांग घटने से भाव में 25 रुपये की गिरावट आकर भाव 4,700 से 4,825 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

स्थानीय मिलों की सीमित मांग से मुंबई में रुस और सूडान के काबुली चना के भाव क्रमश: 4,750 से 4,850 रुपये और 5,100 से 5,250 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। सूडान में काबुली चना की नई फसल आ रही है, लेकिन काबुली चना के आयात पर 40 फीसदी आयात शुल्क होने के कारण आयात पड़ते नहीं लग रहे हैं।

स्थानीय मिलों की सीमित खरीद से मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतें क्रमशः 6,800 से 6,825 रुपये और 6,700 से 6,725 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।

19 नवंबर 2021

बर्मा की उड़द के दाम दिल्ली में बढ़े, कनाडा की मसूर नरम

नई दिल्ली। नीचे दाम पर दाल मिलों की हाजिर मांग सुधरने के कारण गुरूवार को दिल्ली के नया बाजार में बर्मा की उड़द की कीमतों में सुधार आया, जबकि मसूर के भाव में गिरावट दर्ज की गई।

चेन्नई में दाम बढ़ने के साथ ही नीचे दाम पर मिलों की मांग बढ़ने से दिल्ली में बर्मा उड़द एसक्यू और एसक्यू की कीमतों में 25 से 50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,125 रुपये और 7,725 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

उत्तर प्रदेश लाईन की नई उड़द की कीमत 6,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।

महाराष्ट्र लाईन की नई उड़द के भाव दिल्ली में क्वालिटीनुसार 6,000-7,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

हालांकि, आयातित उड़द की तुलना में घरेलू नई उड़द में व्यापारिक गतिविधियां कमजोर थी।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से दिल्ली में कनाडा की मसूर की कीमतों में 25 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान मध्य प्रदेश की मसूर के दाम 7,650 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। मसूर दाल में उठाव कमजोर होने के कारण मिलों की मांग कमजोर देखी गई।

दाल मिलों की सीमित खरीद से दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर नई और पुरानी के भाव क्रमश: 6,200-6,225 रुपये और 6,050 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

व्यापारियों के अनुसार हाजिर बाजार में अफ्रीका की सस्ती अरहर की उपलब्धता ज्यादा है साथ ही नियमित आवक बनी हुई है। अफ्रीका की अरहर की क्वालिटी हल्की है, जिस कारण हाजिर बाजार में अरहर की कीमतों पर दबाव है।

17 नवंबर 2021

चालू पेराई सीजन में 15 नवंबर तक चीनी का उत्पादन 24 फीसदी बढ़ा

नई दिल्ली। चालू पेराई सीजन 2021-2 के पहले डेढ़ महीनें पहली अक्टूबर 2021 से 15 नवंबर 2021 तक चीनी का उत्पादन 24.25 फीसदी बढ़कर 20.90 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान केवल 16.82 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। चालू पेराई सीजन में 308 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी है, जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 289 मिलों में ही पेराई आरंभ हो पाई थी।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में 15 नवंबर 2021 तक 8.91 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 6 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था। राज्य में 134 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 120 चीनी मिलों में ही पेराई आरंभ हो पाई थी।

उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में हुई बारिश से मिलों में देर से पेराई आरंभ शुरू हो पाई। राज्य में 15 नवंबर तक 74 चीनी मिलों ने पेराई आरंभ कर दी है, जबकि पिछले सीजन की समान अवधि में 76 मिलों ने पेराई आरंभ कर दी थी। राज्य में 15 नवंबर 2021 तक 2.88 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि के 4 लाख टन से कम है।

कर्नाटक में 15 नवंबर 21 तक 7.62 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 5.66 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। राज्य में चालू पेराई सीजन में 63 मिलों ने गन्ने की पेराई आरंभ कर दी है, जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 60 मिलों ने ही पेराई आरंभ की थी।

गुजरात में चालू पेराई सीजन में 15 नवंबर 2021 तक 14 चीनी मिलों ने पेराई आरंभ कर दी है, तथा 75 हजार टन चीनी का उत्पादन हो चुका है, जबकि पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य की 14 मिलों ने 80 हजार टन चीनी का उत्पादन कर दिया था।

देश के अन्य राज्यों उत्तराखंड, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना में 15 नवंबर 2021 तक 74,000 टन चीनी का उत्पादन हो चुका है तथा इन राज्यों में 23 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी है।

चालू पेराई सीजन में अभी तक करीब 25 लाख टन चीनी के निर्यात सौदों हो चुकी है, जिनमें से अक्टूबर में करीब 2.70 लाख टन की शिपमेंट भी हो चुकी है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अविध के 1.96 लाख टन से ज्यादा है। नवंबर में निर्यात के लिए दो लाख टन चीनी पाइपलाइन में है।

16 नवंबर 2021

अक्टूबर में खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात 16 फीसदी घटा-एसईए

नई दिल्ली। अक्टूबर में जहां खाद्य एवं अखाद्य तेलों के आयात में 16 फीसदी की कमी आई है, वहीं चालू तेल वर्ष नवंबर-20 से अक्टूबर-21 के दौरान खाद्य एवं अखाद्य तेलों का कुल आयात पिछले तेल वर्ष के लगभग बराबर ही हुआ है।

साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार अक्टूबर में खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात घटकर 1,060,549 टन का हुआ है, जबकि ​​पिछले साल अक्टूबर में इनका आयात 1,266,784 टन का हुआ है। चालू तेल वर्ष के अक्टूबर में खाद्य तेलों का आयात 1,046,264 टन का और अखाद्य तेलों का आयात 14,285 टन का हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में खाद्य तेलों का आयात 1,224,945 टन का और अखाद्य तेलों का आयात 41,839 टन का हुआ था।

एसईए के अनुसार चालू तेल वर्ष नवंबर-20 से अक्टूबर-21 के दौरान खाद्य एवं अखाद्य तेलों का कुल आयात 13,531,333 टन का हुआ है जबकि तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 13,524,618 टन का हुआ था। चालू तेल वर्ष में जहां खाद्य तेलों का आयात 13,131,511 टन का हुआ है, वहीं अखाद्य तेलों का आयात 399,822 टन का हुआ था। पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में खाद्य तेलों का आयात 13,175,446 टन का और अखाद्य तेलों का आयात 349,172 टन का हुआ था।

सितंबर के मुकबाले अक्टूबर में आयातित खाद्य तेलों के दाम भारतीय बंदरगाह पर तेज हुए हैं। आरबीडी पॉमोलीन के भाव अक्टूबर में भारतीय बंदरगाह पर बढ़कर 1,349 डॉलर प्रति टन हो गए, जब​कि सितंबर में इसके भाव 1,222 डॉलर प्रति टन थे। इसी तरह से क्रुड पॉम तेल के भाव अक्टूबर में भारतीय बंदरगाह पर बढ़कर 1,369 डॉलर प्रति टन हो गए, जबकि सितंबर में इसके भाव 1,240 डॉलर प्रति टन थे। क्रुड सोयाबीन तेल के भाव सितंबर के 1,372 डॉलर प्रति टन से बढ़कर अक्टूबर में 1,453 डॉलर प्रति टन हो गए।

15 नवंबर 2021

सोयाबीन का उत्पादन अनुमान 118.89 लाख टन होने का अनुमान - सोपा

नई दिल्ली। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया, सोपा के अनुसार पहली अक्टूबर से शुरू हुए चालू फसल सीजन 2021-22 में देश में देश में सोयाबीन का उत्पादन बढ़कर 118.89 लाख टन होने का अनुमान है, हालांकि अक्टूबर में उत्पादक मंडियों में इसकी दैनिक आवक घटकर 15 लाख टन ही होने का अनुमान है।

सोपा के अनुसार चालू फसल सीजन में सोयाबीन का उत्पादन 118.89 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल केवल 104.55 लाख टन का उत्पादन हुआ था। हालांकि अक्टूबर में उत्पादक मंडियों में सोयाबीन की दैनिक आवक घटकर केवल 15 लाख टन की ही हुई हैं, जबकि पिछले साल अक्टूबर में 18 लाख टन की हुई थी। सोपा के अनुसार चालू सीजन में सोयाबीन की कुल उपलब्धता पिछले साल के 115.19 लाख टन से बढ़कर 123.72 लाख टन होने का अनुमान है।

सोपा की मासिक सप्लाई-डिमांड के अनुसार अक्टूबर से शुरू हुए नए सीजन में पिछले स्टॉक 1.83 लाख टन था, जो पिछले साल के 5.16 लाख टन से कम है। नए सीजन में 1.83 लाख टन पिछले स्टॉक, 118.89 लाख टन उत्पादन और 3 लाख टन आयात को मिलाकर कुल उपलब्धता 123.72 लाख टन सोयाबीन बैठेगी। पिछले सीजन में 5.16 लाख टन बकाया स्टॉक, 104.55 लाख टन उत्पादन और 5.48 लाख टन आयात को मिलाकर कुल उपलब्धता 115.19 लाख टन सोयाबीन बैठी थी। बुवाई में 12 लाख टन सोयाबीन जाने से इस साल 111.72 लाख टन सोयाबीन क्रशिंग के लिए उपलब्ध होगी। इसमें से 15 लाख टन की अक्टूबर में सप्लाई हुई, जबकि अक्टूबर में क्रशिंग 6 लाख टन की हुई।

नए सीजन में सोयामील का बकाया स्टॉक 2.41 लाख टन रहा जोकि पिछले साल के महज 0.63 लाख टन था। इस सीजन के पहले महीने में 3.30 लाख टन सोयामील का आयात हुआ जथा 4.79 लाख टन का उत्पादन हुआ है। इसमें से 30 हजार टन का निर्यात हुआ है। देश में 5.50 लाख टन सोयामील का फीड के लिए और 75 हजार टन का फूड के लिए इस्तेमाल हुआ है। इसके बाद 3.95 लाख टन सोयामील का स्टॉक बचा हुआ है।

02 नवंबर 2021

दिल्ली में अरहर और काबुली चना के भाव में सुधार, मसूर और राजमा में मंदा

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने के कारण मंगलवार को दिल्ली के नया बाजार में आयातित अरहर और काबुली चना की कीमतों में सुधार आया, जबकि मसूर और राजमा की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। चना के दाम स्थिर बने रहे।

लारेंस रोड़ पर राजस्थानी चना के दाम 5,150 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 5,050 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दाल मिलों की हाजिर मांग सुधरने से दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर नई के भाव में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान पुरानी अरहर की कीमतें 6,150 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश की मसूर की कीमतों में 50—50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,350 रुपये और 7,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मिलों की मांग कमजोर होने के कारण ब्राजील लाईन का राजमा के भाव में 200 रुपये की गिरावट आकर भाव 14,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

​स्थानीय मिलों की मांग में आये सुधार से महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश लाईन के काबुली चना की कीमतों में 250-300 प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।