कुल पेज दृश्य

29 जून 2021

मुंबई में उड़द, मसूर, चना और काबूली चना की कीमतों में गिरावट

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित उड़द, मसूर के साथ ही चना और काबूली चना की कीमतों में मंदा आया।

विदेशों से चेन्नई बंदरगाह पर नियमित उड़द आने के साथ ही मध्य प्रदेश से मसूर की फसल आने एवं दाल मिलों की मांग कमजोर होने से उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,350 रुपये और 6,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। आगे के व्यापार में, बर्मा की उड़द एफएक्यू की कीमत जून-जुलाई शिपमेंट की 6,300 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से कनाडा की मसूर के भाव मुंबई, और हजीरा बंदरगाह के साथ ही आस्ट्रेलिया मसूर के दाम मुंबई में 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल नरम हो गए। हालांकि पहले से आयातित मसूर और हाजिर में हो रही आयातित मसूर की कीमतों के बीच अंतर है, जिससे भाव में सुधार आने का अनुमान है, वैसे भी अभी तक सरकार ने मसूर के आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया है। कनाडा से कुल 61,500 टन मसूर काकीनाडा और मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंची है, और आयातकों ने गोदामों में रख लिया है।

आगे आयात बढ़ने की संभवना के साथ दाल मिलों की सीमित मांग से मुंबई में लेमन के साथ अरुषा अरहर के दाम क्रमश: 6,000 रुपये और 5,950 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। आगे के व्यापार में, बर्मा लेमन अरहर के भाव जून-जुलाई शिपमेंट के लिए 6,250 रुपये प्रति क्विंटल रहे, सूडान की अरहर के भाव जून-जुलाई शिपमेंट के 6,475 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

मिलों की कमजोर मांग से रुस के काबूली चना के भाव मुंबई में 25 रुपये घटकर 5,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसी तरह, तंजानिया के चना की कीमतों में 100 रुपये का मंदा आकर भाव 4,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, क्योंकि नेफेड ने महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों में खरीदे गए चना की बिक्री शुरू की।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जुलाई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 14 की गिरावट आई, जबकि अगस्त वायदा अनुबंध में इसके भाव में 2 रुपये का मंदा आया।

कोई टिप्पणी नहीं: