नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से गुरूवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर और उड़द एसक्यू के साथ ही मसूर की कीमतों में लगातार दूसरे दिन भी गिरावट दर्ज की गई, जबकि उड़द एफएक्यू के दाम स्थिर बने रहे।
निकट भविष्य में विदेश से सस्ती उड़द और अरहर की आपूर्ति बनने की उम्मीद से भी अरहर और उड़द के हाजिर सौदों की कीमतों में कमी आई है।
बर्मा के स्थानीय व्यापारी के अनुसार, भारत के खरीदार नीचे दाम पर बड़ी मात्रा में खरीदारी करने के लिए सक्रिय थे। जबकि, बिकवाल दाम घटाकर बिकवाली करने में रूचि नहीं ले रहे। भारतीय आयातकोंं ने चेन्नई के लिए उड़द एफएक्यू 2021 फसल के लगभग 100 कंटेनरों का कल 700 डॉलर प्रति मीट्रिक टन एफओबी आधार पर कारोबार किया। बर्मा से, कंटेनरों की कमी के कारण शुल्क अधिक है कंटेनर का भाड़ा लगभग 130 से 150 डॉलर है।
इस सप्ताह की शुरुआत में, लेमन अरहर नई 2021 की फसल के 700 डॉलर प्रति टन, एफओबी आधार पर भारत के लिए लगभग 2,000 टन का व्यापार हुआ।
स्थानीय मिलोें की मांग कमजोर होने के कारण बर्मा की लेमन अरहर की कीमतें दिल्ली में 50 रुपये घटकर 6,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। चेन्नई हाजिर में लेमन अरहर की कीमतें 50 रुपये घटकर 6,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। बर्मा लाईन की नई लेमन अरहर के आगे के सौदे जून-जुलाई शिपमेंट के 100 रुपये घटकर भाव 6,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
चेन्नई से मिले नरमी के संकेतों के बाद, दाल मिलों की हाजिर मांग कम होने से बर्मा उड़द एसक्यू की कीमतों में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 7,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। जबकि उड़द एफएक्यू के दाम 6,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर के दाम 50 से 75 रुपये घटकर भाव क्रमश: 6,500 रुपये और 6,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। बाजार में इस बात का डर है कि कहीं सरकार जल्द ही मसूर पर आयात शुल्क कम कर सकती है या समाप्त कर सकती है। हालांकि, आयातित मसूर का स्टॉक लगातार कम हो रहा है, जबकि आयात शुल्क ज्यादा होने के कारण आयात में पड़ते भी नहीं लग रहे हैं, ऐसे में मसूर की कीमतों मेंं नीचे भाव में मांग आने सुधरने की उम्मीद है।
03 जून 2021
दाल मिलों की कमजोर मांग से दिल्ली में अरहर, उड़द एसक्यू और मसूर में मंदा
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