29 जुलाई 2009
मूंगफली का उत्पादन 40 फीसदी घटने का अंदेशा
गर्मियों के सीजन की मूंगफली के उत्पादन में इस साल 40 फीसदी तक की भारी गिरावट आ सकती है। उद्योग जगत से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मूंगफली की बुवाई के रकबे में कमी और कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने के कारण फसल को नुकसान हुआ है। इससे उत्पादन में भारी गिरावट रह सकती है।इंडियन ऑयल सीड्स प्रोड्यूस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के चेयरमैन संजय शाह ने कहा कि यह एक अजीब स्थिति है। जब देश के ज्यादातर क्षेत्र बारिश की कमी से जूझ रहे हैं। वहीं गुजरात के कुछ हिस्सों में ज्यादा बारिश के कारण मूंगफली उत्पादन प्रभावित हो रहा है। भारत ने 31 मार्च को समाप्त विपणन वर्ष में 75 लाख टन मूंगफली का उत्पादन किया था। इसमें से गर्मी सीजन की बुवाई से 55 लाख टन का उत्पादन हुआ था। गुजरात मूंगफली उत्पादन में देश में अव्वल है। मूंगफली के कुल उत्पादन का 40 फीसदी अकेले गुजरात में होता है। गुजरात के प्रमुख मूंगफली उत्पादक क्षेत्र सौराष्ट्र में एक जून से 22 जुलाई तक सामान्य से 50 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। शाह ने कहा कि देश के दूसरे प्रमुख भागों में किसानों ने मूंगफली छोड़कर कॉटन और दालों की बुवाई शुरू कर दी है। इससे भी उत्पादन घट सकता है। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र अन्य प्रमुख मूंगफली उत्पादक राज्य हैं। इन राज्यों में किसानों ने मूंगफली छोड़कर अन्य फसलों की ओर रुख कर लिया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष 1 जून से 16 जुलाई तक मूंगफली की बुवाई का रकबा घटकर 25 लाख हैक्टेयर रह गया है जबकि गत वर्ष इस दौरान 27.6 लाख हैक्टेयर में मूंगफली की बुवाई की गई थी। (Business Bhaskar)
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