31 जुलाई 2009
विदेश में अच्छी पैदावार से धनिया के भाव और गिरने का अनुमान
दुनियाभर में उत्पादन में बढ़ोतरी के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में धनिया और सस्ता हो गया है। पिछले तीन महीनों के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में धनिया के औसत मूल्य लगभग चार फीसदी से ज्यादा घट गए हैं। वहीं पिछले वर्ष के मुकाबले इस साल भाव बीस फीसदी कम हैं। इस कारण घरलू बाजार में भी धनिया के भावों पर लगातार दबाव बना हुआ है और निर्यात में बढ़ोतरी के बावजूद उत्पादकों को विशेष लाभ नहीं मिल पा रहा है। अगस्त के दूसरे पखवाड़़े में धनिया में और गिरावट आने का भी अनुमान है।भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान वजन के लिहाज से धनिया निर्यात लगभग 42 फीसदी बढ़ा है। लेकिन भाव कम होने के कारण मूल्य के लिहाज से यह बढ़ोतरी ग्यारह फीसदी तक सिमट गई है। वित्त वर्ष 2008-09 की पहली तिमाही में देश से 62.57 रुपये किलो के औसत भाव पर 10,242 टन धनिया निर्यात किया गया था। वहीं चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में धनिया निर्यात बढ़कर 14,500 टन पर पहुंच गया है। लेकिन प्रमुख उत्पादक देशों में पैदावार बेहतर होने से निर्यातकों को धनिया के औसत मूल्य 49.17 रुपये किलो ही मिल पाया है जो कि अप्रैल-मई में 51.41 रुपये किलो था। इस वजह से घरलू बाजार में भी धनिया के भाव पांच हजार रुपये क्विंटल के ऊपर नहीं निकल पा रहे हैं। इस वजह से एनसीडीईएक्स में भी अगस्त वायदा सौदों में धनिया गुरुवार तक करीब तीन फीसदी घटकर 4,174 रुपये क्ंिवटल रह गया है। हालांकि मांग निकलने से राजस्थान की हाजिर मंडियों में धनिये में पांच फीसदी का सुधार दर्ज किया गया है। कोटा मंडी में आज धनिया के भाव लूज 3750 से 3800 और बिल्टी में 4500 से 4625 रुपये क्ंिवटल दर्ज किए गए।राजकोट की निर्यातक कंपनी अदानी फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सिद्धार्थ अदानी का कहना है कि पिछले वर्ष भारत समेत सभी उत्पादक देशों में धनिया की पैदावार कम हुई थी। इस कारण निर्यातकों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेहतर मूल्य मिले थे। वहीं इस साल भारत के अलावा कनाड़ा और बुल्गारिया में भी धनिया की बंपर पैदावार हुई है। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में धनिया के भाव पिछले वर्ष के मुकाबले बीस फीसदी नीचे हैं। इसका घरलू बाजार पर भी असर पड़ा है। दूसरी तरफ कोटा मंडी के थोक व्यापारी सुभाष भटनागर का कहना है कि निचले स्तर पर मांग निकलने से दो दिन के दौरान हाजिर में धनिया के भावों में सुधार हुआ है। लेकिन भावों में और तेजी की संभावना कम है क्योंकि अगले महीने स्टॉकिस्टों की बिकवाली निकल सकती है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष निर्यात मांग और पैदावार में कमी के चलते अगस्त में धनिया 9,200 रुपये क्विंटल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। वहीं इस साल धनिया के भावों पर दबाव रहने की आशंका है। इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में स्टॉकिस्ट सोयाबीन खरीदने के लिए नकदी जुटाने के इरादे से अगस्त के दूसर पखवाड़े से धनिया की बिकवाली शुरू कर देंगे। इससे धनिया की उपलब्धि बढ़ने से भावों पर दबाव बन जाएगा। (Business Bhaskar)
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