मुंबई: डाओ जोंस इंडस्ट्रियल में मार्च के निचले स्तर से जो तेजी आई है उसका बेस मेटल पर सकारात्मक असर हुआ है। इसका फायदा खास तौर पर तांबे को हुआ है जिसने दोबारा बेंचमार्क इंडेक्स से अपना अनुकूल संबंध स्थापित कर लिया है। दरअसल, पिछला समूचा साल और इस कैलेंडर साल के पहले दो महीने डाओ के लिए उतार-चढ़ाव से भरपूर रहे थे। इस साल मार्च से अब तक तांबे के भाव और डाओ की तेजी में 93.1 फीसदी का अनुकूल संबंध रहा है। इससे विश्लेषकों को लग रहा है कि डाओ मौजूदा स्तरों से जितना ऊपर जाएगा तांबे में उससे ज्यादा बढ़त दर्ज होगी लेकिन विश्लेषकों का यह भी कहना है कि तांबे में मौजूदा तेजी की वजह बुनियादी से ज्यादा सेंटिमेंटल है। डाओ इस साल 9 मार्च के 6547.1 अंक के स्तर से अब तक करीब 39 फीसदी चढ़ चुका है।
इस दौरान तांबे का भाव 55 फीसदी चढ़कर 5,600 डॉलर प्रति टन के स्तर पर पहुंचा। दूसरी तिमाही में अमेरिकी कंपनियों के बेहतर नतीजों और आवासीय बिक्री के आंकड़ों से डाओ की तेजी को बढ़ावा मिला है। इससे तांबे जैसी मांग आधारित कमोडिटी के भाव में इजाफा हो रहा है। इन सबके बावजूद विश्लेषकों की चिंता अब भी अपनी जगह पर कायम है। उदाहरण के लिए मंगलवार को बाजार बंद होने के वक्त लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में तांबे का स्टॉक 2,78,925 टन के उच्च स्तर पर था। गौरतलब है कि 13 जुलाई को तांबे का स्टॉक 2,56,900 टन के निचले स्तर पर था। इसके बाद तांबे का स्टॉक 27 जुलाई को 8 फीसदी बढ़कर 2,77,425 टन के स्तर पर पहुंच गया था। इस दौरान 3 महीने का कॉपर कॉन्ट्रैक्ट एलएमई में 4,895 डॉलर से बढ़कर 5,600 डॉलर प्रति टन के स्तर पर पहुंच गया था। इस तरह, तांबे के 3 महीने के कॉन्ट्रैक्ट में 14 फीसदी का इजाफा दर्ज हुआ है। इस पर विश्लेषकों का मानना है कि निकट भविष्य में तांबे में तेजी का जोर रहेगा। मुंबई की कमोडिटी और फॉरेक्स रिसर्च कंपनी कॉमट्रेंड्ज के निदेशक ज्ञानशेखर त्यागराजन के मुताबिक, 'मौजूदा हालात को देखते हुए अगर हम शेयर बाजार में और 15 फीसदी की तेजी की उम्मीद करते हैं तथा परस्पर संबंध का हमारा सिद्धांत सही है तो तांबे की कीमत में भी ऐसी ही तेजी दिख सकती है।' बिड़ला समूह की एक प्रमुख कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी अरुण चोखानी यह तो नहीं बताते कि तांबे के भाव में कितनी तेजी आ सकती है लेकिन उनका कहना है कि इसकी कीमत अगले एक से डेढ़ महीने में और बढ़ सकती है। वह कहते हैं, 'डाओ के साथ सह संबंध तांबे की कीमत को ऊपर ले जा सकता है। इसलिए इसके उपभोक्ता और प्रतिभूति ट्रेडर अगले तीन या चार हफ्ते में अपने पोजीशन कवर (इंतजार करने के बजाय खरीदारी) कर सकते हैं।' (ET Hindi)
30 जुलाई 2009
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