30 जुलाई 2009
निर्यात घटने से सोया मील के भाव और गिरने की संभावना
निर्यातकों के साथ ही घरेलू मांग कमजोर होने से सोया खली की कीमतों में गिरावट का रुख बना हुआ है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में निर्यात 75 फीसदी घटा है। इसीलिए पिछले दो महीने में इसकी कीमतों में करीब 17 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। कांडला पोर्ट पर पहुंच सोयाखली के दाम 24,000 रुपये से घटकर 19,800 से 20,000 रुपये प्रति टन रह गए हैं। प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में सोयाबीन की बुवाई तो बढ़ी ही है, साथ ही मौसम भी फसल के अनुकूल बना हुआ है। ऐसे में अक्टूबर तक इसकी मौजूदा कीमतों में और भी 15 से 20 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है।सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल ने बिजनेस भास्कर को बताया कि सोयाखली में निर्यातकों की मांग काफी कमजोर है। विदेशों में सोयाबीन की अच्छी फसल को देखते हुए विदेशी आयातकों द्वारा खरीद सीमित मात्रा में ही की जा रही है। जिससे सोयाखली की गिरावट को बल मिल रहा है। देश के प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में मौसम भी फसल के अनुकूल है। नई फसल तक मौसम ने साथ दिया तो सोयाबीन के उत्पादन में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। कृषि मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2008-09 में देश में 99 लाख टन सोयाबीन के उत्पादन का अनुमान है। अग्रवाल के मुताबिक पिछले साल देश में 96 लाख हैक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हुई थी जबकि चालू सीजन में 20 जुलाई तक 87.5 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सोयाखली का निर्यात घटकर मात्र 2.73 लाख टन ही रहा है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 10.98 लाख टन का निर्यात हुआ था। जून महीने में निर्यात एक लाख टन का ही हुआ है तथा चालू महीने में निर्यात घटकर एक लाख टन से भी कम रहने की संभावना है। साई सिमरन फूड लिमिटेड के डायरेक्टर नरेश गोयनका ने बताया कि सोयाखली में पोल्ट्री फीड निर्माताओं की मांग काफी कमजोर है जबकि प्लांटों में स्टॉक ज्यादा है। अनुकूल मौसम से नई फसल के उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना से प्लांटों पर बिकवाली का दबाव बढ़ता जा रहा है।निर्यातकों की मांग वैसे ही कमजोर है। ऐसे में अक्टूबर तक सोयाखली की मौजूदा कीमतों में और भी 3000-4000 रुपये प्रति टन की गिरावट आने का अनुमान है। सोयाखली और तेल में उठान न होने से सोयाबीन की कीमतों में भी मंदे का रुख बना हुआ है। पिछले दो महीने में सोयाबीन की कीमतों में करीब 400 रुपये की गिरावट आकर प्लांट डिलीवरी भाव 2150-2200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। अक्टूबर तक सोयाबीन की कीमतें भी घटकर 1700-1800 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर आने की उम्मीद है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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