मुंबई July 27, 2009
चीन से लौह अयस्क की मांग बढ़ने की वजह से शिपिंग कंपनियों ने वहां के लिए माल ढुलाई के किराए में बढ़ोतरी कर दी है।
भारतीय शिपिंग कंपनियों ने पिछले एक महीने में माल ढुलाई भाडे में 26.32 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। महीने भर पहले छोटे जहाजों के जरिए गोवा से चीन माल भेजने के लिए भाड़ा के तौर पर 18-19 डॉलर प्रति टन चुकाना पड़ता था। यह अब बढ़कर 23 से 24 डॉलर प्रति टन हो गया है।
बड़े जहाजों का माल ढुलाई भाड़ा भी बढ़कर 19 से 20 डॉलर प्रति टन हो गया है। गोवा मिनरल ओर एक्सपोर्टस एसोसिएशन के सचिव ग्लेन कलावंपारा माल भाड़े में बढ़ोतरी के लिए चीन की ओर से बढ़ती मांग को जिम्मेवार ठहराते हैं।
चीन का खरीद अनुबंध 30 जून को समाप्त हो गया है। नए अनुबंध के लिए चीन की बातचीत में कई पेच हैं। चीन के स्टील मिलों ने लौह अयस्क के वैश्विक भाव में 33 प्रतिशत से ज्यादा कटौती का आग्रह किया था। चीन के स्टील मील पिछले साल के स्तर से 45 फीसदी कटौती की वकालत करते रहे हैं। पिछले दो साल में भाव में 100 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन मिनरल इंडस्ट्रीज (एफआईएमआई) के महासचिव आरके शर्मा के मुताबिक चीनी स्टील मिलों और वैश्विक लौह अयस्क खनन करने वालों के बीच होने वाली बातचीत में हो रही देरी की वजह से सीधा फायदा भारतीय निर्यातकों को मिल रहा है।
भारतीय निर्यातकों को हो रहे फायदे को इस तरह भी समझा जा सकता है कि चीनी बंदरगाहों पर भारतीय मूल के लौह अयस्क के भाव में पिछले दो महीने में 35 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। यह 65 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 90 डॉलर प्रति टन हो गया है। इसमें माल भाड़ा शामिल है।
विश्लेषकों का मानना है कि अगर चीन के स्टील मिलों और वैश्विक निर्यातकों के बीच दीर्घावधि अनुबंध होने में और देरी होगी तो लौह अयस्क का भाव 100 डॉलर प्रति टन के आंकड़े को भी पार कर सकता है। चीन में बढ़ती मांग की वजह से भारतीय बंदरगाहों पर भी लौह अयस्क के भाव में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है।
भारतीय लौह अयस्क फाइन ग्रेडिंग 63.5 का हाजिर भाव 700 से 710 युआन प्रति टन पर पहुंच गया है। यह इसी साल के अप्रैल के स्तर से 50 फीसदी अधिक है। शर्मा ने कहा कि भारतीय निर्यातकों का विदेशी आयातकों के साथ लंबे समय का अनुबंध नहीं है, इसलिए हाजिर भाव में होने वाली किसी भी तरह की वृध्दि का सीधा मतलब यह है कि भारतीय निर्यातकों को अतिरिक्त आमदनी होगी।
पिछले वित्त वर्ष में भारतीय निर्यातकों ने 9.2 करोड़ टन लौह अयस्क आयात किया था। इसमें से 90 फीसदी अकेले चीन को निर्यात किया गया था। इस साल मई में 1.05 करोड़ टन लौह अयस्क का निर्यात किया गया। जबकि पिछले साल मई में 90 लाख टन लौह अयस्क का निर्यात किया गया था। (BS Hindi)
29 जुलाई 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें