मुंबई July 21, 2009
सीमेंट उद्योग का असाधारण प्रदर्शन रंग लाया है और इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए बड़े पैमाने पर विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) आकर्षित हुए हैं।
भारत के 2270 लाख टन वाले घरेलू सीमेंट उद्योग ने जून तिमाही में 11 प्रतिशत से अधिक की वृध्दि दर हासिल की है, जिसके चलते सीमेंट की बड़ी कंपनियों में एफआईआई ने जमकर निवेश किया है।
जून तिमाही के दौरान सीमेंट की बड़ी कंपनियों- एसीसी, अंबुजा सीमेंट, अल्ट्राटेक, ग्रासिम और श्री सीमेंट में विदेशी निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी बढाई है। उद्योग जगत के विश्लेषकों ने कहा कि जून तिमाही की शुरुआत से ही बेहतरीन संकेत मिलने लगे थे, क्योंकि सीमेंट क्षेत्र का प्रदर्शन मार्च तिमाही में भी बढ़िया था।
उन्होंने कहा, 'आधारभूत ढांचा परियोजनाओं में चुनाव के पहले की मांग शानदार रही। उसके बाद उद्योग जगत के पक्ष वाला चुनाव परिणाम भी रहा। मानसून में देरी ने भी निर्माण क्षेत्र का साथ दिया और सीमेंट उद्योग की बढ़त में इन सभी ने मदद की।'
इसमें सबसे दिलचस्प है कि विदेशी संस्थागत निवेशक, सीमेंट कंपनियों में निवेश को लेकर बहुत ही सतर्क रहे और उन्होंने चुनिंदा कंपनियों में ही निवेश किया। अल्ट्राटेक को छोड़कर ज्यादातर उन्हीं कंपनियों में निवेश बढ़ा है, जिनका कारोबार उत्तर और मध्य भारत में फैला हुआ है।
इन इलाकों में सीमेंट क्षेत्र का प्रदर्शन अन्य इलाकों की तुलना में बहुत बेहतरीन रहा है। इनमें उत्पादन और खपत राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा रहा है। इसके अलावा इन इलाकों में सीमेंट की कीमतों में 50 किलो की सीमेंट की एक बोरी में 5 रुपये से लेकर 40 रुपये तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
इसके साथ ही दक्षिण भारत में काम कर रही सीमेंट कंपनियों में विदेशी निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी कम की है। इंडिया सीमेंट और मद्रास सीमेंट का ही उदाहरण लें तो इनमें क्रमश: संस्थागत विदेशी निवेश 26.90 प्रतिशत से घटकर 23.86 प्रतिशत और 2.29 प्रतिशत से घटकर 1.61 प्रतिशत रह गया है। (BS Hindi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें