मुंबई July 20, 2009
देश के अंदर मॉनसून की लुकाछिपी के साथ कमोडिटी बाजार भी हिचकोले ले रहा है।
बाजार में सटोरियों की सक्रियता के चलते हर दिन जिंसों में लोअर-अपर सर्किट देखने को मिलता है। इस समय हल्दी कारोबारियों और सटोरियों दोनों के लिए पसंदीदा जिंस बनी हुई है। इसीलिए पिछले कुछ दिनों से इस जिंस में लोअर-अपर सर्किट का दौर चालू है।
इस समय हल्दी की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। जनवरी से अभी तक हल्दी की कीमतों में 45 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। तेजी की वजह से हल्दी का ऑफ सीजन होने के बावजूद बाजार में हल्दी की आपूर्ति करीबन 50 फीसदी ज्यादा हो रही है।
पिछले सप्ताह हल्दी में तीन बार अपर और एक बार लोअर सर्किट लगा। जबकि सोमवार को हल्दी में खरीदारी के चलते जोरदार तेजी देखी गई और हल्दी अगस्त, सितंबर, अक्टूबर वायदा में 2 फीसदी का अपर सर्किट भी लगा।
वायदा बाजार के साथ-साथ हाजिर बाजार में हल्दी की मांग बढ़ी है। जुलाई महीने की शुरुआत में हल्दी वायदा बाजार में 5190 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास थी जबकि इस समय 5570 रुपये (एनसीडीईएक्स-जुलाई अनुबंध) प्रति क्विंटल पर देखने को मिल रहा है। हाजिर बाजार में हल्दी की कीमते इस साल 45 फीसदी तक बढ़ी हैं।
हल्दी की सबसे बड़ी मंडी निजामाबाद में जनवरी महीने में हल्दी 38 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही थी जबकि इस समय यह 55 रुपये के ऊपर बेची जा रही है। पिछले महीने यानी जून में यहां हल्दी 43 रुपये प्रति किलोग्राम थी। जबकि जून 2007 में हल्दी 20 रुपये प्रति किलो से भी नीचे बिक रही थी।
पिछले दो वर्षो में हल्दी की कीमतों में मजबूती की मुख्य वजह कम उत्पादन और घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में हल्दी की अच्छी मांग को माना जा रहा है। हल्दी की अच्छी मांग और कीमतों में मजबूती की वजह से किसान हल्दी बेचने में लगे हैं।
एक महीने पहले तक निजामाबाद मंडी में हर दिन 3500-4000 बैग हल्दी आती थी लेकिन इस समय प्रति दिन 7000 बैग से भी ज्यादा हल्दी आ रही है। शेयर खान के कमोडिटी प्रमुख मेहुल अग्रवाल के अनुसार कीमतों में हुई बढ़ोतरी और अगली फसल में आने वाले खर्च के लिए किसान इस समय हल्दी की बिक्री कर रहे हैं।
माल ज्यादा आने के बावजूद कीमतों में हो रही बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह सटोरियों की सक्रियता है। अग्रवाल के अनुसार बाजार से मिल रही जानकारी के अनुसार इस साल हल्दी का उत्पादन भी ज्यादा होने की उम्मीद की जा सकती है क्योंकि इसके रकबे में बढ़ोतरी हुई है।
वित्त वर्ष 2008 में हल्दी का उत्पादन 41 लाख बोरी (एक बोरी बराबर 75 किलोग्राम) का था, जबकि 2007-08 में 45 लाख बोरी का उत्पादन हुआ था। अग्रवाल के अनुसार इस बार पिछले साल की अपेक्षा उत्पादन 20 फीसदी ज्यादा होने की उम्मीद की जा सकती है।
वायदा बाजार में अपर-लोअर सर्किट के बारे में अग्रवाल का कहना है कि इस समय खास करके मानसून की वजह से कमोडिटी बाजार में अपर-लोअर सर्किट पर कारोबार देखा जा रहा है। पिछले दिनों बाजार में चना, आलू, गेहूं, हल्दी, लाल मिर्च में अपर-लोअर सर्किट लगते हुए देखा है।
हल्दी में तेजी
जनवरी से अब तक हल्दी की कीमतों में हुई है 45 फीसदी बढ़ोतरीजुलाई की शुरूआत में हल्दी वायदा बाजार में 5190 रु. प्रति क्विंटल थी लेकिन अब यह 5570 रु. प्रति क्विंटल है (BS Hindi)
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