नई दिल्ली: पिछले दो दिनों में पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में हुई अच्छी बारिश से फसलों को राहत मिलने की उम्मीद है। देर से ही सही, पर इस बारिश ने फसलों के उत्पादन पर पैदा हो रहे संकट के बादलों को कुछ हद तक कम किया है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक अगले 2-3 दिनों तक हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बारिश का खरीफ की बोई जा चुकी और बोई जा रही फसलों पर अच्छा असर पड़ेगा। इसके अलावा पानी की कमी की वजह से फसलों को बचाने की जुगत में डीजल और बिजली के जरिए सिंचाई कर रहे किसानों को लागत खर्च से भी राहत मिलेगी।
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के शोध निदेशक डॉ पी एस मिन्हास के मुताबिक, 'इस बारिश ने किसानों को काफी राहत दी है। लेकिन पंजाब के दक्षिण-पश्चिमी इलाकों में बारिश नहीं हुई है। इससे इन इलाकों में कपास की खेती में सुधार होता नहीं दिख रहा है।' मानसून में देरी के चलते इस बार किसानों ने खेती पैटर्न में बड़ा शिफ्ट किया है। पंजाब में बासमती की खेती अमूमन तीन लाख हेक्टेयर जमीन पर होती है, इस बार बारिश में देरी के चलते यह रकबा बढ़कर 5.5 लाख हेक्टेयर हो गया है। बासमती की बुआई जुलाई मध्य से होती है साथ ही इसे पानी की भी कम जरूरत होती है। पानी न बरसने की वजह से धान की खेती में तेज इजाफा हुआ। ट्यूबवेल से सिंचाई पर 40 लीटर प्रति एकड़ डीजल का खर्च किसानों पर पड़ रहा है। मिन्हास के मुताबिक, 'अब बारिश होने से इस लागत में कमी आएगी।' हरियाणा में भी अच्छी बारिश से बासमती की खेती में सुधार होगा। हिमाचल में बारिश से वहां सेब की फसल में बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई जा रही है। दिल्ली की आजादपुर एपीएमसी के सदस्य और फल कारोबारी मेठाराम कृपलानी के मुताबिक, 'बारिश से सेब का रंग भी बेहतर होगा। साथ ही क्वॉलिटी भी सुधारेगी।' उत्तर प्रदेश में 27 तारीख को हालांकि बारिश हुई है लेकिन इससे बहुत ज्यादा फायदा होने की उम्मीद विशेषज्ञों को नहीं है। चंदशेखर कृषि और तकनीकी विश्वविद्यालय, कानपुर के कृषि अर्थव्यवस्था और सांख्यिकीय के विभागाध्यक्ष डॉ आर के सिंह के मुताबिक, 'वाराणसी से आगरा तक की बेल्ट में बारिश हुई है। इससे अरहर, ज्वार, बाजरा जैसी फसलों को फायदा होगा। चंबल से सटे इलाकों में इनकी बुआई भी बढ़ेगी।' सिंह कहते हैं, 'उत्तर प्रदेश और बिहार में धान को इस बार बड़ा नुकसान है। उत्पादन में 40 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट आएगी।' दिल्ली दाल मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक गुप्ता के मुताबिक, 'इस बारिश से खाद्यान्नों की कीमतों में बनी हुई तेजी में कमी आ सकती है।' दिल्ली व्यापार महासंघ के चेयरमैन ओम प्रकाश गुप्ता के मुताबिक, 'इस बारिश से पैदावार में इजाफा होगा। उत्पादन में बढ़ोतरी से कीमतों पर भी फर्क पड़ेगा। (ET Hindi)
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