मुंबई July 21, 2009
देश के अधिकांश हिस्सों में कमजोर मानसून केचलते सूखे जैसी स्थिति पैदा हो गई है।
मानसून की बेरुखी के चलते खरीफ सीजन की बुआई एक तिहाई भी नहीं हो सकी है। जबकि पिछले साल की तुलना में फसलों की बुआई एक चौथाई कम हुई है।
धान की रोपाई से लेकर मोटे अनाजों की बुआई तक प्रभावित हुई है। दलहन एवं तिलहन खस्ताहाल है तो कपास की स्थिति तंग नजर आ रही है।
खरीफ फसलों के बारे में कृषि मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 10 जुलाई तक देश में होने वाली बुआई सामान्यत: जितने क्षेत्रफल में होनी चाहिए उसके सिर्फ 30 फीसदी क्षेत्रफल में ही बुआई हो सकी है, जबकि पिछले साल 40 फीसदी क्षेत्रफल में बुआई हो चुकी थी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार औसतन 1041.61 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बुआई होनी चाहिए, लेकिन इस साल सिर्फ 306.86 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 411 लाख हेक्टेयर में बुआई हो गई थी।
इस सीजन की सबसे प्रमुख फसल धान की रोपाई में सबसे बुरा असर देखने को मिल रहा है। अनुमान के मुताबिक इस समय तक देश के अंदर धान की रोपाई 381.97 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में होनी चाहिए लेकिन रोपाई सिर्फ 74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही हो सकी है। (BS Hindi)
22 जुलाई 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें