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18 जुलाई 2009

एशियाई मक्का पर अमेरिका की अच्छी पैदावार का दबाव

डो जोंस सिंगापुर. एशियाई बाजारों में मक्के की कीमतों पर अमेरिकी उत्पादन का दबाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका में इस साल पैदावार बढ़ने की संभावना है। ऐसे में शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबॉट) में मक्के के भाव गिरते जा रहे है। जानकारों का मानना है कि एशियाई बाजारों में भी इसका असर दिख सकता है। इस बीच चीन ने भी सरकारी स्टॉक से मक्के की बिक्र ी करने का फैसला किया है। अगले सप्ताह से यहां सरकार घरेलू बाजार में 20 लाख टन मक्के की बिक्री कर सकती है। हालांकि यहां सरकार द्वारा पांच लाख टन सोयाबीन, सात लाख टन चावल और साढ़े सात लाख टन गेहूं बेचने की भी तैयारी है। लेकिन अमेरिका में पैदावार बढ़ने की वजह से दूसरे जिंसों के मुकाबले एशिया में मक्के के भाव पर ज्यादा असर पड़ने की संभावना है। ई-सीबॉट में सितंबर मक्का वायदा करीब 3.40 सेंट की मजबूती के साथ 3.20 डॉलर प्रति बुशल पर कारोबार करता देखा गया। लेकिन मौजूदा तेजी टिकाऊ नहीं है और जल्दी ही इसमें गिरावट देखी जा सकती है। यह तेजी स्थानीय अस्थाई कारकों से आई है।ओकातो सोजी कंपनी के रिसर्च मैनेजर कोनामे गोकोन के मुताबिक अमेरिकी में मक्का उत्पादक इलाकों में बारिश और ठंडा मौसम फसल के लिए बेहतर है।लिहाजा आने वाले दिनों में मक्के की कीमतों में गिरावट तय है। लेकिन मौजूदा समय में मक्के में करीब 3.00 डॉलर प्रति बुशल पर मजबूत सपोर्ट है। इस दौरान वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भी नरमी आई है। पिछले डेढ़ सप्ताह के दौरान न्यूयार्क मर्केटाइल एक्सचेंज में कच्च तेल करीब 12 फीसदी टूट चुका है। वहीं तिलहनों की कीमतों में भी गिरावट का रुख है। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से बायो फ्यूल की मांग बढ़ने को लेकर मक्के और तिलहनों में सट्टेबाजी होने लगती है। (Business Bhaskar)

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