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17 जुलाई 2009

औद्योगिक मांग बढ़ने से निकिल के भाव में 12 फीसदी की तेजी

नई दिल्ली. औद्योगिक मांग बढ़ने के कारण पिछले डेढ़ माह के दौरान निकिल की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतों में 12 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। इस दौरान लंदन मेटल एक्सचेंज में निकिल (एलएमई) की इन्वेंट्री में भी गिरावट आई है। निकिल का सबसे अधिक उपयोग स्टैनलेस स्टील में करीब 65 फीसदी किया जाता है।एलएमई में एक जून को निकिल तीन माह अनुबंध के दाम 14250 डॉलर प्रति टन थे जो बढ़कर 15905 डॉलर प्रति टन हो गए है। वहीं मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में एक जून को निकिल अगस्त वायदा 688 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ। आज यह बढ़कर 772 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ। इस दौरान हाजिर बाजार में निकिल के दाम 670 रुपये से बढ़कर 768 रुपये प्रति किलो हो गए। एंजिल ब्रोकिंग के अनुज गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि निकिल की औद्योगिक मांग बढ़ने के कारण पिछले डेढ़ माह के दौरान इसकी कीमतों में 12 फीसदी तक की तेजी आई है। उनका कहना है कि वर्ष की शुरूआत में चीन ने स्टैनलेस स्टील के उत्पादन में कटौती की थी, लेकिन आर्थिक हालातों में सुधार के चलते अप्रैल माह से चीन ने स्टैनलेस स्टील का उत्पादन करीब चार फीसदी बढ़ाकर 72-73 लाख टन वार्षिक कर दिया है। वहीं चीन ने चालू वर्ष के पहले पांच माह के दौरान 79000 टन निकिल का आयात किया है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 37.4 फीसदी अधिक है। इसके जनवरी-जून के दौरान एक लाख टन तक पहुंचने की संभावना है। चालू वर्ष के पहले पांच माह के दौरान चीन में रिफाइंड निकिल का उत्पादन पिछली समान अवधि के मुकाबले 14.8 फीसदी बढ़कर 8.25 लाख टन हो गया है।वहीं कमोडिटी विशेषज्ञ अभिषेक शर्मा का कहना है कि अप्रैल-जून के दौरान देश में स्टील के उत्पादन और खपत दोनों में इजाफा हुआ है। इस दौरान स्टील का उत्पादन 3.4 फीसदी बढ़कर 139.8 लाख टन हो गया है जबकि पहली तिमाही में इसकी खपत 5.2 फीसदी का इजाफा होकर 122 लाख टन हो चुकी है। यही कारण है कि निकिल की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दैारान निकिल की कीमतों में भी तेजी आई है। मई में इसके दाम 13700 उॉलर प्रति टन थे , जो जून में बढ़कर 15411 डॉलर प्रति टन हो गए। जापान ने अप्रैल-जून के दौरान 9774 टन फैरो निकिल का निर्यात किया है। वहीं जापान में पहली तिमाही के दौरान 10-12 हजार टन फैरोनिकिल का उत्पादन होने का अनुमान है। जानकाराें के अनुसार आगे स्टील की मांग बढ़ने की संभावना से निकिल की कीमतजों और तेजी आ सकती है। निकिल की सबसे अधिक खपत स्टैनलेस स्टील में 65 फीसदी, इलैक्ट्रोप्लेटिंग में आठ फीसदी, केमिकल में पांच फीसदी और अन्य उत्पादन में 22 फीसदी होती है। इसका सबसे अधिक उत्पादन यूरोप में 34 फीसदी में होता है। इसके बाद एशिया में 29 फीसदी, अमेरिका में 23 फीसदी, अफ्रीका में चार फीसदी और ओसेनिया में 11 फीसदी उत्पादन होता है। (Business Bhaskar)

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