नई दिल्ली. चालू वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान नेचुरल रबर के उत्पादन में करीब 11 फीसदी की कमी आने के बावजूद पिछले एक महीने में इसकी कीमतों में लगभग तीन फीसदी की गिरावट आई है।
गिरावट का प्रमुख कारण आयात में 107 फीसदी की जबर्दस्त बढ़ोतरी और निर्यात में 75 फीसदी की कमी है। इस दौरान खपत में भी लगभग 0.5 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। उत्पादक क्षेत्रों में हाल ही में हुई वर्षा से चालू महीने के बाद उत्पादन भी बढ़ना शुरू हो जाएगा। ऐसे में आगामी महीनों में इसकी मौजूदा कीमतों में और भी आठ-दस फीसदी की कमी आने का अनुमान है।
रबर बोर्ड के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान 159,520 टन नेचुरल रबर का उत्पादन हुआ जो कि पिछले साल की समान अवधि के 179,565 टन के मुकाबले करीब 11 फीसदी कम है। इस दौरान नेचुरल रबर का आयात 107 फीसदी बढ़कर 44,093 टन हो गया। जबकि पिछले साल की समान अवधि में 21,259 टन का आयात हुआ था।
आयात तो बढ़ा ही है, साथ ही निर्यात में इस दौरान भारी गिरावट दर्ज की गई। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश से मात्र 834 टन नेचुरल रबर का निर्यात हुआ है जोकि गत वर्ष की समान अवधि के 16,300 टन के मुकाबले 95 फीसदी कम है। नेचुरल रबर की खपत में भी पिछले तीन महीने में कमी देखी गई है। वर्ष 2008 की पहली तिमाही में नेचुरल रबर की खपत करीब 2.15 लाख टन की हुई थी जबकि वर्ष 2009 में इसकी खपत 2.14 लाख टन की ही हुई है।
कोच्चि स्थित मैसर्स हरि संस मलयालम लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज कपूर ने बिजनेस भास्कर को बताया कि भारत के मुकाबले विदेश में नेचुरल रबर की कीमतें 16 से 18 कम है। इसीलिए ज्यादातर बड़ी कंपनियां भारी मात्रा में आयात कर रही है। विश्व बाजार में आर्थिक सुस्ती के चलते नेचुरल रबर भारत के मुकाबले सस्ती है। उधर कोट्टायम में नेचुरल रबर आरएसएस-4 की कीमतें जून महीने में 99 रुपये और आरएसएस-5 की कीमतें 96 रुपये प्रति किलो थी जबकि बुधवार को आरएसएस-4 के भाव 96 रुपये और आरएसएस-5 के भाव 94 रुपये प्रति किलो रह गए। उधर सिंगापुर के सीकॉम में रबर के भाव 81-82 रुपये प्रति किलो (भारतीय मुद्रा में) चल रहे हैं।
रबर मर्चेट एसोसिएशन के सचिव अशोक खुराना ने बताया कि पिछले बीस दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में करीब दस डॉलर प्रति बैरल की गिरावट आई है जिसका असर नेचुरल रबर की कीमतों पर देखा जा रहा है। जून के मध्य में कच्चे तेल के दाम बढ़कर 71 डॉलर प्रति बैरल हो गए थे जबकि बुधवार को इसके भाव घटकर 60.49 डॉलर प्रति बैरल रह गए। उन्होंने बताया कि अप्रैल-मई में उत्पादक क्षेत्रों में बारिश कम होने से पहली तिमाही में नेचुरल रबर का उत्पादन घटा है लेकिन हाल ही में हुई बारिश से आगामी महीनों में उत्पादन बढ़ेगा। ऐसे में नेचुरल रबर की मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट की संभावना है। (Business Bhaskar....R S Rana)
17 जुलाई 2009
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