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17 जुलाई 2009

अब मिलेंगे स्टील मिले हुए सोने के गहने

मुंबई July 17, 2009
सोने की कीमत मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर होती जा रही है ऐसे में गहना बनाने वाले नए विकल्पों की तलाश कर रहे हैं ताकि मंदी के बावजूद उनका बिजनेस बेहतर होता रहे।
हालांकि कई बड़ी कंपनियों का यह दावा है कि हाल ही में घरेलू गहनों की बिक्री में आई कमी का कोई असर नहीं पड़ा है। मुंबई के ज्वैलरी निर्माता के. टी. इंक ने देश में पहली बार एक नया प्रयोग करते हुए सोने और डायमंड के गहने लॉन्च किए हैं जिसमें स्टील मिला हुआ है।
कंपनी इस तरह की दो ज्वैलरी ब्रांड को 6 अगस्त से मुंबई में शुरू होने वाले इंडिया इंटरनेशनल ज्वेलरी शो (आईआईजेएस) 2009 में लॉन्च करने की तैयारी में जुटी हुई है। स्टील मिश्रित गहने इटली में बेहद मशहूर हैं। ब्रांड 'आर्म' जो अंगुठी, इयरिंग, पेंडेंट जैसे गहनों के लिए मौजूद है उसमें 316 एल से ज्यादा विशेष स्टील मिला हुआ है जो खासतौर पर ताइवान के ज्वैलरी सेक्टर में बनाया जाता है।
त्वचा के लिए बेहद अच्छे और कम कार्बन स्टील का लाभ उपभोक्ताओं को मिलता है जिसमें सोने जैसी चमक भी पाई जाती है और उसकी लागत भी महज 20-25 फीसदी तक होती है। आर्म ब्रांड 1000-5000 रुपये प्रति पीस के हिसाब से मौजूद होगी।
फिलहाल कंपनी 'टाईमॉन्ड' ब्रांड बनाती है जिनके पास बेहतर गुणवत्ता वाली ज्वेलरी होती है जो खासतौर पर कॉर्पोरेट जगत के ग्राहकों को ही बेची जाती है जिसकी कीमत 50,000 रुपये से लेकिन 5,00,000 रुपये प्रति पीस है।
कंपनी द्वारा बनाया गया 'रा' हीरे की ज्वेलरी का एक दूसरा ब्रांड है जिसकी कीमत 1000 रुपये से 35,000 रुपये प्रति पीस है और यह हर वर्ग के उपभोक्ताओं के लिए बेहतर है। के टी इंक के मुख्य परिचालन अधिकारी तेजस सोनी का कहना है, 'जब सोना किसी औसत मध्यम वर्ग की खरीद क्षमता से बाहर हो रही है ऐसे में रोजाना इस्तेमाल में आने वाले गहनों का विकल्प लोगों को काफी पसंद आ रहा है।
खासतौर पर इन गहनों को भरपूर इस्तेमाल करने के बाद भी 50 फीसदी पर बेचा जा सकता है।' इसके अतिरिक्त कंपनी 'जुनो मोनेटा' नाम के महिलाओं के घड़ी के ब्रांड को लॉन्च करने की योजना बना रही है जिसमें शुद्ध 18 कैरेट का सोना और हीरे लगा होता है और यह केवल उच्च वर्ग के लिए ही बेहतर होगा। इस घड़ी की प्रस्तावित कीमत 15,000-60,000 रुपये प्रति पीस है।
सोनी का कहना है कि सोने के गहनों की ज्यादा कीमत होने की वजह से उपभोक्ताओं का आकर्षण मोबाइल और दूसरे उपहारों देने लायक सामानों की ओर बढ़ रहा है जिसकी कीमत 2000-5000 रुपये के बीच है। उनका कहना है स्टील मिश्रित गहनें को लोग उपहार के तौर पर दे सकते हैं और उन्हें यह कीमत भी ठीक लगेगी।
सोनी का कहना है कि इस तरह के गहने को तैयार करने के लिए इसका प्लांट और मशीनरी इटली से मंगाया जा रहा है। मजदूरी की लागत ज्वेलरी की कीमत का एक खास हिस्सा होता है ऐसे में इसमें 90 फीसदी तक की कमी का लाभ उपभोक्ताओं को भी दिया जाएगा।
के टी इंक की योजना यह है कि वे अपने इस नए प्रयोग के लिए 50-60 करोड़ रुपये खर्च करेगी और इसके अतिरिक्त ब्रांड प्रमोशन के लिए 15-20 करोड़ रुपये खर्च करेगी। फिलहाल कंपनी के पास बड़े और मझोले शहर के लिए 125 खुदरा ज्वेलरी स्टोर हैं।
लेकिन कंपनी अतिरिक्त 500 नए स्टोर को खोलने की योजना बना रही है और यह अपने नए दो ब्रांड के साथ खासतौर पर देश के ग्रामीण क्षेत्रों में उतरना चाहती है। (BS Hindi)

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