नई दिल्ली: मानसून में देरी के कारण भारत के समक्ष गंभीर स्थिति की बात को रेखांकित करते हुए प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन ने कहा है कि इस साल कम बारिश होने के कारण चालू सत्र में चावल उत्पादन 15 फीसदी तक घटने की आशंका है। स्वामीनाथन ने कहा, 'खराब मानसून ने हमें गंभीर स्थिति में ला खड़ा किया है। अभी तक रोपाई में सुधार नहीं हुआ है। इन सब स्थितियों के बीच खरीफ सत्र में चावल उत्पादन 15 फीसदी घट सकता है। तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2008-09 में खरीफ चावल का उत्पादन 8.6 करोड़ टन होना था।
अगर इस साल इसके उत्पादन में 15 फीसदी की गिरावट आती है तो चावल का उत्पादन करीब 7.3 करोड़ टन ही रहेगा। ताजा आंकड़ों के अनुसार देश भर में धान की रोपाई 17 जुलाई की स्थिति के अनुरूप 21 फीसदी की कमी के साथ 114.63 लाख हेक्टेयर रह गया है, जो पिछले साल इसी अवधि में 145.63 लाख हेक्टेयर था। (ET Hindi)
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