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17 जुलाई 2009

भारतीय निर्यातकों को मिली रफ डायमंड की खान

मुंबई: पिछले साल नवंबर के बाद से रफ हीरों की कीमतों में औसतन 20-25 फीसदी की तेजी आने के बीच एक भारतीय कंपनी को सीधे अफ्रीकी खानों से हीरों की आपूर्ति प्राप्त करने में सफलता हाथ लगी है। करीब दो साल पहले 60 बड़े और मध्यम आकार के निर्यातकों ने वाणिज्य मंत्रालय और जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के सहयोग से डायमंड इंडिया (डीआईएल) नाम का कंसोर्शियम बनाया। यह कंसोर्शियम हाल में नामीबियाई खानों से बड़ी तादाद कच्चे हीरे लाने में कामयाब रहा है। इस कंसोर्शियम से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह सौदा काफी महत्वपूर्ण है। डी-बियर्स समूह से तालुक रखने वाली डायमंड ट्रेडिंग कंपनी के अलावा दुनिया की किसी दूसरी कंपनी की पहुंच नामीबिया की खानों तक नहीं है।
बहरहाल, इस सौदे के आकार का खुलासा नहीं हो सका है, क्योंकि डीआईएल के चेयरमैन प्रवीण शंकर पांड्या इस पर प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं हो सके लेकिन इंडस्ट्री के एक अन्य उच्च पदस्थ सूत्र के मुताबिक सौदे का आकार काफी बड़ा है। जीजेईपीसी के चेयरमैन वसंत मेहता का कहना है, 'दो सप्ताह पहले नामीबिया की एक खान के साथ बड़ा सौदा हुआ है। अफ्रीकी देशों में यह बड़ी सेंधमारी है।' इसके पहले डीआईएल ने रूस के अल्रोसा के साथ रफ हीरा हासिल करने में सफलता पाई थी। हालांकि, अभी तक किसी अफ्रीकी खान से सीधे तौर पर रफ हीरा हासिल में घरेलू कंपनियां सफल नहीं हो पा रही थीं। अफ्रीकी खान सिर्फ बड़ी वॉल्यूम और वित्तीय तौर पर मजबूत ग्राहकों से ही सौदे करने में रुचि रखती हैं। इस सौदे के बाद स्थानीय हीरा निर्यातकों का मार्जिन बढ़कर 5-7 फीसदी हो जाएगा। अभी तक यहां के निर्यातक बहुत ही मामूली 3 फीसदी के मार्जिन पर काम करती हैं। इन बचत के अलावा निर्यातकों को बेल्यिजम के कारोबारियों द्वारा लिए जाने वाले कमीशनों पर बचत होगी और उन्हें ढुलाई में भी कम खर्च करना पड़ेगा। परंपरागत तौर पर भारतीय निर्यातक एंटवर्प से रफ हीरों की खरीदारी करते हैं। यह भी अफ्रीका, कनाडा और रूस के खानों से ही इनकी खरीदारी करती हैं। डीआईएल को बनाने के पीछे इंडस्ट्री का विजन भारत को रफ और पॉलिश्ड डायमंड का ट्रेडिंग हब बनाना था। एक तरह से यह एंटवर्प की तरह काम करेगी, जो खानों से सीधे तौर पर कच्चा माल खरीदेगी। इस समय रफ हीरे की कीमत नवंबर की न्यूनतम कीमत से करीब 20-25 फीसदी ऊपर चल रही है। ऐसे में, पिछले 8-9 महीनों से कम खरीदारी कर रहे भारतीय हीरा कारोबारियों ने रफ डायमंड का भंडारण करना शुरू कर दिया है। उन्हें उम्मीद है कि मंदी का दौर जल्द ही खत्म हो जाएगा। भारत दुनिया के 80 फीसदी रफ हीरे का पॉलिश करता है। इसके बाद इन हीरों को अमेरिका और जापान जैसे देशों को निर्यात किया जाता है। (ET Hindi)

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