11 जुलाई 2009
सरकार ने बढ़ाई डयूटी फ्री रॉ शुगर आयात की अवधि
सरकार ने डयूटी फ्री रॉ शुगर आयात की अवधि बढ़ा दी है। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के मुताबिक डयूटी फ्री रॉ शुगर की अवधि को बढ़ाकर 31 मार्च 2010 कर दिया गया है। इसकी अवधि 31 जुलाई को समाप्त हो रही थी। हालांकि इसके बार में सरकार की ओर से अभी तक कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है। पवार ने बताया कि सरकार जल्दी ही इसके बार में अधिसूचना जारी करगी। गौरतलब है कि घरेलू बाजार में चीनी की बढ़ती कीमतों पर नकेल के लिए सरकार की यह कवायद हो रही है। इस साल देश में करीब 150-155 लाख टन चीनी का उत्पादन होने की संभावना है। जबकि पिछले साल का बकाया करीब 100 लाख टन का स्टॉक बचा हुआ था। चीनी की देश में सालाना खपत करीब 225-230 लाख टन की होती है। ऐसे में खपत के लिहाज से तो चीनी पर्यप्त है लेकिन नये सीजन में स्टॉक कम रहने की आशंका है। पिछले साल यहां करीब 263 लाख टन उत्पादन हुआ था। हालांकि केंद्र सरकार की तमाम कवायदों के बावजूद चीनी की कीमतों में तेजी जारी है। सरकार ने चीनी की कीमतों को काबू करने के लिए कई कदम उठाए है। इनमें चीनी पर स्टॉक हॉल्डिंग और टर्नओवर लिमिट को बढ़ाकर 8 जनवरी 2010 तक कर दिया है। अप्रैल-जून के दौरान चीनी का नॉन लेव्ही अतिरिक्त कोटा जारी किया था। इसके अलावा सरकार ने घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए चीनी मिलों को कच्ची चीनी आयात करने की इजाजत दी ही है साथ ही दस लाख टन व्हाइट या रिफाइंड चीनी एडवांस ऑथोराइजेशन स्कीम के तहत शून्य कस्टम ड्यूटी पर आयात करने की अनुमति दी है। जानकारों के मुताबिक कम बारिश से इस साल भी गन्ने की पैदावार में कमी देखी जा सकती है। पवार ने मानसून की स्थिति पर भी चिंता जताई है।फुटकर बाजार में इस समय चीनी की कीमतें 27-28 रुपये प्रति किलो चल रही हैं जबकि दिल्ली बाजार में चीनी के दाम 2425-2525 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। अभी तक करीब 17.5 लाख टन रॉ शुगर का आयात हो चुका तथा करीब 25 लाख टन के सौदे हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मानसून को लेकर स्थिति थोड़ी सहज थी। लेकिन मौजूदा हालात पूरी तरह से विपरीत है। हालांकि आने वाले दिनों में सुधार की उम्मीद की जा सकती है। देश में 60 फीसदी खेती बारिश पर आधारित है। इस बीच उन्होंने अगस्त के पहले सप्ताह तक गैर बासमती चावल के निर्यात पर लगी रोक की समीक्षा करने का भरोसा जताया है। हालांकि इसके बार में फैसला मानसून की स्थिति को देखने के बाद ही किया जाएगा। घरलू बाजार में आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने 2007 में चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। मौसम विभाग के मुताबिक आठ जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान सामान्य से करीब आठ फीसदी कम बारिश हुई है। वहीं एक जून से आठ जुलाई के दौरान होने वाली बारिश सामान्य से 36 फीसदी कम है। (Business Bhaskar)
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