18 सितंबर 2009
चीन में नेचुरल रबर पर आयात शुल्क घटाने की मांग उठी
अमेरिका में चीन से टायरों के आयात पर भारी शुल्क लगाए जाने से चीन के रबर उद्योग में खलबली मची है। टायरों की लागत घटाने के लिए चायना रबर इंडस्ट्री एसोसिएशन ने चीन सरकार से नेचुरल रबर पर आयात शुल्क 20 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी किए जाने की मांग की है। एसोसिएशन ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि अमेरिका में भारी आयात शुल्क लगने से चीन से टायरों का निर्यात बुरी तरह प्रभावित होगा। चीन की करीब 30 घरेलू कंपनियां टायरों का निर्माण या तो घटा सकती हैं या बंद कर सकती हैं। इससे चीन में करीब एक लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे। चीन का नेचुरल रबर आयात इस वर्ष जनवरी से जुलाई तक गत वर्ष के मुकाबले 3।2 फीसदी बढ़ा है। इस दौरान 9,93,858 टन नेचुरल रबर का आयात किया गया। कुल आयात में से करीब 95 फीसदी रबर थाईलैंड, इंडोनेशिया और मलेशिया से मंगाई गई। एसोसिएशन ने इससे पहले आ रही उन खबरों को भी सही ठहराया कि उसने टायर निर्यात पर वैट में छूट सीमा 9 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी की जाए ताकि अमेरिका में लगाए गए भारी आयात शुल्क से टायर उद्योग को होने वाला नुकसान कुछ कम किया जा सके। इसके साथ ही एसोसिएशन ने मांग की है कि यात्री वाहनों या हल्के ट्रक टायर उद्योग के नए प्रोजेक्टों को मंजूरी न दे या कुछ समय के लिए रोक दे। साथ ही अमेरिका से आने वाले कृषि उत्पादों, मशीनों और हवाई जहाजों पर आयात शुल्क बढ़ाया जाए। चीन में बने टायरों पर अगले तीन साल के लिए आयात शुल्क में भारी बढ़ोतरी की घोषणा के बाद चीन पहले ही अमेरिका से आयातित चिकन प्रोडक्ट्स और वाहनों के मामले में एंटी डंपिंग जांच शुरू कर चुका है। (बिज़नस भास्कर)
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