मुंबई September 28, 2009
इस साल कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का बेंचमार्क वायदा भाव (मलेशिया) 13 फीसदी घटकर 1,900 रिंगिट प्रति टन तक जा सकता है।
हालांकि अलनीनो प्रभाव के चलते उत्पादन प्रभावित होने से अगले साल इसमें बढ़ोतरी होने की पूरी गुंजाइश है। पाम तेल उद्योग के शीर्ष विश्लेषक माने जाने वाले दोराब मिस्त्री ने यह अनुमान जताया है। उन्होंने बताया कि अगले साल इसकी कीमत 2,400 रिंगिट प्रति टन तक जा सकती है।
गौरतलब है कि मिस्त्री बड़े विश्लेषक के साथ गोदरेज इंटरनैशनल के वनस्पति तेल खरीद कारोबार के प्रमुख हैं। शुक्रवार को बुर्सा मलेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज में दिसंबर महीने का अनुबंध 71 रिंगिट बढ़कर 2,186 रिंगिट यानी 630 डॉलर प्रति टन तक चला गया। इस तरह पिछले 200 दिनों से हो रही गिरावट का सिलसिला थम गया। पाम तेल के वायदा का यह स्तर पिछले 200 दिनों के औसत 2,141 रिंगिट से भी ज्यादा हो गया।
मिस्त्री ने कहा, ''मेरा मानना है कि एक्सचेंज में दिसंबर महीने का वायदा अनुबंध 1,900 रिंगिट तक जाने की आवश्यकता है। अलनीनो की वजह से 2010 में सीपीओ का उत्पादन घटने का अनुमान है।'' इस महीने ऑस्ट्रेलिया के मौसम विभाग ने कहा कि अलनीनो प्रभाव के चलते सूखे जैसी स्थिति है, जो कम से कम इस साल के अंत तक जारी रहेगी।
मिस्त्री कहते हैं, ''हमें जनवरी से मई 2010 में होने वाले पाम तेल उत्पादन को देखना होगा ताकि अलनीनो के प्रभाव का अनुमान लगाया जा सके।'' अभी मेरा मानना है कि 2010 के पहले 5 महीनों में उत्पादन पर अलनीनो प्रभाव दिखेगा। इससे कीमतें चढ़ेंगी। समस्या केवल अभी से जनवरी तक की कीमत को लेकर है। (बीएस हिन्दी)
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