भोपाल 09 28, 2009
इस साल खरीफ की फसल की बुआई के दौरान उम्मीद से बहुत कम बारिश हुई। बाद में बारिश हुई भी तो किसानों ने कहा- का वर्षा जब कृषि सुखाने। अब किसानों के साथ सरकार ने भी रबी की फसलों के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।
उम्मीद की जा रही है कि इस साल रबी की फसल कुछ हद तक खरीफ के नुकसान की भरपाई कर देगी। खरीफ के नुकसान और रबी की फसलों से बढ़ी उम्मीदों का एक जायजा ...
सितंबर की शुरुआत में अच्छी बारिश होने से मध्य प्रदेश के सोयाबीन किसान एक बार फिर जोरदार फसल की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि, इसके उलट राज्य सरकार ने सोयाबीन के उत्पादन में 40 फीसदी कमी आने का अनुमान लगाया है।
इस बाबत सरकार ने केंद्र से किसानों को संभावित नुकसान की भरपाई के लिए 3400 करोड़ रुपये की मांग की है। दूसरी तरफ किसानों का कहना है कि इस साल फसल की स्थिति पिछले साल से बेहतर है। इस वर्ष अब तक राज्य के किसी भी इलाके से फसलों को नमी या कीटों से नुकसान पहुंचने की खबर नहीं आई है।
सोयाबीन फ सल की स्वतंत्र तौर पर समीक्षा करने वाली इकाई सोयाबीन प्रोसेसर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) का कहना है कि इस सत्र में सोयाबीन की फसल काफी बेहतर रहने की संभावना है। इस बाबत सोपा के प्रवक्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अगस्त और सितंबर में बारिश की स्थिति बेहतर रहने से सोयाबीन की फ सल को खासा लाभ मिला है और हमें पूरी उम्मीद है कि उत्पादन में 10 फीसदी की तेजी आ सकती है।
राज्य में सोयाबीन का रकबा बढ़कर 51 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जबकि पूरे भारत में 93 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हो चुकी है। सोपा का कहना है कि राज्य में 51 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हो चुकी है। खरीफ फसलों की बुआई का क्षेत्रफल 106.70 लाख हेक्टेयर के पहले से तय लक्ष्य से घटकर 11.67 लाख हेक्टेयर रह गया है।
सबसे ज्यादा नुकसान धान की फसल को पहुंचा है। धान का रकबा 16.25 लाख हेक्टेयर से घटकर मात्र 5 लाख हेक्टेयर रह गया है। अन्य खरीफ फसलों- जैसे ज्वार, बाजरा, अरहर दाल, उड़द, मूंग और कपास की बुआई लक्ष्य के तहत रही है या फिर इनके रक बे में थोड़ी बहुत कमी आई है।
दूसरी तरफ बारिश के बेहतर रहने की वजह से सरकारी अधिकारियों के उन अनुमानों को कांटा चुभ गया है जिसमें खरीफ फसलों के रकबे में 6 लाख हेक्टेयर तक की कमी आने की बात कही गई है। राज्य सरकार ने केंद्र से इस बाबत 3400 करोड रुपये की मांग की है।
एक आंतरिक सूत्र ने इस बारे में बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया 'अगर किसी जिले के 80 फीसदी क्षेत्र में सामान्य बारिश होती है तो माना जाता है जिले में सामान्य बारिश हुई है, लेकिन बकौल राज्य सरकार, अगर बारिश 79.90 फीसदी होती है तो फिर इसे सूखाग्रस्त घोषित माना जाता है।'
अगस्त के अंतिम सप्ताह और सितंबर के शुरुआती कुछ दिनों में मौसम के अनुकूल रहने से रबी फसल के लिए उम्मीदें और ज्यादा बढ ग़ई है, हालांकि एक अधिकारी ने बताया, 'करीब 35-40 लाख हेक्टेयर भूमि में गेहूं की बुआई का लक्ष्य रखा गया है क्योंकि हमारे पास केवल 37 प्रतिशत सिंचित भूमि ही है। (बीएस हिन्दी)
29 सितंबर 2009
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