29 सितंबर 2009
चारा फसलें चौपट
बारिश में देरी से धान की फसल के साथ-साथ चारा फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। इससे पशुओं के लिए हरे चारे की उपलब्धता में कमी आ गई है। खरीफ का मौसम खत्म होते-होते जो बारिश हुई, उसकी नमी का लाभ रबी और चारा फसलों में लेने की योजना थी। लेकिन अब बारिश में देरी से चारा फसलें बर्बाद हो रही हैं। देश में हरे चारे की उपलब्धता 224.08 मिलियन टन है, जबकि आवश्यकता 611.99 मिलियन टन की है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शिवाधर मिश्र का कहना है कि हरे चारे के लिए नमी तो मौजूद थी, लेकिन बारिश के अभाव में चारा फसलें चौपट हो रही हैं। ऐसे में दूध उत्पादन में गिरावट आने की आशंका है।
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