25 सितंबर 2009
ड्यूटी फ्री चीनी के आयात की अनुमति जून तक रहेगी
नई दिल्ली। घरेलू बाजार में चीनी की ऊंची कीमतों से परेशान केंद्र सरकार इसके शुल्क मुक्त आयात की अवधि को सात माह के लिए बढ़ाएगी। आयातक 30 नवंबर के बजाय अगले साल 30 जून तक चीनी (व्हाइट शुगर) का आयात कर सकेंगे। गुरुवार को कृषि मंत्री शरद पवार ने पत्रकारों को बताया कि धान की खरीद पर बोनस देने का फैसला कैबिनेट तय करेगी। पिछले महीने केंद्र सरकार ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 100 रुपये की बढ़ोतरी कर सामान्य किस्म के लिए भाव 950 रुपये और ए ग्रेड के लिए 980 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।पवार ने कहा कि वर्ष 2008-09 पेराई सीजन में देश में चीनी का उत्पादन 150 लाख टन से भी कम होने की संभावना है जबकि हमारी सालाना खपत करीब 220 लाख टन की होती है। पिछले साल देश में चीनी का उत्पादन 263 लाख टन रहा था। उत्पादन में आई भारी कमी के कारण ही केंद्र सरकार को चीनी के शुल्क मुक्त आयात की मंजूरी देनी पड़ी। केंद्रीय खाद्य सचिव अल्का सिरोही ने बताया कि सितंबर के आखिर तक 24 लाख टन रॉ शुगर (गैर-रिफाइंड चीनी) और दो लाख टन व्हाइट शुगर का आयात हो चुका है। सितंबर महीने में हुई बारिश से अक्टूबर में शुरू होने वाले नए पेराई सीजन में चीनी उत्पादन करीब 10 फीसदी बढ़कर 160-170 लाख टन होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2009-10 के पेराई सीजन यानि अक्टूबर से पहले देश में 40 लाख टन चीनी का स्टॉक बकाया बचेगा। उद्योग सूत्रों के अनुसार चीनी के नए पेराई सीजन को देखते हुए आयातकों ने नए सौदे कम कर दिए हैं। जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतें घटी हैं। घरेलू बाजार में भी पिछले तीन-चार दिनों चीनी की कीमतों में करीब 100 रुपये की गिरावट एक्स-फैक्ट्री भाव 2850-2900 रुपये और दिल्ली थोक बाजार में 2950-3000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हालांकि फुटकर में अभी भी दाम 30 रुपये प्रति किलो से ऊपर ही बने हुए हैं।खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार केंद्र सरकार चालू खरीफ सीजन में धान की खरीद पर किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दे सकती है। केंद्र सरकार धान की सरकारी खरीद पहली अक्टूबर से शुरू करेगी। जून-जुलाई और अगस्त के मध्य तक बारिश न होने से धान की बुवाई करीब 61 लाख हैक्टेयर और तिलहनों की 12 लाख हैक्टेयर घटी है। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारें किसानों को रबी फसलों की अगेती बुवाई के लिए प्रेरित कर रही है। सितंबर महीने में देर तक हुई बारिश रबी फसलों गेहूं, चना और सरसों की अगेती बुवाई के लिए लाभप्रद है। हालांकि भरतपुर स्थित सरसों अनुसंधान निदेशालय के डायरेक्टर डॉक्टर अरविंद कुमार ने कहा कि दिन का तापमान 40 डिग्री के आसापास चल रहा है, ऐसे में किसानों को अभी चार-पांच दिन रुककर सरसों की बुवाई करनी चाहिए। (बिज़नस भास्कर.....र स रना)
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