नई दिल्ली, लंदन- अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार दूसरे दिन गुरुवार को सोने की कीमतें 18 महीने के शीर्ष स्तर पर बनी रहीं। यूरो की तुलना में डॉलर एक साल के निचले स्तर पर आ गया है जिसकी वजह से वैकल्पिक निवेश के रूप में सोने की मांग काफी बढ़ गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना प्रति औंस रिकॉर्ड 1,030 डॉलर तक पहुंच गया है। हालांकि, घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में मामूली गिरावट देखी गई। चांदी के सिक्कों की कीमत आसमान छूने लगी है और गुरुवार को घरेलू सर्राफा बाजार में यह प्रति सैकड़ा 32,000 रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। बहरहाल कारोबारियों का कहना है कि यदि डॉलर की इसी तरह से पिटाई जारी रही तो भी अब आगे सोने की कीमतों में कुछ गिरावट आ सकती है। इसकी वजह यह है कि भौतिक खरीद कम हो रही है और गोल्ड ईटीएफ की तरफ से मांग में कमी आई है। बुधवार को न्यूयार्क में हाजिर सोने की कीमत बढ़कर प्रति औंस 1,020 डॉलर तक पहुंची थी। न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज के कॉमेक्स डिवीजन पर गोल्ड फ्यूचर की दिसंबर डिलीवरी 1,022।40 डॉलर प्रति औंस पर हुई है। कॉमर्जबैंक के एनालिस्ट यूगेन विनबर्ग ने बताया, 'जब तक डॉलर में कमजोरी बनी रहेगी, सोने में तेजी का दौर बरकरार रहेगा। यह संभव है कि अगले कुछ दिनों में तेजी का रिकॉर्ड बना रहे, लेकिन धातुओं और स्क्रैप में मांग कमजोर रहने से सोने की तेजी बहुत दिनों तक नहीं बनी रह सकती है।'
त्योहारों और शादी-विवाह के सीजन की शुरुआत से पहले घरेलू बाजार में स्टॉकिस्टों ने चांदी की जमकर खरीदारी की। घरेलू बाजार में चांदी के सिक्कों की कीमत खरीदारी के लिए बढ़कर 31,900 प्रति सैकड़ा और बिक्री के लिए 32,000 प्रति सैकड़ा तक पहुंच गई। सॉवरेन की कीमत भी प्रति आठ ग्राम के पीस के लिए रिकॉर्ड 13,000 रुपए तक पहुंच गई। घरेलू बाजार में मांग कमजोर रहने से सोने में प्रति दस ग्राम 30 रुपए की मामूली गिरावट आई। गुरुवार को प्रति दस ग्राम सोने की कीमत 16,190 रुपए रही। (इत हिन्दी)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें