नई दिल्ली September 29, 2009
अक्टूबर से शुरू होने वाले खरीफ सत्र 2009-10 में सरकारी खरीद में 20 फीसदी कमी आने की आशंका है।
इस सत्र में 2.7 करोड़ टन चावल की सरकारी खरीद का अनुमान है। वैसे, खाद्य मंत्रालय ने 2.94 करोड़ टन सरकारी खरीद का अनौपचारिक लक्ष्य रखा है। सत्र 2008-09 में 3.33 करोड़ टन की रिकॉर्ड खरीद हुई थी।
भारतीय खाद्य निगम के एक अधिकारी ने बताया, 'कई राज्यों में सरकारी खरीद बढ़ी है। पंजाब और हरियाणा में सोमवार से ही खरीद शुरू हो गई है और अब तक 24,000 टन चावल खरीदा जा चुका है। हमारा अनुमान है कि अगले सत्र में 2.6 से 2.7 करोड़ टन चावल की सरकारी खरीद हो पाएगी।'
अनाज के सरकारी खरीद और इसके वितरण का काम भारतीय खाद्य निगम ही करती है। इस साल पहली सितंबर तक केंद्रीय पुल में 1.72 करोड़ टन चावल था। सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन वितरण योजनाओं के तहत इस साल 2.5 करोड़ टन चावल के वितरण का अनुमान है।
इस अधिकारी ने कहा, 'अगर हम 2.5 करोड़ टन चावल खरीदने में भी सफल होते हैं, तो 2010 के सत्र की शुरुआत के वक्त हमारे पास अतिरिक्त 1.5 करोड़ टन का भंडार होगा। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।'
इस साल सरकारी खरीद उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में कम होने का अनुमान है। क्योंकि इन राज्यों के उत्पादन में कमी आने की संभावना है। इन दोनों राज्यों से ही हाल में समाप्त हुए सत्र में 46 लाख टन चावल की सरकारी खरीद हुई थी। अनियमित बरसात की वजह से धान बुआई के क्षेत्रफल में 16 फीसदी की कमी आई है और यह 3.15 करोड़ हेक्टेयर रह गया है।
हालांकि, अभी तक कृषि मंत्रालय ने खरीफ फसल के उत्पादन को लेकर कोई अनुमान नहीं लगाया है। लेकिन अमेरिकी कृषि विभाग का अनुमान है कि 2009-10 सत्र में भारत का चावल उत्पादन 8.2 करोड़ टन रहेगा। 2008-09 में भारत में 9.92 करोड़ टन चावल का उत्पादन हुआ था। खाद्य एवं कृषि मंत्री शरद पवार ने पिछले ही महीने कहा है कि भारत के चावल उत्पादन में 1 करोड़ टन की कमी आ सकती है।
वैसे, सरकार चावल की खरीद को बढ़ाने के लिए हर संभव उपाय कर रही है। सरकारी खरीद में कमी नहीं आए, इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य को भी बढ़ा दिया है।
नए सत्र के लिए सामान्य श्रेणी के धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 11.76 फीसदी बढ़ोतरी की गई है और अब यह 950 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदा जाएगा। वहीं ए-ग्रेड की धान के समर्थन मूल्य को 11.36 फीसदी बढ़ाकर 980 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। अब देखना है कि सरकार चावल खरीद के अपने लक्ष्य को पूरा कर पाती है या नहीं।
कम का गम
उत्पादन में कमी के चलते सरकारी खरीद 20 फीसदी कम रहने की आशंका2009-10 खरीफ सत्र में 2।7 करोड़ टन चावल खरीद का अनुमानबिहार और उत्तर प्रदेश में खरीद घटने की आशंकाविभिन्न योजनाओं के तहत इस साल करीब 2.5 करोड़ टन चावल के वितरण का है अनुमान (बीएस हिन्दी)
30 सितंबर 2009
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