केंद्र सरकार गेहूं खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फैसला अक्टूबर में करेगी। केंद्रीय कृषि सचिव टी. नंदकुमार ने बुधवार को कहा कि कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की ओर से हाल ही में इस बारे में सिफारिश मिली है और अक्टूबर में इसकी समीक्षा की जाएगी। गत वर्ष (2008-09) में केंद्र ने गेहूं की सरकारी खरीद के लिए एमएसपी 1080 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था।
खरीफ सीजन के अनाज उत्पादन में गिरावट की संभावना को देखते हुए सरकार ने गेहूं के समर्थन मूल्य की समीक्षा करने का फैसला किया है ताकि रबी सीजन में रकबा और उत्पादन दोनों बढ़ाया जा सके। खरीफ के सीजन में उत्तर प्रदेश और बिहार के बड़े कृषि क्षेत्र पर मानसून की अनिश्चितता के चलते बुवाई नहीं की जा सकी। खरीफ सीजन में चावल का रकबा चालू वर्ष में 45 से 50 लाख हैक्टेयर घट सकता है। चावल का औसत रकबा 391 लाख हैक्टेयर रहता है। देश की 60 फीसदी कृषि भूमि मानसूनी बारिश पर निर्भर रहने के कारण इसका असर खरीफ सीजन की चावल, गन्ना, दालों और तिलहन आदि फसलों पर काफी ज्यादा पड़ता है।
सरकार किसानों को रबी की फसल की अगैती बुवाई के लिए प्रेरित कर रही है। नंदकुमार ने कहा कि केंद्र की कोशिश यही है कि खरीफ सीजन में उत्पादन की गिरावट को पूरा किया जा सके लेकिन कमी को पूरा करना संभव नहीं है। हालांकि सितंबर में देर तक हुई बारिश से रबी में उत्पादन अच्छा रहने की उम्मीद है। केंद्र ने अब रबी सीजन का उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है। खरीफ सीजन की भरपाई करने और रबी का उत्पादन बढ़ाने के लिए रणनीति पर विचार के लिए गुरुवार को केंद्र ने राज्यों की बैठक बुलाई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कृषि मंत्रालय की ओर से रबी की फसलों पर आयोजित दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में 2009-10 सीजन में गेहूं का उत्पादन लक्ष्य 790 लाख टन हासिल करने पर जोर दिया जाएगा। गेहूं उत्पादन का लक्ष्य पिछले वर्ष के वास्तविक उत्पादन 858 लाख टन से थोड़ा कम है। गत वर्ष 785 लाख टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था।
गेहूं की अगैती बुवाई करने की राज्यों को केंद्र की सलाहनई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आने वाले रबी के मौसम में अधिक उत्पादन लेने के उद्देश्य से राज्यों को सलाह दी है। केंद्र सरकार की सलाह के मुताबिक जिला स्तर पर जल्द रबी फसल की योजना बनाई जाएगी। कई राज्यों में सलाहकार भेजे गए हैं जो जिला स्तर पर योजना बनाने में मदद करेंगे और विभिन्न तकनीकी जानकारी देंगे। केंद्र ने गेहूं की बुवाई जल्द करने की सलाह दी है और नवंबर के अंत तक बुवाई खत्म करने को कहा है। इसके साथ ही ज्यादा पैदावार वाली और उच्च तापमान को झेलने में सक्षम किस्मों को अधिक से अधिक क्षेत्र में लगाने की सलाह दी है। सरकार ने पंजाब और हरियाणा राज्यों को पुरानी किस्में पीबीडब्ल्यू-343 और पीबीडब्ल्यू-502 को बदलने की सलाह दी है क्योंकि इनमें रतुआ रोग काफी होता है। (ब्यूरो)
इसकी बजाए डीबीडब्ल्यू-17 और पीबीडब्ल्यू-550 को लगाने की सलाह दी है। इसके अलावा रबी ज्वार की पैदावार बढ़ाने के उद्देश्य से नई संकर किस्मों को अपनाने के साथ उन्नत कृषि पद्धति अपनाने की सलाह दी है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को जैविक खाद और सूक्ष्म पोषक तत्वों के अधिक उपयोग की सलाह दी है। खासतौर से उत्तरी राज्यों के लिए यह सलाह दी गई है क्योंकि यहां कम कार्बनिक पदार्थो की मात्रा होने के कारण पैदावार में गिरावट देखी जा रही है।
रबी एक अन्य फसल धान के बारे में केंद्र सरकार का कहना है कि संकर किस्मों को लगाएं क्योंकि इनका उत्पादन अच्छा होता है।सरकार ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान और पंजाब में दुरुम गेहूं की अधिक पैदावार वाली किस्मों को लगाने की सलाह दी है। इसके अतिरिक्त असम, बिहार, उड़ीसा और अन्य राज्यों में, जहां उर्वरक की खपत कम है, वहां उर्वरक से संतुलित उपयोग की सलाह दी गई है। साथ में जैविक खाद और सूक्ष्म पोषक तत्वों के इस्तेमाल की भी सलाह दी गई है। (बिज़नस भास्कर)
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