लखनऊ September 24, 2009
राज्य में नकदी फसल के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रही मेंथा की बुआई हर साल बढ़ रही है।
विदेशों से आने वाली जबरदस्त मांग और अच्छी कीमतों के कारण राज्य के किसानों को यह इस कदर भा रही है कि देश में होने वाले कुल मेंथा के उत्पादन का 90 फीसदी तक अब यहीं से होने लगा है।
रबी और खरीफ के बीच के अंतराल में मेंथा की खेती की जाती है। मार्च-अप्रैल में इसकी बुआई होती है जबकि जून-जुलाई में फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। यूपी हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट के अनुसार, इस साल राज्य की दो लाख हेक्टेयर जमीन में मेंथा की बुआई की गई जबकि 2007-08 में यह एक लाख 20 हजार हेक्टेयर तो 2007 में एक लाख हेक्टेयर ही थी।
लखनऊ स्थित निर्यात आधारित कंपनी देव एरोमैटिक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक जितेंद्र गुप्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस साल मेंथा तेल 500 रुपये प्रति किलो बिक रहा था जबकि पिछले साल यह 700 रुपये प्रति किलो पर बिक रहा था।
पिछले साल इसके दाम में हुए इस इजाफे की वजह समय से पहले हुई बरसात थी, जिसके चलते फसल का काफी हिस्सा बरबाद हो गया था। इस वजह से इसका कुल उत्पादन 22 हजार टन था जबकि इस साल यह 38 हजार टन है।
गाजियाबाद स्थित सोम एक्सट्रैक्ट लिमिटेड के निदेशक एस.सी वार्ष्णेय बताते हैं- देश में केवल 10 हजार टन मेंथा की ही खपत होती है जबकि बाकी की फसल को विदेशी बाजारों में भेजा जाता है। इसे प्रमुख तौर पाउडर, द्रव और क्रिस्टल के रूप में चीन और यूरोप में भेजा जाता है।
मेंथा तेल का इस्तेमाल टूथपेस्ट, माउथ फ्रेशनर, दवा, च्युइंगगम और कन्फेशनरी में किया जाता है। राज्य में इसकी फसल तराई इलाकों में बोई जाती है, जिनमें रामपुर, बरेली, बदायूं, मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ आदि प्रमुख हैं।
बाराबंकी, फैजाबाद, रायबरेली, लखनऊ और सुल्तानपुर में भी इसकी बुआई होती है। हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट छोटी प्रसंस्करण इकाइयों को लगाकर राज्य के किसानों को मेंथा के पौधे से तेल निकालने की विधि की टे्रनिंग भी देता है।
इसके अलावा सरकार भी मेंथा की फसल के लिए किसानों को 11,250 रुपये की सब्सिडी भी देती है। किसानों और कारोबारियों को मेंथा संबंधी प्रशिक्षण लखनऊ स्थित सेंट्रल इंस्टीटयूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट्स (सीआईएमएपी) में दिया जाता है।
देश के कुल उत्पादन का 90 फीसदी हो रहा है सिर्फ उत्तर प्रदेश मेंदो लाख हेक्टेयर जमीन में हुई इस साल बुआईमार्च-अप्रैल में होती है बुआई, कटाई जून-जुलाई मेंपिछले साल की तुलना में इस साल 200 रुपये प्रति क्विंटल कम दाम पर बिक रहा है मेंथा (बीएस हिन्दी)
25 सितंबर 2009
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