भोपाल September 21, 2009
सरकार चीनी के दाम बढ़ने से परेशान है। कारोबारी सरकार की छापेमारी से परेशान हैं। विभिन्न राज्यों में सरकार की छापेमारी चल रही है, जिससे जमाखोरों को चीनी जमा करने से रोका जा सके।
इस बीच मध्य प्रदेश के चीनी कारोबारियों ने हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है। मध्य प्रदेश में कथित जमाखोरी के खिलाफ राज्य सरकार की छापामारी की कार्रवाई और जब्त माल व्यापारियों को नहीं लौटाने से नाराज राज्य भर के थोक एवं फुटकर शक्कर व्यापारी 1 अक्टूबर से बेमियादी हड़ताल पर जा रहे हैं।
मप्र शक्कर व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश खण्डेलवाल ने कहा कि मंगलवार से ही सभी शक्कर व्यापारी राज्य सरकार के इस रवैए के खिलाफ काली पट्टी बांधकर और अपने-अपने प्रतिष्ठान पर काला झंडा लगाकर कामकाज करेंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की पहल पर जमाखोरी के खिलाफ मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 20 क्विंटल से अधिक शक्कर का भंडार रखने वाले व्यापारियों के लिए गत 28 अगस्त की अधिसूचना के तहत लाइसेंस जरूरी कर दिया था। इसके तत्काल बाद आनन-फानन राज्य के विभिन्न स्थानों से करोड़ों रुपये की शक्कर जब्त की गई।
जब्त शक्कर, व्यापारियों को लौटाने की बजाए अब उसे राजसात बताकर नीलाम करने की बात की जा रही है। खण्डेलवाल ने कहा कि अधिसूचना जारी होने के बाद सरकार ने उस पर अमल से पहले व्यापारियों को इतना समय भी नहीं दिया कि महाराष्ट्र एवं दीगर स्थानों से चली शक्कर के ट्रक प्रतिष्ठानों तक पहुंच पाते, जबकि इसके खरीद आदेश संबंधित शक्कर कारखानों को अधिसूचना से पहले दिए जा चुके थे।
उन्होंने कहा कि एक अक्तूबर से बेमियादी हड़ताल का निर्णय कल यहां सम्पन्न महासंघ के सम्मेलन में किया गया, जिसमें प्रदेश भर के 250 से अधिक शक्कर कारोबारी शामिल हुए। हड़ताल के दस दिन बाद ही सभी व्यापारी अपने-अपने शक्कर लाइसेंस भी लौटा देंगे तथा इस दौरान वे शक्कर की खरीद एवं बिक्री नहीं करेंगे।
यह पूछने के पर कि क्या अगले माह से प्रदेश में शक्कर की किल्लत हो सकती, उन्होंने कहा कि आम जनता को त्यौहारों के इस मौसम में महंगी शक्कर और उसकी कमी का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन इसके लिए व्यापारी नहीं, बल्कि राज्य सरकार जिम्मेदार होगी।
शक्कर व्यापारियों के इस निर्णय को लेकर प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री पारस जैन ने कहा है कि वह व्यापारियों से बातचीत के लिए तैयार हैं। जहां तक जब्त शक्कर की बात है, तो उसकी कार्रवाई जिला स्तर पर की गई है, जिसके विरुध्द अपील का प्रावधान है। (बीएस हिन्दी)
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