नई दिल्ली September 24, 2009
चीनी की कीमत में पिछले चार दिनों से गिरावट का दौर जारी है। आगामी अप्रैल-मई तक रिफाइन चीनी के शुल्क मुक्त आयात की संभावना बनने से गुरुवार को चीनी के थोक बाजार में चीनी में मंदी का रुख रहा।
चीनी बाजार में इस बात की भी चर्चा गर्म है कि सरकार के पास अक्टूबर माह के लिए 40 लाख टन से अधिक चीनी उपलब्ध है। लिहाजा दशहरा एवं दीपावली के दौरान चीनी की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं होने जा रही है।
वैसे भी अगले माह की 15 तारीख से उत्तर प्रदेश की अधिकतर चीनी मिलों में गन्ने की पेराई शुरू हो जाएगी। महाराष्ट्र में भी 15 अक्टूबर से 1 नवंबर तक गन्ने की पेराई आरंभ होने की खबर है। सरकार अब तक 6.06 लाख टन रिफाइंड चीनी का आयात कर चुकी है।
चीनी के थोक व्यापारियों के मुताबिक इस सप्ताह लगातार चीनी में गिरावट का रुख रहा। रोजाना 25-60 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गयी। चीनी की कीमत 2800-2900 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच चल रही है।
गौरतलब है कि चीनी के थोक दाम 33 रुपये प्रति किलोग्राम तो डबल रिफाइन चीनी के थोक दाम 35-36 रुपये प्रति किलोग्राम तक चली गयी थी। कारोबारियों ने बताया कि सितंबर आखिर एवं अक्टूबर माह के लिए चीनी की उपलब्धता में कमी की आशंका जाहिर की गयी थी। लेकिन फिलहाल ऐसी कोई संभावना नजर नहीं आ रही है।
इस बात की भी चर्चा है कि अक्टूबर माह के लिए सरकार के पास 40 लाख टन तक चीनी उपलब्ध है। इस कारणों से पिछले एक सप्ताह से चीनी का उठाव सुस्त चल रहा है। चीनी में गिरावट का रुख ऐसे ही जारी रहा तो अगले दो सप्ताह के दौरान चीनी के भाव घटकर 25-26 रुपये प्रति किलोग्राम हो सकते हैं। गन्ने की पेराई में भी देर होने की कोई संभावना नहीं है।
उत्तर प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक की चीनी मिलें गन्ने के उत्पादन में कमी के कारण पेराई में देरी कर कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। क्योंकि इस साल किसानों को सरकारी मूल्य के अलावा मिल मालिकों से अलग से भुगतान मिलने की पूरी उम्मीद है। (बीएस हिन्दी)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें