24 सितंबर 2009
यूरोप और खाड़ी देशों की मांग से जीरा तीन फीसदी तक तेज
यूरोप के साथ खाड़ी देशों की मांग निकलने से पिछले दो-तीन दिनों में जीरे की कीमतों में करीब तीन फीसदी की तेजी आ चुकी है। बुधवार को ऊंझा मंडी में जीरे के भाव बढ़कर 2150-2200 रुपये प्रति बीस किलो हो गए। अन्य उत्पादक देशों टर्की, सीरिया, ईरान और चीन के मुकाबले भारतीय जीरे के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम है। जबकि इन देशों के पास बकाया स्टॉक भी कम बचा हुआ है। इसलिए आगामी दिनों में भारत से निर्यात मांग बराबर रहने की संभावना है जिससे मौजूदा कीमतों में और भी तेजी की उम्मीद है।मुंबई स्थित मैसर्स जैब्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर भास्कर शाह ने बिजनेस भास्कर को बताया कि यूरोप के आयातकों की अच्छी मांग बनी हुई है। रमजान समाप्त होने के बाद खाड़ी देशों के आयातकों की मांग भी निकलने से पिछले दो-तीन दिनों में जीरे की कीमतों में करीब तीन फीसदी की तेजी आकर भाव 2150-2200 रुपये प्रति बीस किलो हो गए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में टर्की के जीरे के भाव बढ़कर 2700 डॉलर, सीरिया के जीरे के 2500 डॉलर और चीन और ईरान के जीरे के भाव 2450 डॉलर प्रति टन (एफओबी) हो गए हैं। जबकि भारतीय जीरे के भाव 2200 डॉलर प्रति टन चल रहे हैं। टर्की, सीरिया, ईरान और चीन के पास स्टॉक भी अब सीमित मात्रा में बचा हुआ है। ऐसे में भारत से निर्यात मांग बढ़ने की संभावना से तेजी को बल मिल रहा है।मैसर्स हनुमान प्रसाद पीयूष कुमार के प्रोपराइटर वीरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि ऊंझा मंडी में जीरे का स्टॉक करीब छह- सात लाख बोरी (एक बोरी 55 किलो) का ही बचा हुआ है। इस समय जीरे की आवक घटकर सिर्फ 3000 बोरी की है जबकि रोजाना की मांग करीब छह-सात हजार बोरी की है। गुजरात के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में दिन का तापमान ज्यादा होने के कारण अभी बुवाई का कार्य भी शुरू नहीं हो पाया है। उम्मीद है कि दशहरा के बाद तापमान में कुछ कमी आएगी। जिससे बुवाई शुरू हो पाएगी। राजस्थान के उत्पादक क्षेत्रों में जीरे की बुवाई दिवाली के बाद शुरू होने की संभावना है।भारतीय मसाला बोर्ड के सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से जुलाई के दौरान भारत से जीरा निर्यात में 15।4 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 15,950 टन का ही हुआ है। पिछले साल की समान अवधि में निर्यात 18,860 टन का हुआ था। जीरा व्यापारी रजनीकांत बी। पोपट ने बताया कि विश्व स्तर पर आर्थिक स्थिति में सुधार हो रही है। वैसे भी अन्य देशों के मुकाबले भारतीय जीरे के भाव काफी नीचे चल रहे हैं। ऐसे में आगामी दिनों में भारत से जीरे की निर्यात मांग में इजाफा होने की उम्मीद है।( बिज़नस भास्कर.... र स रना)
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