17 सितंबर 2009
घटते उत्पादन से तंग रह सकती है रबड़ की आपूर्ति
कोच्चि : घरेलू और वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक रबड़ के उत्पादन में आ रही गिरावट के कारण मध्यम अवधि में इसकी सप्लाई प्रभावित होगी। इस साल अप्रैल-अगस्त के बीच देश में प्राकृतिक रबड़ का कुल उत्पादन 2।73 लाख टन रहा, जो कि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 13 फीसदी कम है। अगस्त 2009 तक आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक रबड़ की सप्लाई में 3.7 फीसदी की गिरावट आई है। इस अवधि में थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया जैसे प्रमुख रबड़ उत्पादक देशों में इसके उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। चीन, वियतनाम और श्रीलंका में ही इस अवधि में रबड़ उत्पादन में इजाफा हुआ है। भारत में चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-अगस्त तक की अवधि के दौरान रबड़ की खपत में 2.1 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। अगस्त में देश में रबड़ की कुल खपत 78,000 टन रही, जो कि पिछले साल की समान अवधि में 75,850 टन थी। इस अवधि के दौरान टायर सेक्टर में रबड़ की खपत में 3.8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि नॉन टायर सेक्टर की खपत में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई और यह 0.5 फीसदी रही। 30 अगस्त के आंकड़ों के मुताबिक, देश का रबड़ स्टॉक 1.96 लाख टन रहा, जो कि पिछले साल 1.14 लाख टन था। कमोडिटी जानकारों का कहना है कि बड़ी तादाद में आयात किए जाने के कारण स्टॉक ऊंचे स्तर पर बना हुआ है। अप्रैल-9 सितंबर तक देश ने कुल 1 लाख टन रबड़ का आयात किया। पिछले साल के मुकाबले इसमें 290 फीसदी इजाफा दर्ज किया गया है। इस अवधि में देश ने कुल 950 टन रबड़ का निर्यात किया, जो कि पिछले साल की समान अवधि में 27,000 टन था। कम उत्पादन होने के बावजूद जहां 7 सितंबर को रबड़ की कीमतें 109 रुपए प्रति किलोग्राम थीं। वहीं 14 सितंबर को घटकर यह 101 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ गईं। वहीं दूसरी ओर अमेरिका ने चीन द्वारा निर्यात किए जाने वाले टायरों पर 35 फीसदी कर लगाने का फैसला किया है। (ऐ टी हिन्दी)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें