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17 सितंबर 2009

उप्र में चीनी की कीमतों पर कसता शिकंजा

लखनऊ September 16, 2009
दालों के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार ने चीनी के बढ़ते दामों पर नजरें गड़ा दी हैं।
चीनी पर स्टॉक सीमा तय करने के बाद अब राज्य सरकार ने फैसला किया है कि चीनी को भी दाल की तरह से कर्मचारी कल्याण निगम के डिपो से सस्ती दरों पर बेचा जाए।
उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के सभी 151 डिपो जो कि सूबे के 72 जिलों पर स्थापित हैं उन पर 30.5 रुपये किलो की दर से चीनी की बिक्री की जाएगी। इस चीनी को उन्हीं को बेचा जाएगा जिनके पास उपभोक्ता कार्ड या राशन कार्ड होगा। एक कार्ड धारक को अधिकतम पांच किलो चीनी दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा है कि कोई भी व्यापारी एक महीने के लिए 2000 क्विंटल से ज्यादा चीनी नही रख सकेगा। कुछ इसी तरह की स्टॉक सीमा खुदरा व्यापारियों के लिए भी लागू किए जाने पर विचार किया जा रहा है।
राज्य सरकार के इस फैसले का प्रदेश के व्यापारियों के संगठनों की ओर से विरोध होना शुरु हो गया है। व्यापारी संगठनों का कहना है कि कुछ ऐसी ही सीमा बड़े रिटेल स्टोरों पर भी लागू की जानी चाहिए। उत्तर प्रदेश राज्य उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के मीडिया प्रभारी सी के छाबड़ा का कहना है कि आजकल व्यापारी नहीं कंपनियां जमाखोरी का काम कर रही हैं और दामों में तेजी ला रही हैं।
हालांकि उन्होंने सरकार के खुले बाजार में कम दामों पर चीनी बेचने का स्वागत किया है। गौरतलब है कि दाल मिलर्स एसोसिएशन की पहल पर लखनऊ और कानपुर में व्यापारी भी रिटेल काउंटर लगा कर सस्ता अरहर की दाल बेच रहे हैं।
राजधानी लखनऊ में जहां छह रिटेल काउंटरों पर 70 रुपये किलो के भाव पर दाल बेची जा रही है वहीं कानपुर में यही दाल 25 काउंटरों पर केवल 60 रुपये किलो के दाम पर बेची जा रही है। दाल मिलर्स एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश के बाकी शहरों में भी ऐसे ही काउंटर खोल दिए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार पहले से ही कर्मचारी कल्याण निगम के सूबे भर में खुले 151 डिपो पर बाजार भाव से 10 रुपये किलो सस्ती अरहर की दाल बेच रही है। (बीएस हिन्दी)

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