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14 सितंबर 2009

कपास के कम दामों से निराशा

चंडीगढ़ September 11, 2009
भारतीय कपास निगम (सीसीआई) अभी पंजाब में कपास की खरीद नहीं कर रहा है।
सीसीआई और अन्य सरकारी खरीद एजेंसियों की अनुपस्थिति का लाभ निजी खरीदार उठा रहे हैं। राज्य में सरकार द्वारा कपास के लिए तय न्यूनतम समर्थन मूल्य 2800 रुपये प्रति क्विंटल से बहुत कम दाम पर निजी कारोबारियों द्वारा खरीद की जा रही है।
भारतीय किसान यूनियन ने भटिंडा में सीसीआई कार्यालय के सामने 16 सितंबर को विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। यूनियन का कहना है कि इससे बुरा क्या हो सकता है कि पंजाब की मंडियों में कपास की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य से 200-300 रुपये प्रति क्विंटल कम दामों पर हो रही है।
चालू खरीफ सत्र के दौरान पिछले साल की तुलना में रिकॉर्ड कपास की आवक हुई है। 8 सितंबर तक मंदी में कुल आवक 61910 क्विंटल (12,382 गांठें) रही। इसकी खरीद राज्य के निजी कारोबारियों द्वारा मंडियों में की गई।
वहीं पिछले साल 8 सितंबर तक मंडी में कुल आवक 6411 क्विंटल ही रही थी। कुछ कारोबारी सूत्रों का कहना है कि इस साल कपास में नमी बहुत ज्यादा है, जिसके चलते सरकारी खरीद एजेंसियां बाजार से दूर हैं। बहरहाल, शुक्रवार को तेज बारिश के चलते मंडी में कोई आवक नहीं हुई।
मौसम विभाग के जानकारों के मुताबिक अभी 2-3 दिन तक बारिश जारी रहेगी, जिससे फसलों की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में मंडी में कपास की आवक बढ़ सकती है। वर्तमान में निजी कारोबारी ही बड़े पैमाने पर कपास की खरीद कर रहे हैं।
किसान सरकारी एजेंसियों की मौजूदगी न होने की वजह से तनाव में हैं और वे घाटा उठाने को विवश हैं। मंडी बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि मालवा क्षेत्र में कपास की औसत कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य से बहुत कम है। किसान यूनियन का कहना है कि ऐसी बुरी हालत को देखते हुए भटिंडा के सीसीआई कार्यालय के बाहर प्रदर्शन का फैसला किया गया है। (बीएस हिन्दी)

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