चंडीगढ़ September 16, 2009
इस खरीफ मौसम में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) पंजाब से 26 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदेगी। वर्ष 2008-09 के दौरान 2.13 लाख टन की खरीद की गई थी।
अधिकारियों ने यह सूचना दी कि एफसीआई को इस खरीद के मौसम के दौरान 20 फीसदी धान की खरीद का लक्ष्य दिया गया है जबकि वर्ष 2008-09 के दौरान इसने 2 फीसदी से कम की खरीदारी की है।
अधिकारियों के मुताबिक अक्टूबर के पहले हफ्ते में राज्य की अलग-अलग मंडियों में धान की आवक की उम्मीद है। बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत के दौरान एफसीआई के क्षेत्रीय मैनेजर हरीश चंदर का कहना है, 'राज्य की सरकारी एजेंसियों की कुल 127 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद में से हम लगभग 26 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद करेंगे जो कुल खरीद का 20 फीसदी होगा।'
पिछले साल की तुलना में इस सीजन में राज्य में एफसीआई की खरीद में खासतौर पर बढ़ोतरी की उम्मीद है। एफसीआई ने वर्ष 2007-08 और 2008-09 में क्रमश: 1.45 और 2.13 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की।
भंडारण क्षमता पर टिप्पणी करते हुए उनका कहना है, 'पंजाब में हमारे पास भंडारण की पर्याप्त क्षमता है। राज्य में हम 1.96 करोड़ टन अनाज का भंडार रख सकते हैं जिसमें खुला और कवर स्टोरेज दोनों ही शामिल है। फिलहाल क्षमता का उपयोगिता कुल भंडारण क्षमता में से करीब 75 फीसदी है। इसी वजह से खरीद के मौसम में भंडारण एक समस्या हो सकती है।'
उनका कहना है कि एफसीआई ऑफिसर्स एसोसिएशन (एफसीआईओए) ने यह आश्वासन दिया कि संगठन को पूरा समर्थन दिया जाए ताकि बड़े काम को पूरा किया जा सके और एफसीआई के अधिकारी इस चुनौतीपूर्ण काम को पूरा करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।
उनका कहना है कि कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे दूसरे देशों की तुलना में भारत में ट्रांजिट और स्टोरेज में घाटा कम रहा है। दूसरे जिंसों की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद एफसीआई का नियंत्रण गेहूं और चावल की बफर स्टॉक के जरिये कुछ हद तक इनकी कीमतों पर रहा है।
इसी बीच एफसीआईओए जालंधर में 20 सितंबर को एक क्षेत्रीय कॉन्फ्रेस आयोजित कर रहा है। इसमें खाद्य क्षेत्र में आते बदलाव के मद्देनजर एफसीआई की नीतियां, क्रियान्वयन और अधिकारियों पर इसके असर के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। (बीएस हिन्दी)
17 सितंबर 2009
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