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17 सितंबर 2009

विदेश में बढ़ी गुजरात की कपास की मांग

अहमदाबाद September 14, 2009
देश में 2008-09 के दौरान कपास के खरीदार बाजार से दूर रहे, क्योंकि कीमतें ज्यादा थीं। वहीं विदेशी खरीदार अब भारत का रुख कर रहे हैं।
गुजरात से निर्यात के लिए करीब 8-9 लाख गांठ कपास की बुकिंग हो चुकी है। राज्य के कपास कारोबारियों के मुताबिक समुद्र पार के कारोबारी इस सत्र की शुरुआत से ही आक्रामक रूप से कपास की बुकिंग कर रहे हैं।
निर्यात के लिए 8 से 10 लाख गांठ कपास की बुकिंग पहले ही हो चुकी है। पिछले वर्ष के दौरान खराब निर्यात कारोबार को देखते हुए यह उल्लेखनीय प्रगति है। कपास के एक कारोबारी ने कहा, 'बहु राष्ट्रीय कंपनियां और शिपर्स मुख्य रूप से गुजरात से विभिन्न कीमतों पर कपास की बुकिंग कर रहे हैं।'
सेंट्रल गुजरात कॉटन डीलर्स एसोसिएशन के किशोर साह ने कहा, 'न्यूयार्क कॉटन एक्सचेंज में कपास वायदा कारोबार इस सप्ताह मजबूत बना रहा। मार्च डिलिवरी वाले कपास के दाम 63 से 64 सेंट के बीच रहे। अंतरराष्ट्रीय खरीदार भारत से कपास की बुकिंग कर हेजिंग कर रहे हैं। इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय खरीदारों द्वारा बुकिंग की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।'
पिछले वर्ष के दौरान उत्पादन में कमी की वजह से भारत से कपास के बडे ख़रीदार चीन ने इस साल कोई अतिरिक्त स्टॉक नहीं बनाया। अहमदाबाद की कपास का कारोबार करने वाली कंपनी- अरुण दलाल ऐंड कंपनी के मालिक अरुण दलाल ने कहा, 'इस समय चीन इस लिहाज से बड़ा खरीदार है।'
दलाल के मुताबिक, 2008-09 कपास सत्र में पूरी दुनिया में 1 माह की देरी हुई और बाजार में अग्रिम स्टॉक बहुत कम है। इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय खरीदार भारत का रुख कर रहे हैं। बाजार भी चढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
वायदा बाजार में संकर किस्म के कपास की नवंबर डिलिवरी की बुकिंग 23,000 रुपये प्रति गांठ पर हुई, वहीं दिसंबर और जनवरी डिलिवरी की बुकिंग 23,200 रुपये प्रति गांठ पर हुई है। बाजार की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, कपास के कारोबारी उम्मीद कर रहे हैं कि इस साल भारत से होने वाले निर्यात में बढ़ोतरी होगी।
कारोबारियों का अनुमान है कि वर्ष 2009-10 के दौरा कुल 75 लाख गांठ कपास का निर्यात होगा, जबकि पिछले साल के दौरान 35 लाख गांठ का निर्यात हुआ था।
कपास पर दांव
अंतरराष्ट्रीय खरीदारों ने ली दिलचस्पी तो बुकिंग की संख्या में हुआ है इजाफाइस वक्त चीन है कपास का सबसे बड़ा खरीदार (बीएस हिन्दी)

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