28 दिसंबर 2009
अगले साल और बढ़ सकते हैं निकिल के दाम
वैश्विक आर्थिक हालात सुधरने से अगले साल निकिल की कीमतों में और सुधार होने की संभावना है। निकिल की वैश्विक स्तर पर खपत बढ़ने का अनुमान है। इंटरनेशनल निकिल स्टडी ग्रुप (आईएनएसजी) के अनुसार वैश्विक हार्थिक हालात सुधरने से चीन, कोरिया, ताईवान में स्टेनलैस स्टील के उत्पादन में सुधार होने लगा है। इस वजह से इन देशों में निकिल की खपत में वृद्धि होने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि निकिल का सबसे अधिक करीब 65 फीसदी उपयोग स्टेनलैस स्टील में होता है। साथ ही अगले वर्ष इसकी मांग और उत्पादन में बढ़ोतरी होने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2010 के दौरान रिफाइंड निकिल का वैश्विक उत्पादन 14।4 लाख टन होने के आसार हैं। चालू वर्ष में यह आंकडा़ 12.8 लाख टन पर रह सकता है। चालू वर्ष में पिछले साल के मुकाबले सात फीसदी की गिरावट आई है। वहीं प्राइमरी निकिल का वैश्विक उपयोग अगले साल बढ़कर 13.5 लाख होने की संभावना है। इस साल इसके 12.1 लाख टन रहने का अनुमान है। यह पिछले साल के मुकाबले छह फीसदी कम है।इस साल आर्थिक हालात सुधरने से निकिल के दाम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़े हैं। लंदन मेटल एक्सचेंज में चालू वर्ष में अब तक निकिल के दाम करीब 12,710 डॉलर से बढ़कर 18,640 डॉलर प्रति टन हो गए हैं। वहीं घरेलू बाजार में इस दौरान इसके दाम बढ़कर 523 रुपये से बढ़कर 871 रुपये प्रति किलो हो चुके हैं।जानकारों के अनुसार निकिल की सबसे अधिक मांग चीन में रहने के आसार हैं। इस साल भी चीन में निकिल की जबरदस्त मांग रही है। नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ चायना के मुताबिक चालू वर्ष में चीन में निकिल की खपत बढ़कर 4.47 लाख टन होने का अनुमान है। इसका स्टॉक इस दौरान बढ़कर 1.5 लाख टन पहुंचने का अनुमान है। इसकी वजह चीन द्वारा जनवरी-सितंबर के दौरान भारी मात्रा में निकिल का आयात करना है। वहीं चालू वर्ष की जनवरी-अक्टूबर के दौरान चीन में 20,448 टन निकिल का निर्यात किया गया। पिछली समान अवधि में यह आंकडा महज 5,542 टन था। इसके अलावा चीन में अक्टूबर माह के दौरान सितंबर के मुकाबले निकिल का करीब 87 फीसदी अधिक निर्यात हुआ। अक्टूबर में 5,879 टन निकिल निर्यात हुई जबकि सितंबर में 3,155 टन निकिल निर्यात हुई थी।उल्लेखनीय है कि बीते साल दुनिया भर में आए आर्थिक संकट की वजह से सभी बेसमेटल के साथ निकिल की मांग में भारी कमी आई थी। इस वजह से इसके मूल्यों में भी भारी कमी आई थी।निकिल की सबसे अधिक खपत स्टेनलैस स्टील में 65 फीसदी, इलैक्ट्रोप्लेटिंग में आठ फीसदी, केमिकल में पांच फीसदी और अन्य उत्पादन में 22 फीसदी होती है। (बिज़नस भास्कर)
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