31 दिसंबर 2009
एलएमई में कॉपर 16 माह के उच्च स्तर पर
नए साल में कॉपर की मांग बढ़ने की उम्मीद में बुधवार को लंदन मेटल एक्सचेंज में कॉपर के दाम 16 माह के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए। एलएमई में इसके दाम 7,300 डॉलर प्रति टन तक चढ़ गए। पावर और कंस्ट्रक्शन में मुख्य रूप से इस्तेमाल होने वाली कॉपर का दाम 4 सितंबर 2008 को 7380 डॉलर प्रति टन के स्तर पर पहुंच गया था। इन्वेस्टमैंट बैंक फेयर फैक्स के विश्लेषक जॉन मेयर के अनुसार अगले साल 2010 में हालात सुधरने की उम्मीद दिख रही है। इसी वजह से कुछ मेटल्स में निवेशकों की मांग निकल रही है। इस साल कॉपर के दाम में भारी उतार-चढ़ाव रहा। उधर, दुनिया के सबसे बड़े कॉपर उत्पादक देश जांबिया में मौजूदा वर्ष 2009 के दौरान जांबिया का कॉपर उत्पादन 7 लाख टन को छू सकता है। इससे पहले जांबिया में इतना उत्पादन 1970 में हुआ था। जांबिया के केंद्रीय बैंक ने बुधवार को रिपोर्ट में कहा कि देशभर की खानों में उत्पादन बढ़ने और लुम्वाना कॉपर माइंस में व्यावसायिक उत्पादन शुरू होने से यह बढ़ोतरी रही है। हालांकि 2009 के कॉपर निर्यात से हुई आय 19 फीसदी घटकर 298.85 करोड़ डॉलर रहने का अनुमान है। रिपोर्ट के मुताबिक 2009 के पहले 10 महीनों में कॉपर उत्पादन बढ़कर 5,75,866 टन रहा,जबकि गत वर्ष इस दौरान यह 4,80,665 टन था। कैपिसिटी यूटिलाइजेशन बढ़ने के कारण उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। (बिज़नस भास्कर)
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