मुंबई December 20, 2009
तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) उत्पादकों से मिलने वाले बॉयोडीजल की कीमतों में 8 रुपये की कटौती करना चाहती हैं। वहीं उत्पादक इससे सहमत नहीं हैं।
इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (आईओसी) के एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि तेल विपणन कंपनिया 26 रुपये प्रति लीटर (मिश्रण करने वाली जगह पर पहुंचाने पर) देने को तैयार हैं, जबकि उत्पादनक 34.50 रुपये प्रति लीटर की मांग कर रहे हैं। इन कीमतों में मूल्यवर्धित कर (वैट) 4 प्रतिशत, उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क, बिक्री कर और डीलरों का कमीशन शामिल है।
आईओसी के अधिकारी ने कहा, 'उत्पादक जितना दाम बायो डीजल का लगा रहे हैं, वह मूल ईंधन की कीमत- डीजल से ज्यादा है। हम इन शर्तों पर सहमत नहीं हैं।' दिल्ली में डीजल का भाव 32.87 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 36.07 रुपये प्रति लीटर है।
बॉयो डीजल एसोसिएशन आफ इंडिया का कहना है कि उसने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि तैयार माल (मिश्रित बॉयो डीजल) पर कोई कर न लगाया जाए। एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप चतुर्वेदी ने कहा, 'बॉयो डीजल पर कर लगाए जाने के मामले में सरकार ने कोई स्पस्टीकरण नहीं दिया है। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि मिश्रित डीजल पर कोई कर नहीं लगेगा।'
राज्य सरकारें मूल्य वर्धित कर लेती हैं, जो शून्य से 4 प्रतिशत तक है। वहीं डीजल पर जहां मुंबई में 34 प्रतिशत कर लगता है तो त्रिपुरा में 8.3 प्रतिशत। बिक्री कर के अलावा राज्य सरकारें कच्चे तेल पर प्रवेश शुल्क या चुंगी भी लगाती हैं। यह भी विभिन्न राज्यों में 2 प्रतिशत से लेकर 4 प्रतिशत तक है।
इस साल जुलाई में सरकार ने बॉयो डीजल पर सीमा शुल्क 7.5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया और हाई स्पीड डीजल, जिसमें 20 प्रतिशत बायो डीजल मिश्रित हो, पूरी तरह से सीमा शुल्क से मुक्त कर दिया गया। चतुर्वेदी ने कहा, 'इसी तरह की कर छूट हम बॉयोडीजल के उत्पादन के लिए फीडस्टॉक के आयात पर चाहते हैं, जो इस समय 45 प्रतिशत है।'
भारत अपने कुल तेल खपत का 70 प्रतिशत से अधिक का आयात करता है और बॉयो डीजल के प्रसंस्करण की क्षमता 2 लाख टन प्रति वर्ष है। लेकिन ज्यादातर बॉयो डीजल इकाइयां कई साल से चल नहीं रही हैं। भारत में बॉयो डीजल का औद्योगिक उत्पादन और विपणन नगण्य है। (बीएस हिन्दी)
22 दिसंबर 2009
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