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22 दिसंबर 2009

रबर का उत्पादन बढ़ाने की तैयारी

कोच्चि December 21, 2009
रबर बोर्ड देश के उत्तर-पूर्व राज्यों में प्राकृतिक रबर का उत्पादन बढ़ाने के लिए एक बृहत कार्ययोजना लागू करेगा।
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में रबर उत्पादन पर 244.5 करोड़ रुपये खर्च का लक्ष्य किया गया है। बोर्ड की तरफ से रखे गए प्रस्ताव को भारत सरकार की भी मंजूरी मिल गई है। इस योजना में मुख्य रूप से असम, त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में रबर की खेती बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
सरकार ने 10 साल की अवधि में देश में प्राकृतिक रबर का उत्पादन दोगुना करने का निश्चय किया है। 2008-09 में देश में 864,500 टन रबर का उत्पादन हुआ था। इसमें से 37,240 टन का उत्पादन उत्तर पूर्वी राज्यों में हुआ था।
रबर बोर्ड ने इन राज्यों में करीब 4.5 लाख हेक्टेयर जमीन की पहचान रबर की खेती केलिए उपयुक्त जमीन के रूप में की है। पर अभी तक सिर्फ 72,000 हेक्टेयर जमीन पर रबर की खेती की गई है। इसमें भी 42,000 हेक्टेयर जमीन अकेले त्रिपुरा में ही है। पूरे देश में प्राकृतिक रबर की खेती 662,000 हेक्टेयर जमीन में की जाती है जिसका 92-93 फीसदी हिस्सा केरल में है।
केरल के बाद त्रिपुरा देश का दूसरा सबसे बड़ा रबर उत्पादक राज्य है। रबर बोर्ड ने 2011-12 तक उत्तर पूर्व में रकबे में 26,200 हेक्टेयर की बढ़ोतरी करने की योजना बनाई है। इन इलाकों में नई पैदावार या पुन: पैदावार के लिए बोर्ड प्रति हेक्टेयर 30,000 रुपये तक की वित्तीय मदद देगा।
इसके साथ ही बोर्ड 23.47 करोड़ रुपये मानव संसाधन विकास और 8.8 करोड़ रुपये शोध एवं विकास पर भी खर्च करेगा। मनाव संसाधन विकास कार्यक्रम में मुख्य रूप से रबर की खेती करने वाले मजदूरों के लिए प्रशिक्षण और कल्याण कार्यक्रमों को शामिल किया जाएगा।
योजना में बागानों के पोषण, रबर की प्रोसेसिंग और विपणन के लिए भी 19.55 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में 25,000 हेक्टेयर रबर की खेतों के लिए बाड़ और 500 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए सिंचाई की सुविधा दी जाएगी।
बढ़िया गुणवत्ता वाले रबर के उत्पादन के लिए और ज्यादा बागान बनाए जाएंगे। इसके लिए भी योजना में 5 करोड़ रुपये खर्च का प्रस्ताव है। उत्तर पूर्व राज्यों में विकास कार्यक्रमों में तालमेल बिठाने के लिए इन राज्यों के लिए विशेष तौर पर एक रबर प्रोडक्शन कमिशनर की नियुक्ति की जाएगी। तीन नए क्षेत्रीय कार्यालय भी जल्द ही शुरू किए जाएंगे। (बीएस हिन्दी)

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