उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों के बीच गन्ना मूल्य को लेकर प्राइस वार शुरू हो गया है। सहारनपुर स्थित उत्तम शुगर मिल्स लिमिटेड ने गन्ने का खरीद मूल्य और बढ़ाकर 220-225 रुपये प्रति क्विंटल तक कर दिया है। यह कीमत पहले तय किए गए दाम से 10 रुपये और राज्य सरकार द्वारा तय किए गए राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) से 50-55 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा है। उत्तम शुगर द्वारा दाम बढ़ाए जाने से राज्य की अन्य प्राइवेट मिलों के साथ ही को-ऑपरेटिव मिलों पर भी गन्ने के दाम बढ़ाने का दबाव बढ़ जाएगा। हालांकि, सबसे ज्यादा मुश्किल को-ऑपरेटिव मिलों के सामने आ सकती है क्योंकि वे ज्यादा मूल्य दे नहीं पाएंगी।
केंद्र सरकार ने चालू पेराई सीजन के लिए नई मूल्य प्रणाली फेयर एंड रिम्यूनेरेटिव प्राइस (एफआरपी) के तहत गन्ने का दाम 129.94 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। उधर, उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने चालू पेराई सीजन के लिए गन्ने का एसएपी 162.50 रुपये से 170 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। लेकिन राज्य में गन्ना क्षेत्रफल घटने से मिलों को पर्याप्त गन्ना न मिलने के कारण उन्हें गन्ने के दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं। गन्ना कीमतों को लेकर किसानों के आंदोलन के कारण पहले मिलें गन्ना किसानों को 205-210 रुपये प्रति क्विंटल का दाम देने को तैयार हुई थीं, लेकिन इन भावों पर किसानों द्वारा गन्ना न दिए जाने से मिलों को भाव बढ़ाकर 210-215 रुपये प्रति क्विंटल करने पड़े।
गन्ना कीमतों पर सहमति न बनने के कारण ही चालू सीजन में गन्ने की पेराई करीब दो माह देर से शुरू हो पाई है। सूत्रों के अनुसार उत्तम शुगर मिल्स को पर्याप्त गन्ना नहीं मिल पा रहा था, जबकि मिल अपने कैप्टिव पावर प्लांट से रोजाना सात-आठ मेगावाट अतिरिक्त बिजली बेचकर अच्छी आय अर्जित कर सकती है। माना जाता है कि इसी वजह से उसने किसानों को गन्ने का सबसे ऊंचा मूल्य देने का फैसला किया है। इसके बाद मिलों के बीच गन्ना खरीदने के लिए प्राइस वार और तेज होने की संभावना बढ़ गई है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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