22 दिसंबर 2009
उद्योगों की मांग घटने से सिंथेटिक यार्न सस्ता
उद्योगों से मांग गिरने के कारण सिंथेटिक यार्न के दाम पिछले एक माह के दौरान चार फीसदी तक घट चुके हैं। कारोबारियों के मुताबिक क्रूड की कीमतों में गिरावट की वजह से भी सिंथेटिक यार्न की कीमतों में कमी को बल मिला है। बाजार में सिंथेटिक यार्न में एक माह के दौरान पॉलिस्टर यार्न 2*42 के दाम 135-145 रुपये से घटकर 130-140 रुपये, 3*56 के दाम 150-165 रुपये घटकर 145-160 रुपये रह गए हैं। वहीं पीपी यार्न-800 डेनियर के दाम 105 रुपये से घटकर 100 रुपये और 1200 डेनियर के दाम 110 रुपये से घटकर 106 रुपये प्रति किलो पर आ चुके हैं। रुई मंडी ट्रेडर्स एसोसिएशन के चैयरमेन और मैसर्स गर्ग ब्रदर्स के मालिक केवल कुमार गर्ग ने बिजनेस भास्कर को बताया कि मांग घटने के कारण सिंथेटिक यार्न के की कीमतों में पांच से छह रुपये प्रति किलो की कमी आई है। उनका कहना है कि सर्दियों में इसकी मांग कम रहती हैं। इसका उपयोग कंबल, सिलाई और बुनाई कार्य में होता है। इनका निर्माण सर्दियों से पहले हो जाता है। इन दिनों तो बिक्री होती है। इसके अलावा क्रूड ऑयल के दाम घटने के कारण भी इसकी कीमतों में कमी आई है। पीपी यार्न कारोबारी संजय जैन ने बताया कि पिछले दो माह के दौरान क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट आई है। इस दौरान इसके दाम 85 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार करने के बाद 73 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए हैं।कारोबारियों के मुताबिक इसके मूल्यों में और कमी आ सकती है। गर्ग का कहना है कि क्रूड ऑयल के दाम घटने के कारण पॉलिएस्टर यार्न बनाने में उपयोग होने वाले फाइबर के दाम घटने के आसार हैं। इन दिनों फाइबर का मूल्य 72 रुपये प्रति किलो है। आगे इसकी कीमत में तीन से चार रुपये प्रति किलो की कमी आने की संभावना है। लिहाजा यार्न के दाम भी कम होने के आसार हैं। पिछले साल आर्थिक संकट की वजह से सिंथेटिक यार्न की मांग में गिरावट आई थी, लेकिन इस साल आर्थिक हालात सुधरने की वजह से बीते महीनों के दौरान इसकी मांग खूब निकली थी। भारत में सिंथेटिक यार्न बनाने वाली कंपनियों में रिलायंस और इंडोरामा सिंथेटिक इंडिया लिमिटेड प्रमुख कंपनी हैं। (बिज़नस भास्कर)
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