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19 दिसंबर 2009

निर्यात अधिक होने से काबुली चना पिछले साल से महंगा

पिछले साल नई फसल के पहले के मुकाबले इस बार काबुली चने के दाम 10 फीसदी अधिक है। इसकी वजह चालू वर्ष के दौरान इसकी निर्यात मांग मजबूत रहना है। कारोबारियों के अनुसार घरेलू मांग भी अधिक रहने से इसकी कीमतों में तेजी को बल मिला है। मध्य प्रदेश की मंडियों में साल भर में काबुली चने के दाम 4700-4900 रुपये से बढ़कर 5400-5500 रुपये प्रति क्विंटल हो चुके हैं। राष्ट्रीय राजधानी की खारी बावली स्थित ग्रेन मार्केट में इसके दाम 5300-5400 रुपये से बढ़कर 5800-5900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं।मध्य प्रदेश की सतना मंडी के कारोबारी और काबुली चना निर्यातक कमलेश पटेल ने बिजनेस भास्कर को बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस बार काबुली चने की निर्यात मांग अधिक रहने के कारण इसके दाम पिछले साल के मुकाबले 500-600 रुपये प्रति क्विंटल अधिक हैं। उनका कहना है कि इस साल करीब 1.25 से 1.40 लाख टन काबुली चने का निर्यात होने का अनुमान है। पिछले साल करीब 1-1.10 लाख टन काबुली चना निर्यात हुआ था। इन दिनों काबुली चने का निर्यात मूल्य 1250-1270 डॉलर प्रति टन चल रहा है। दिल्ली के काबुली चना कारोबारी डी.सी. गुप्ता का कहना है कि घरेलू मांग अधिक रहने के कारण भी इसके दाम पिछले साल से अधिक चल रहे हैं। इस साल काबुली चने के दाम अधिक मिलने के कारण इसकी बुवाई अधिक होने का अनुमान है। ऐसे में अगले सीजन में इसकी पैदावार में बढ़ोतरी हो सकती है। कारोबारियों के मुताबिक चालू वर्ष में देश में 2.5-3.25 लाख टन काबुली चने का उत्पादन हुआ। इसमें मध्य प्रदेश की हिस्सेदारी 2 से 2.25 लाख टन की रही। देश में काबुली चने की फसल मध्य प्रदेश में सबसे अधिक होती है। मध्य प्रदेश से काबुली चना निर्यात होता है। इसके अलावा महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी काबुली चने का उत्पादन किया जाता है। जबकि सबसे पहले इसकी सप्लाई कर्नाटक से जनवरी में इसके बाद महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से इसकी सप्लाई फरवरी माह से शुरू होती है। देश से पाकिस्तान, अल्जीरिया, यूरोप, दुबई और सऊदी अरब सहित कई देशों को काबुली चने का निर्यात किया जाता है। जबकि कनाडा, मैक्सिको, टर्की सहित अन्य काबुली चना उत्पादक देशों से इसका आयात भी किया जाता है। (बिज़नस भास्कर)

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