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19 दिसंबर 2009

नए नियम से बढ़ेगी सट्टेबाजी!

मुंबई December 18, 2009
अक्षय ऊर्जा प्रमाणपत्र (आरईसी) पर सीईआरसी के प्रस्तावित विनियमन का हालांकि ज्यादातर विद्युत कंपनियों और कारोबारियों ने स्वागत किया है।
लेकिन उन्होंने चेतावनी दी है कि अक्षय ऊर्जा की कम आपूर्ति से ऊर्जा की किल्लत झेल रहे ऊर्जा बाजार में सट्टेबाजी और उतार-चढ़ाव को बढ़ावा मिलेगा। इंडियन एनर्जी एक्सचेंज और पावर एक्सचेंज इंडिया दोनों ने एक्सचेंजों के जरिए आरईसी का कारोबार करने के प्रस्ताव का स्वागत किया है।
सीईआरसी यानी केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग के समक्ष 15 दिसंबर को हुई सुनवाई में ऊर्जा उत्पादकों और कारोबारियों ने बताया कि अक्षय ऊर्जा स्रोत पहले से बंधे हैं और वे प्रमाणपत्र जारी नहीं करेंगे। इसके अलावा, जो राज्य अक्षय ऊर्जा का ज्यादा उत्पादन कर रहे हैं, वे ऊर्जा किल्लत के चलते निर्बाध पहुंच से मना कर सकते हैं।
ऊर्जा बाजार में करीब आधी हिस्सेदारी रखने वाली पीटीसी इंडिया ने कहा कि आरईसी का कारोबार ऊर्जा एक्सचेंजों तक ही सीमित नहीं होना चाहिए। कारोबारियों को अन्य विकल्पों जैसे द्विपक्षीय बिकवाली और बैंकिंग, पोर्टफोलियो मैनेजर और वायदा बिक्री फॉरवर्ड के जरिए कारोबार करने की अनुमति भी मिलनी चाहिए।
सीईआरसी के अध्यक्ष प्रमोद देव ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, 'सीईआरसी अगले दो हफ्तों में अंतिम नियमन जारी करने का आदेश दे देगा। अक्षय ऊर्जा को प्रोत्साहित करने का उद्देश्य इसके असंतुलित वितरण को दुरुस्त करना है।' (बीएस हिन्दी)

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