कोलकाता. योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने मंगलवार को कहा कि 10 वर्षों के शिखर पर चल रही खाद्य पदार्थ की कीमतें अगले माह से घटना शुरू हो सकती हैं।
अहलूवालिया ने कहा कि इस समय उत्पादों के खुदरा मूल्य उनके थोक मूल्यों से काफी आगे निकल गए हैं। फिर भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंची कीमतों के कारण बिना सब्सिडी आयात नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, ‘यह एक जटिल स्थिति है और सिर्फ मौद्रिक उपायों से इसका ठीक होना मुश्किल है। सूखे के बाद कीमतों में आए उछाल का प्रमुख कारण सट्टेबाजी है। सरकार के पास खाद्यान्न के पर्याप्त भंडार मौजूद हैं और जनवरी से उनकी कीमतों को कम किया जा सकता है।’
गौरतलब है कि खाद्य पदार्थों की कीमतें 10 वर्षों के शिखर पर चल रही हैं। दिसंबर के पहले सप्ताह में मुद्रास्फीति करीब २क् फीसदी दर्ज की गई है। आलू समेत अन्य सब्जियों व दालों की कीमतें आसमान छू रही हैं।
प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार समिति के चेयरमैन सी रंगराजन ने कहा था कि रिजर्व बैंक बाजार में तरलता घटाकर और ब्याज दरें बढ़ाकर महंगाई काबू करने का प्रयास कर सकता है। (दीनिक भास्कर)
23 दिसंबर 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें